दो इलाके जोड़ने वाली जर्जर सड़क आवागमन को कर रहा है बाधित, बारिश से और बढ़ेगा क्षेत्रवासी की मुसीबत
शहर से लगे हुए सबसे कम दूरी पर मौजूद पंचायत क्षेत्र,आवागमन बेहाल ग्रामीण आंदोलन की राह में
प्रशासनिक उदासीनता से बड़े अतरमुडा और बोंदाटिकरा, प्राची विहार की जर्जर सड़क बयां कर रही है दीया तले अंधेरे की कहावत
दो इलाके जोड़ने वाली जर्जर सड़क आवागमन को कर रहा है बाधित, बारिश से और बढ़ेगा क्षेत्रवासी की मुसीबत
शहर से लगे हुए सबसे कम दूरी पर मौजूद पंचायत क्षेत्र,आवागमन बेहाल ग्रामीण आंदोलन की राह में
रायगढ़।
प्राचीन काल से लेकर अब तक दीया तले अंधेरे की कहावत काफी प्रचलित होने के साथ चर्चित है।ऐसा ही हाल
शहर से लगे हुए सबसे कम दूरी पर मौजूद पंचायत क्षेत्र बड़ेअतर मुड़ा, बोदाटिकरा गांव को प्राची विहार टीवी टावर से जोड़ने मार्गका है। यहां की सड़क खस्ताहाल है। बड़े बड़े गढ्ढे आवागमन को जोखिम भरा बना रहे है ग्रामीण व क्षेत्र से लगे आधा दर्जन कालोनी के रहवासी भी परेशान है। बावजूद इसके सड़क को बनाने में स्थानीय प्रशासन बनाने में कोई दिलचस्पी नही दिखा रहा है। जो उक्त कहावत को चितार्थ कर रहा है। ऐसे में स्थानीय ग्रामीण आंदोलन की राह में रणनीति बना रहे है।
प्राची विहार से बड़े अतर मुड़ा व केलो नदी के दूसरे छोर पर बोदाटिकरा, संस्कार स्कूल मार्ग व अन्य गांव के ग्रामीणों का शहर आने के लिए सीधा व सरल मार्ग था लेकिन अब यह जर्जर व दुर्घटनाओं का सबब बनने की राह में आ गया है। जहां प्राची विहार बड़ेअतरमुडा से एसईसीएल होकर शहर आने वाले लोगो को दोनो मार्ग की जर्जरता झेलना पड़ रहा है। यह सड़क पूर्व में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निर्माण कर बनाया गया था। किंतु भारी वाहनों का आवाजाही बने रहने के चलते यह मार्ग खस्ताहाल हो गया है, बड़े बड़े गड्ढे जानलेवा साबित हो रहा है।
दूसरी तरफ बड़े अतर मुडा गांव से बाहर निकलने वाला मार्ग पाइपलाइन खुदाई से जीर्ण शीर्ण पड़ा है। ऐसे में दोनो मार्ग में ग्रामीण अंचल व स्कूल आवाजाही के लिए बच्चे बड़ी संख्या में आना जाना करते है। वहीं इस सड़क की जर्जरता से जिला प्रशासन व निगम प्रशासन दोनो भली भांति अवगत भी है लेकिन क्षेत्राधिकार नही होने के चलते उदासीनता की चादर ओढ़ बैठा है।दरअसल इसी मार्ग से सटे 4 से 5 बड़े कालोनी है जो निगम के शहरी क्षेत्र में जुड़ा है जबकि अतरमुडा शहर के मुनार यानी अंतिम छोर में है। यही वजह है कि यह सड़क आस्तित्व में नही आ पा रहा है। देखा जाए तो पीएम योजना के तहत की सड़क छोटी वाहन के लिए ही रहता है। किन्तु क्षमता से अधिक लोड वाले वाहनो के चलते यह सड़क जर्जर हो गई है ऐसा कहना गलत नही होगा और इसका खामियाजा आम जनता व क्षेत्र वासियो को भुगतना पड़ रहा है। बहरहाल जर्जर सड़क से लोगो का सब्र का बांध झलक रहा है जो आंदोलन के रूप में फूट सकता है। जिसके लिए ग्रामीण जन आंदोलन की रणनीति भी बना रहे है।
बारिश में कीचड़ और गड्ढे बनेगा जानलेवा परेशानी
जर्जर गढ्ढे यूक्त सड़क में सामान्य दिनों यानी गर्मी व ठंड के मौसम में यहां से गुजरने वाले लोगो को धूल से परेशान होना पड़ता है जबकि गर्मी के बाद बारिश में यह सड़क जानलेवा बन जाता है दरअसल बड़े बड़े गढ्ढे में पानी भर जाता है। मिट्टी सड़क होने की वजह कीचड़ से सरोबार रहता है। यही वजह है कि 12 माह इस मार्ग से आवागमन करने वाले व क्षेत्रवासी मुसीबत के बीच आवाजाही करने को मजबूर हैं। अब जब बारिश प्री मानसून दस्तक दे दी है तो आने वाले दिनों में यही बरसात कीचड़ यूक्त सड़क राहगीरों के लिए जानलेवा बनेगा।
चुनावी वर्ष में खुला था खजाना, फिर भी नही दी किसी ने ध्यान
हाल ही में लोकतंत्र के महापर्व का सीजन खत्म हो गया। जबकि चुनावी वर्ष विधानसभा फिर लोकसभा के दौरान
शासन ने विकास व अधोसंरचना संरचना के लिए राजस्व कोष का खजाना खोलकर रख दिया था, लेकिन यह सड़क पर किसी की नजर नही पड़ी। जबकि यह सड़क करीब 6 साल से जर्जरता का दंश झेल रहा है। उक्त सड़क पूर्व में प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनाया गया था और अब उक्त विभाग इस सड़क को अपने दायरे से बाहर का होना बता रही है। फिलहाल जर्जर सड़क से क्षेत्रवासी हलाकान है
वर्जन
शहर आने का प्रमुख मार्ग यही है पुल बनने से पहले बाई पास होकर आना पड़ता था। पुल के उस तरफ़ की सड़क कई साल से मानो खस्ताहाल है। उपर से ट्रेक्टर व अन्य भारी वाहन के चलने से बड़े बड़े गड्ढे बन चुके है। मार्ग में लाइट की व्यवस्था नही होने से रात में आसपास व शहर के अन्य इलाके में आने में काफी दिक्कत होती है। दुर्घटना भी हो जाती है कभी कभी।
-कृष्णा खड़ीक
बोदाटिकरा ग्रामवासी
वर्जन
हमारे गांव की सड़क पूर्व में बनाया गया था। लेकिन भारी वाहन व स्तर हिन निर्माण से अतरमुड़ा से टीवी टॉवर वाला मार्ग जर्जर हो गया है। इसके अलावा गांव की मिट्टी वाली सड़क पहले ठीक थी लेकिन पाइप लाइन बिछाए जाने से यह और खराब हो गया है। समस्या को सरंपच व अन्य गांव केवरिष्ठ लोगो को बताया जा चुका है पर कोई ध्यान नही दे रहे है।
-हेमनाथ चौहान
बड़े अतरमुड़ा ग्राम वासी