Tuesday, December 24, 2024
Google search engine
spot_img
Homeछत्तीसगढ़शहर के संवेदनशील नाले नाली की सफाई में कोताही बरतने से क्षेत्र...

शहर के संवेदनशील नाले नाली की सफाई में कोताही बरतने से क्षेत्र बनेगा अघोषित तालाब

गोपी टाकीज,श्याम टाकीज, पेठूं डबरी से जल निकासी की ज्वलंत समस्या, हर बार जल भराव से जूझते है लोग

रायगढ़।
प्री मानसून की दस्तक हो चुकी है मौसम विभाग में भी जल्द ही मौसम गर्मी से राहत देने पूर्ण रूप से मानसून का आगमन होगा। ऐसे में शहर में बारिश के मौसम में सबसे बड़ी समस्या शहरी क्षेत्र के लोगो को जलभराव तथा अघोषित तालाब की वजह से परेशानियो का सामना करना पड़ता है। इस बीच शहर के कई जनप्रतिनिधियों ने सफाई बेहतर तरीके से नही होने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए नाराजगी भी जाहिर कर रहे है।
गौरतलब हो कि बरसात पूर्व पानी निकासी एवं बाढ़ से निपटने निगम प्रशासन द्वारा दो महीने पूर्व से तैयारी की जा रही है। वहीं 23 मई से बड़े पोकलेन के माध्यम से बड़े नालों की सफाई आरंभ हुआ है। निगम प्रशासन का दावा है कि 6 दिनों में 5 किलोमीटर से ज्यादा बड़े नालों की सफाई की गई है। इसमें अब तक लक्ष्मीपुर पुलिया से कार्मेल स्कूल पलिया तक, लक्ष्मीपुर से इंदिरा नगर भोला गली पुलिया तक, भोला गली पुल से जोगीडीपा पुलिया तक, जोगीडीपा पुल से धोबीपारा पुलिया तक एवं बैजनाथ मोदी नगर नाले की सफाई पूर्ण कर ली गई है। सफाई के दौरान नलों में जमे मलवे, कचरा को बाहर निकाला जा रहा है एवं नालें की पूर्ण सफाई की जा रही है। तय शेड्यूल के मुताबिक निगम प्रशासन आने वाले दिनों में रामभांठा, भगवानपुर कांदाजोर नाला, चिरंजीव दास नगर नाला, रोज गार्डन होते हुए टीवी टावर के पीछे तक पोकलेन से नालों की सफाई की जाएगी। इसी तरह निगम के छोटे पोकलेन से भी शहर के छोटे नाले नालियों की सफाई चल रही है।
वहीं जिन नाले में मैन पावर की जरूरत है वहां गैंग लगाकर सफाई चलना बताया जा रहा है। फिलहाल सफाई की पड़ताल में जिस लिहाज से नाले की सफाई होनी चाहिए वह स्थिति नदारद है। वही अगर नाले की सफाई में लापरवाही बरते जाने का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ सकता है।

इन नालों की सफाई में लापरवाही से क्षेत्र बनेगा अघोषित तालाब

शहर में चिरंजीवी दास नगर, मोदीनगर, गोपी टॉकीज मार्ग श्याम टॉकीज़ मार्ग, सोनू मुडा चमड़ा गोड़ाम में जल निकासी की समस्या सबसे बड़ी है यहां जल निकासी नहीं हो पाने के चलते जल भराव की स्थिति बन जाती है जिससे मुख्य मार्ग भी तालाब के रूप में तब्दील हो जाता है। देखा जाए तो नाले की सफाई के साथ जल निकासी बनाने में विभाग दूरी बनाता है यह समस्या विकराल हो सकती हैं।

शहरी क्षेत्र के पार्षदों में रोष, अतिक्रमण भी सफाई में रोड़ा

सफाई व्यवस्था में निगम प्रशासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर जिन क्षेत्र में नाला व नाली आती है जहां जल भराव हो सकती है वहां के पार्षदों ने सवाल उठाया है। दरअसल बरसात में जल भराव हर वर्ग के लिए कई तरह से नुकसानदेह देता है । लोगो का गुस्सा सीधे तौर पर जनप्रतिनिधियों को उठाना पड़ता है। देखा जाए तो आगामी तीन माह बाद नगर निगम चुनाव होना है यही वजह है कि जनप्रतिनिधि भी इस बरसात में किसी तरह का भी कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है जिसके चलते निगम को सफाई में कमी होने पर आड़े हाथ ले रहे है।

सफाई का कार्य प्रगति पर है। हाल ही में जिंदल से एक पोकलेन मिला है। जिससे बड़े नाले की सफाई हो रहा है। 6 दिन में 5 किलोमीटर से अधिक नाला सफाई किया जा चुका है। इसके अलावा जिस क्षेत्र में सफाई के मद्देनजर पार्षदों की मांग आ रही है वहां सामंजस्य बनाकर कार्य किया जा रहा है।

सलीम नियारिय, नगर निगम एमआइसी सदस्य

spot_img

Recent Artical