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रायगढ़ नगरीय निकाय चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस साल के अंत में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव से पहले नए सिरे से वार्डों का परिसीमन होगा। यह 2011 के आधार पर होगा। बीच वार्डो का सीमांकन और परिसीमन होने से कई वार्डो की परिस्थितियों में बदलाव आएगा साथ ही भगौलिक राजनीतिक तथा सामाजिक आर्थिक जातिगत समीकरण में व्यापक बदलाव आएगा। इससे आने वाले नवंबर दिसंबर में आयोजित निकाय चुनाव में काफी उल्ट फेर की प्रबल संभावना है।
गौरतलब हो कि राज्य निर्वाचन आयोग ने निकायों के चुनाव के लिए पुराने जनगणना 2011 के आधार पर किया जाना है इसके पीछे की वजह कोरोना काल मे केवल जनगणना का नही होना है। चूंकि 2011 के आधार पर होने से कई तरह के सवाल परिसीमन की प्रक्रिया से पहले ही उठने लगी है। वर्ष 2011 के परिसीमन में कई विसंगतियों सामने आई थी। राजधानी समेत कुछ निकाय हाईकोर्ट तक चले गए थे। जनसंख्या के आधार पर मतदाता तय नही किया गया था, ग्रामीण इलाके को राजस्व प्राप्ति के लक्षण के चलते उन्हें नगर निगम में शामिल किया गया इसमें भी 10 वार्ड बढ़े थे। देखा जाए तो छगनपा निगम नियम 1994 (3) (2) के तहत कुल जनसंख्या के औसत से 15 प्रतिशत से ज्यादा या कम मतदाता प्रत्येक वार्ड में निर्धारित किए जाने थे,लेकिन इसका पालन नहीं करते हुए आनन फानन में परिसीमन किया गया। कई वार्डों में जनसंख्या की तुलना में मतदाता संख्या में काफी अंतर है।वार्ड की औसत जनसंख्या 3470 का भी पालन नहीं किया गया है। प्रत्येक वार्ड में जनसंख्या की तुलना में मतदाता संख्या 77 प्रतिशत होनी चाहिए। मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन वार्ड 34 की मतदाता संख्या 3212 थी एवं 35 की 3960 थी। दोनों वार्ड के अंतिम प्रकाशन के बाद आपस में अदला बदली किया गया। वार्ड की जनसंख्या अधिकतम 3730 और न्यूनतम 3210 होनी चाहिए थी, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। 15 नंबर वार्ड में 3210 से भी कम था और 13 नंबर वार्ड में 3730 से भी ज्यादा है। मतदाता सूची के प्रारंभिक प्रकाशन के बाद 28 हजार 90 मतदाताओं का नाम विभिन्न वार्ड में अदला बदली किया गया है। बिना किसी सूचना के। परिसीमन प्रकाशन में आरक्षित वर्ग की जनसंख्या का प्रकाशन नहीं किया गया है। जो नियम 6 7 का उल्लंघन था। यह परिस्थिति पिछले दो चुनाव में भी कमोबेश निरंतर चलता आया होगा यह कहना गलत नही होगा। इस लिहाज से पुनः 2011 के जनगणना से त्रुटि की गुंजाइश बनी है। बहरहाल परिसीमन की परिस्थितियों को सही करना चुनौती पूर्ण है। इस पर जनप्रतिनिधियों की निगाह भी पैनी बनी हुई है क्योंकि भगोलिक आर्थिक जातिगत, सामाजिक बदलवा आना तय है जो उनके राजनीतिक भविष्य को वह तय करेगा।
2011 में हुई थी गड़बड़ी 15 वार्डो में औसत से कम तो 13 में ज्यादा जनसंख्या
तत्कालीन दौर वर्ष 2011 में रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या करीब 1 लाख 66 हजार 460 मतदाताओं की संख्या एक लाख 28 हजार 501 है। जनसंख्या के हिसाब से प्रत्येक वार्ड में लगभग 75 प्रतिशत मतदाता होने चाहिए, लेकिन शहर के 28 वार्ड में इसकी पूरी तरह से अनदेखी की गई। नियमों को ताक में रखकर परिसीमन कर दिया गया था, परिसीमन के दौरान 48 वार्डों में से 28 में गड़बड़ी सामने आई थी। इसमें 15 वार्डों में औसत से कम तो वहीं 13 वार्डों में औसत से अधिक जनसंख्या को शामिल कर दिया गया। महज 20 वार्ड में ही औसतन जनसंख्या को ध्यान रखकर सीमाएं बांटी गई थी। इसका नतीजा आज भी जनप्रतिनिधियों को विसंगतियों से राजनीतिक केरियर से जद्दोजहद करना पड़ता है।
ग्रामीण वार्डो को राजस्व के लिए जोड़े वह भी विसंगतियों में
परिसीमन के दौरान रेवन्यू विभाग के अफसरों ने जहां अपनी आंखें बंद कर ली तो वहीं कुछ लोगों ने चुनावी लाभ के लिए मनमाना तरीके से परिसीमन करवाया। इस वजह से रायगढ़ नगर निगम के परिसीमन में भारी विसंगतियां नजर रही है। इन्हीं विसंगतियों के चलते हाईकोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा था। फिलहाल इस पर अपष्ट जानकारी है। दूसरी ओर जिन वार्डो को जोड़ा गया था उस ग्रामीनक क्षेत्र में बड़ी संख्या में उद्योग जगत थे। जिसके चलते राजस्व कर टेक्स के रूप में आना था। और निकाय में शामिल होने से जिंदल तथा दर्जनों राइसमिल और उद्योग इसके जद में आ गए। चूंकि मतदाता और जनसंख्या का ख्याल नियमो के तहत नही रखा गया। हालाकि इससे शहर का फैलाव जरूर बढ़ गया।
फैक्ट फ़ाइल( 2011 परिसीमन)
वार्ड – जनसंख्या औसत से फर्क- मतदाता-मतदाता प्रतिशत
27 नया अतरमुड़ा 2731- 79 प्रतिशत 2187 80.1
33 गांधी नगर 2845- 82 प्रतिशत 1814 63.8
7 इंदिरा नगर 2920- 84 प्रतिशत 2149 73.6
46 उर्दना 2925- 84 प्रतिशत 2577 88.1
20 जूना बड़पारा 2972 -86 प्रतिशत 2739 92.2
32 बांझिनपाली 2985- 86 प्रतिशत 2465 82.6
22 बंगलापारा 2995 -86 प्रतिशत 2686 89.7
1 राजीव नगर 3005- 87 प्रतिशत 2686 89.4
14 गौशालापारा 3011- 87 प्रतिशत 2666 88.5
3 अंबेडकर नगर 3015- 87 प्रतिशत 2500 82.9
13 गांजा चौक 3045- 88 प्रतिशत 1839 60.4
10 मधुबनपारा 3060- 88 प्रतिशत 2246 73.4
17 बीड़पारा 3113- 90 प्रतिशत 2558 82.2
9 चांदमारी 3171- 91 प्रतिशत 2418 76.3
16 बैंकुंठपुर 3200 -92 प्रतिशत 2753 86
नोट- इन वार्डों में औसतन जनसंख्या 3210 होना चाहिए
13 वार्ड औसत से अधिक मतदाता (2011)
41 छातामुड़ा 3759 108 प्रतिशत 2542 67.6
29 जेलपारा 3786 109 प्रतिशत 2671 70.5
26 छोटे अतरमुड़ा 3818 110 प्रतिशत 2894 75.8
15 दरोगापारा 3833 111 प्रतिशत 3104 81.0
48 बोइरदादर 3924 113 प्रतिशत 2807 71.5
36 राजीवनगर 3931 113 प्रतिशत 2908 74.0
4 जगतपुर 3968 114 प्रतिशत 3604 90.8
34 अंबेडकर नगर 4041 117 प्रतिशत 3132 77.5
35 झोपड़ीपारा 4159 120 प्रतिशत 3170 76.2
44 पतेरापाली 4166 120 प्रतिशत 3687 88.5
37 भजनडीपा 4220 122 प्रतिशत 3252 77.1
2 धांगरडीपा 4225 122 प्रतिशत 2998 71.0
43 गोरखा 4683 135 प्रतिशत 2762 59.0
नोट- इन वार्डो में औसतन जनसंख्या 3730 होने चाहिए थे। लेकिन इससे ज्यादा है।