रायगढ़ से शुरू होने वाली लंबी दूरी की एकमात्र ट्रेन में भी नहीं ध्यान
जनकर्म न्यूज
रायगढ़। रायगढ़ से शुरू होने वाली लंबी दूरी की एकमात्र ट्रेन गोंडवाना एक्सप्रेस में यात्री सुविधाओं पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस ट्रेन की नियमित सफाई नहीं होने से यात्रियों का गंदगी और दुर्गंध से जीना मुहाल हो गया है। मेंटेनेंस के अभाव में इस ट्रेन की दुर्गति हो रही है। सब कुछ जान कर भी रेलवे के अधिकारी अंजान बने हुए हैं। जिसका खामियाजा मुसाफिरों को भुगतना पड़ रहा है।
रायगढ़ औद्योगिक नगरी होने के कारण महाराष्ट्र, हरियाणा,एमपी, यूपी व दिल्ली से हजारों की संख्या में लोग यहां कमाने-खाने आते हैं। माह में कई बार उन्हें अप-डाउन करना पड़ता है। इसके अलावा रायगढ़ से भी सैकड़ों लोगों का इस ट्रेन में आना-जाना लगा रहता है। खास बात यह है कि इस ट्रेन में फेयर के नाम पर किराया वसूला तो जा रहा है, लेकिन वो सुविधाएं नहीं दी जा रही है जो मिलनी चाहिए। वर्तमान में इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्री गंदगी से परेशान हैं। चाहे एसी कोच हो या स्लीपर या फिर जनरल कोच, यहां के टॉयलेट में गंदगी का आलम रहता है। रायगढ़ से जब ट्रेन रवाना होती है तो ट्रेन में पानी तक नहीं रहता, जिससे यात्री टॉयलेट तक जाने में असमर्थता जाहिर करते हैं। वहीं कोच के भीतर टॉयलेट से आने वाले बदबू से लोग इस कदर परेशान हैं कि उन्हें मास्क या कपड़े से नाक-मुंह को ढंकना पड़ता है। इतना ही नहीं ट्रेन के बेसिन में पान-गुटखों के पिक और गंदे पानी भरे रहते हैं, जिसे देख कर उल्टी आने लगती है, इसकी भी सफाई नहीं की जाती। स्लीपर के साथ एसी के कोच में भी करीब-करीब ऐसी स्थिति रहती है। ट्रेन के कोच में सीट से लेकर नीचे तक खाद्य सामग्री और उनके रेपर पड़े रहते हैं। इस तरह ट्रेन में गंदगी पसरी रहती है। इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों ने बताया कि कई माह से गोंडवाना एक्सप्रेस में नियमित सफाई नहीं हो रही है। यात्रियों की शिकायत पर भी रेलवे प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है।
वीआईपी ने भी ट्रेन से बना ली दूरी
पहले वीआईपी लोग भी ट्रेन में सफर करते थे, लेकिन अब उन्होंने ट्रेन यात्रा से पूरी तरह दूरी बना ली है। कभी विधायक, मंत्री, सांसद का भी ट्रेनों से रायगढ़ आना होता था, जिनके स्वागत के लिए स्टेशन में ढोल-ताशे बजते थे। बीते कुछ सालों से यह तामझाम भी पूरी तरह बंद है। इसका कारण यह है कि वीआईपी लोगों को भी ट्रेनों की दुर्दशा की जानकारी है, लेकिन वो इस गंभीर मुद्दे पर मुखर होने के बजाय ट्रेनों से ही दूरी बना लिए हैं। सक्षम होने के कारण उन्हें लक्जरी चारपहिया वाहनों में सफर करना पसंद आता है। ज्यादा हो तो वीआईपी हवाई यात्रा कर लेते हैं, लेकिन ट्रेन में सफर करना उन्हें बिल्कुल भी नहीं भाता। यही कारण है कि अब रेलवे के अधिकारी भी यात्री ट्रेनों में सुविधा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
स्लीपर कोच कम करने से यात्रियों की जेब हो रही ढीली
रेलवे द्वारा पिछले साल ही गोंडवाना एक्सप्रेस से स्लीपर कोच को कम कर दिया है। पहले इस ट्रेन में 8 एसी, 6 स्लीपर व 5 जनरल कोच थे। वहीं अब रेलवे ने इसमें परिवर्तन करते हुए स्लीपर कोच को 2, एसी कोच को 13 व जनरल कोच को 4 कर दिया है। जिससे मध्यम वर्गीय यात्रियोंं की मुसीबतें बढ़ गई। क्योंकि उनके लिए महंगी टिकट कटा कर एसी में सफर करना मजबूरी बन गया है। इसके बाद भी यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिलने से उनमें आक्रोश देखने को मिल रहा है।
वर्सन
गोंडवाना एक्सप्रेस नारदान रेलवे की गाड़ी है। इसका प्रायमरी मेंटेनेंस जिसमें धुलाई से लेकर साफ-सफाई सहित सबकुछ दिल्ली में होता। उसके बाद सेकण्डरी मेंटेनेंस रायगढ़ में होता है। रायगढ़ में मेंटेनेंस के लिए स्टॉफ तो हैं, अब तक ट्रेन में गंदगी की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।
अंबिकेश साहू, एपीआरओ, एसईसीआर
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वर्सन
रायगढ़ में गोंडवाना एक्सप्रेस की नियमित साफ-सफाई होती है और दो से ढाई घंटे तक ट्रेन में पानी भरा जाता है। ट्रेन शुरू होने से पहले उसकी जांच भी होती है, अभी तक इस टे्रन का मेंटेनेंस नहीं होने संबंधी कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।
एसएस महापात्रा, स्टेशन मास्टर, रायगढ़
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