साढ़े पांच माह में 165 लोगो ने गवायां जान 402 घायल
दुर्घटनाओं का सबब भारी वाहन और रफ़्तार
रायगढ़। जिले में सड़क हादसों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। दुर्घटना का ग्राफ बढ़ रहा है। अमूमन जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में प्रतिदिन लोग असमय काल के आगोश में समा रहे है। चालू वर्ष के साढ़े पांच माह में 165 लोगो ने जान गवा चुके है। विडंबना यह है कि जिले के पुलिस कप्तान से लेकर पूरा पुलिस महकमा अलग अलग स्तर में यातायात नियमों का पाठ भी रहे है फिर भी लोग अनमोल जीवन को लेकर लापरवाही बरत रहे है जिसका दंश ताउम्र उनके स्वजन उठा रहे है।
चालू वर्ष में कई दर्दनाक सड़क हादसे से जिले वासियों का दिल दहल चुका हैं। बस ,पिअकप ट्रेलर की चपेट और बाइक सवार स्वयं से गिरकर मौत की घटना ने सभी वर्गों को झकझोर कर रख दिया है। इन सभी के बीच जब रिकार्ड यातायात विभाग का खांगला गया तो विभिन्न हादसे में 344 दुर्घटना हो चुकी है। जबकि यह संख्या संबंधित थाना के डायरी से बढ़ सकता है।इन हादसे में 165 लोग मृत हुए है तथा 402 लोग दुर्घटना से चोटिल होकर अपंगता का शिकार बने है। हादसे की वजह बड़ी संख्या में भारी वाहनों को गिरफ्त में आने से लोग मौत के मुंह मे समाए है। उद्योग से भरे जिले में ट्रक ट्रेलर वाहनो की रेलमपेल किसी से छिपी नही है।
यह स्थिति वाहन मालिक और ट्रांसपोर्टर में प्रतिस्पर्धा है पूर्व की तुलना में 4 से 5 गुना बढ़ गया है। यही वजह है कि सड़कों में दौड़ने वाले भारी वाहनों के चालक लोडिंग लेने के लिए हर संभव जल्दी में रहते है। इस तरह 70 से 80 फीसद दुर्घटनाओं भारी वाहनों से ही रही है। देखा जाए तो जानकारों के विश्लेषण में जिले में दुर्घटना में कई जान भी बच सकती थी लेकिन बाइक सवार नियमों को अनदेखा कर हेलमेट से दूरी बनाए थे। वही भारी वाहन के चालकों द्वारा कमतर नियमो को दरकिनार किया गया प्राप्त हुआ है।
फिलहाल हादसे को रोकने के लिए जिला पुलिस ने फिर से कमर कस ली है। जिसमे भारी वाहनों के चालकों की ड्रिंक एंड ड्राइव की जांच कर रही है इसी तरह दुपहिया धारी बैगेर हेलमेट पहने नजर आ रहे है तो उन पर चलानी कार्रवाई के साथ उन्हें जागरूक करने हेलमेट भी दे रहे है। इन सभी के बीच अनमोल जीवन की महत्ता को देखते हुए दुर्घटना से देर भली का स्लोगन, तथा नियमों के परिपालन को हर हाल में पूरा करने को दर्शा रहा है।
ट्रिप पर भाड़ा यह भी दुर्घटना का बड़ा कारण
नवसिखिये वाहन चालकों की वजह से सडक़ दुर्घटनाओं में अधिकांश मौत भारी वाहनों के चपेट में आने से होती है। दिन में हो या फिर रात के समय भारी वाहन के चालक बेकाबू रफ्तार से गाड़ियों का चालन करते हुए दुर्घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसकी पुष्टि गाहे-बगाहे होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से होती है। चालक दुर्घटना को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो जाते हैं जिसे पुलिस भी पकड़ने में विफल रहती है और फाइल को कुछ माह बाद बंद हो जाता है।
वाहनो के पीछे संकेत लाइट भी गायब
जिले की सड़कों में दौड़ने वाले भारी वाहनों में कई तरह से कई खामियां रहती हैं। इन सभी मे भारी वाहनों जैसे ट्रेलर ट्रक के संकेत लाइट का टूटा फूटा मिलना, इसके अलावा वाहनो में रेडियम का चस्पा नही होना है। इसके चलते जब ये वाहन खड़ी रहते है या फिर कही मोड़ चौक पर मुड़ते तो पीछे से आने वाले वाहनो को उसके दिशा का अंदाजा नही हो पाता है। जिसके चलते भी कई बार दुर्घटना हो चुकी है।
चालू वर्ष 2024 में सड़क दुर्घटना
माह – मृत – घायल- कुल दुर्घटना में अपराध
जनवरी-48-64-78
फरवरी-35-67-58
मार्च-38-71-71
अप्रैल- 31-86-55
मई-31-95-59
जून 13-19-23 (10 जून तक)
योग- 165 -402 -344