Tuesday, December 24, 2024
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निगम के शामिल होने के 12 साल बाद भी मरघट्टीपारा वासियों के नसीब में नहीं एक अदद सडक़

तालाब का मेड़ और उबड़-खाबड़ रास्ता ही एकमात्र सहारा, बारिश में मोहल्ला बन जाता है डबरी

रायगढ़। वार्ड क्रमांक 47 विजयपुर का मरघट्टी पारा 12 साल पहले नगर निगम शामिल हुआ है। तब से लेकर आज तक इस मोहल्ले में प्रवेश करने के लिए एक सडक़ तक नहीं बनी है। तालाब का मेड़ और उबड़-खाबड़ रास्ता ही यहां के लोगों का एकमात्र सहारा है। बारिश के दिनों में यह मोहल्ला डबरी में तब्दील हो जाता है। शहर सरकार और वार्ड पार्षद भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे लोगों का जीना हराम हो गया है।
मरघट्टी पारा पहले ग्राम पंचायत में आता था। साल 2012 में यह मोहल्ला नगर निगम में शामिल हुआ। निगम में शामिल होने के 12 साल बाद भी मरघट्टी पारा किसी बिहड़ ग्रामीण क्षेत्र की तरह नजर आता है। यहां के रहवासी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं। आज तक उनके नसीब में एक अदद सडक़ तक नहीं है। स्थानीय पार्षद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। जिससे अब क्षेत्रवासियों में आक्रोश पनपने लगा है। मरघट्टीपारा की आबादी करीब 200 है, जिसमें 150 मतदाता शामिल हैं। उनके द्वारा सालों से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से एक सडक़ की मांग की जाती रही है, लेकिन किसी भी पार्षद ने उनकी नहीं सुनी। विजयपुर पेट्रोल पंप के सामने स्थित तालाब का मेड़ एक रास्ता है जहां से लोग पैदल आना-जाना करते हैं। क्योंकि यह मेड़ काफी पतली है, जिससे दुपहिया वाहन इसमें गुजर नहीं पाती और अगल-बगल खाई होने से गिरने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा उत्सव मैरिज गार्डन के सामने एक रास्ता है जोकि काफी जर्जर है। यहां पैदल चलने से भी लोग अनियंत्रित हो जाते हैं। इसी रास्ते को बनवाने के लिए क्षेत्रवासी जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है। वर्तमान में यह मोहल्ला डबरी में तब्दील हो गया है। बड़े-बड़े गड्ढे, कीचड़ और फिसलन से लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश में उनका आना-जाना बंद हो जाता है। अपने 5 साल के कार्यकाल में शहर सरकार और वार्ड पार्षद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पाए हैं।

शादी-विवाह में भी पैदा होता है अड़चन

स्थानीय लोगों ने बताया कि मोहल्ले में सडक़ नहीं होने से यहां शादी-विवाह में भी अड़चन पैदा हो रहा है। किसी तरह लडक़ों की शादी तो हो जाती है, लेकिन सडक़ के अभाव में बेटियों से जल्दी कोई विवाह नहीं करता। कुछ लोगों ने बताया कि वो अपनी बेटियों का विवाह अपने गृह ग्राम में जाकर करते हैं। इस तरह यहां के लोग भारी समस्या से गुजर रहे हैं।

कमिश्नर ने भी देखा है हाल

मई माह में निगम कमिश्नर सुनील कुमार चंद्रवंशी भी इस वार्ड के निरीक्षण में पहुंचे थे। तब उन्होंने भी देखा कि मरघट्टी पारा वालों के आने-जाने के लिए कोई सडक़ ही नहीं है। इसके बाद भी कमिश्नर ने इस ओर कोई रूचि नहीं दिखाई और बिना कुछ कहे ही वहां से चले गए। जबकि जब कमिश्नर इस मोहल्ले में पहुंचे थे तब लोगों में एक उम्मीद थी कि जनप्रतिनिधि नहीं तो कम से कम अधिकारी ही उनके लिए कुछ करेंगे, लेकिन उनकी उम्मीद पर भी पानी फिर गया।

सिर्फ वोट मांगने आते हैं नेता

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब पार्षद चुनाव आता है तो आसपास के नेता सक्रिय हो जाते हैं और इनके मोहल्ले में डेरा जमा कर उन्हें इस कदर झांसे में लेते हैं कि पूरे मोहल्ले का नक्शा ही बदल देंगे। वहीं भोले-भाले लोगों को गुमराह कर उन्हें वोट मांगते हैं। चुनाव के बाद पार्षद यहां झांकने तक नहीं आते। इसी तरह विधानसभा चुनाव में भी होता है। यह मोहल्ला लैलूंगा विधानसभा में आता है, लेकिन कभी भी कोई विधायक यहां नहीं आते।

शुरू से कर रहा हूं प्रयास : पार्षद

इस संबंध में वार्ड पार्षद पदुम लाल परजा ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वर्ष 2019 से ही वो यहां सडक़ बनाने के लिए प्रयासरत हैं। उनके द्वारा कई बार निगम में आवेदन भी दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तालाब का मेड़ निजी जमीन है। जमीन मालिक की सहमति से लोग इसमें आना-जाना करते हैं। जबकि उत्सव के सामने का उबड़-खाबड़ रास्ता वन भूमि है। वन विभाग यहां सडक़ बनाने की अनुमति नहीं दे रहा है। जिससे लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

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