Monday, December 23, 2024
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वैज्ञानिक पद्धति का आभाव नेशनल और राज्य मार्ग के 11 ब्लैक स्पाट बन रहे है राहगीरों के लिए जानलेवा

पीडब्ल्यूडी एनएच की उदासीनता का दंश दुर्घटनाओं के रूप में झेल रहे आमजन

सड़क सुरक्षा टीम की संयुक्त टीम ने तत्कालीन समय मे निरीक्षण कर बनाए थे विस्तृत रिपोर्ट


रायगढ़ (जनकर्म न्यूज़) कहते है नेशनल हाइवे की हर सड़क मापदंड के अनुसार बनती है, नवनिर्मित रायगढ़ -खरसिया- बिलासपुर नेशनल हाईवे 49 में यह स्थिति नदारद है।मानो विज्ञानिक व तकनीकी अधिकारी के आभाव सड़क का निर्माण कर दिया गया है। यही वजह है कि आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। दुर्घटनाओं के ग्राफ में आमजन असमय ही काल के आगोश में समा रहे हैं । रायगढ़ सीमा में आने वाले करीब 44 किलोमीटर के मार्ग में 11 ब्लैक स्पाट है। दुर्घटना जन्य ब्लैक स्पाट को खत्म या ठीक करने यातायात विभाग ने पूर्व में पत्राचार भी किया गया हैं, सड़क सुरक्षा समिति की जांच के बाद भी सुधार नही हो पाया है।

नेशनल हाइवे का निर्माण होने के दौरान से अब तक सैकड़ो लोगो की जान चली गई हैं। जिले का सबसे अधिक दुर्घटनाओं वाला मार्ग एनएच 49 बन गया है। हर साल स्थिति 50 से अधिक लोग जान गवां चुके है। वही हादसे की वजह एवं सड़क में नजर आने वाली खामियां की जांच में पूर्व में यातायात विभाग ने रायगढ़ जिले वाले हिस्से में 11 ब्लैक स्पाट पाया गया हैं। इन 11 स्पाट को सुधारने के लिए कई तरह कार्य का सुझाव देकर व्यवस्थित किए जाने का निवेदन गत वर्ष व इस वर्ष भी की थी। इस पर पीडब्ल्यूडी एवं एन एच आथरटी ने अब तक कोई विचार नही कर पाया है। ऐसे प्रतीत हो रहा है। वही पत्र लिखकर एक तरह से यातायात विभाग ने अपनी जिम्मेदारी को पूरी कर रही है लेकिन सड़को को व्यवस्थित करने के लिए कोई सार्थक प्रयास नही होने से जिस सुगम यातायात के उद्देश्य से सड़क को बनाया गया है वह योजना में बंटाधार तो हो रहा है साथ ही आवाजाही खतरनाक हो गया है।इसका उदाहरण हादसे के रिकार्ड से स्पष्ट हो रहा है।

अंधे मोड़ भी बना दुर्घटनाओं का बड़ा कारण

आंकड़े के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं शराब और बेतरतीब वाहन का चालन करना है। नियमो की अनदेखी भी भारी पड़ती है। भारी वाहन चालक भी बेपरवाह होकर वाहन चलाते है। इस तरह लगातार सड़क दुर्घटनाओं के बाद भी वाहन चालक नहीं चेत रहे हैं। लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने के कारण वे अपने परिवार से हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। इधर सड़कों के अंधे मोड़ भी दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। जहां वाहनों की स्पीड कम रखी जानी चाहिए, पर वे ऐसी जगहों पर भी लापरवाही बरतते हैं। यह हाल नेशनल हाईवे व राज्य मार्ग में भी है।

नियमों की अनदेखी पड़ रही भारी

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला पुलिस विभाग के नेतृत्व में लोगों को यातायात नियम की जानकारी देने सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है। इस दौरान लोगों को नशे की हालात व तेज रफ्तार वाहन नहीं चलाने सहित और भी नियमों की जानकारी दी जाती है, पर इन बातों की अनदेखी की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। लेकिन लोग नियमों की अनदेखी कर रहे है।

निर्माण एजेंसी की कार्यो को मॉनिटरिंग होती तो यातायात रहती सुगम

49 हाइवे से गुजरने वाले लोगो का मानना है कि तकनीकी ज्ञान व निर्माण एजेंसी की सटीक मॉनिटरिंग एन एच अथार्टी के अधिक पीडब्ल्यूडी सड़क विभाग अगर अपने कार्यो में दिलचस्पी दिखता तो सम्भवतः यह ब्लैक स्पाट आज नही रहता । कही न कही जिम्मेदार अधिकारी अपने जिम्मेदारी को निभाने में हिल हवाला किए है इसी का खामियाजा जनता आवागमन में दुर्घटना के रूप में उठा रही हैं।

संयुक्त टीम ने तत्कालीन समय मे निरीक्षण कर बनाए थे विस्तृत रिपोर्ट

यहां यह बताया जाना लाजमी होगा कि करीब दो साल पहले जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने एवं दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए चिन्हांकित किए गए थे । जहां दुर्घटनाजन्य( ब्लैक स्पॉट ) क्रमशःछातामुड़ा चौक, काशीराम चौक, पटेलपाली, पतरापाली, ढिमरापुर चौक, जिंदल बैरियर का यातायात विभाग, परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया था। सड़क के ब्लैक स्पॉट का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार कार्य हेतु टीम द्वारा ज्वाइन रिपोर्ट तैयार की गई थी। ताकि सड़क दुर्घटना को रोका जा सके।
इस निरीक्षण में तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर रायगढ़ सुमित अग्रवाल एवं यातायात के डीएसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल के नेतृत्व वाली टीम, एनएच विभाग से बी एस भदौरिया
के.पी.राठौर लोक निर्माण विभाग रायगढ़ एवं अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे लेकिन अबतक कोई सार्थक पहल नजर नही आया सड़को पर।

चौक को चौराहे को व्यवस्थित करने यह बनी थी योजना

छातामुड़ा चौक

चौक के चारों ओर मार्ग में रंबल स्ट्रिप ,ट्रैफिक काल्मिंग के उपाय
चौक के चारों रोड में 50 मीटर तक एवम विशेषकर चौराहे में अवैध पार्किंग के विरूद्ध सतत कार्यवाही कर निरुत्साहित किया जाना ।
(3) विभिन्न मार्गो से आने जाने वाले यातायात के विधिवत सर्वे के आधार पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट के समय को सेट किया जाकर संचालित करना।

उर्दना तिराहा

(1) उक्त पॉइंट में प्रकाश की व्यवस्था किया जाना।।
(2) तिराहा में गड्ढों को भरकर साइड सोल्डर को भी ठिक करना चाहिए।
(3) तिराहा पॉइंट पर ट्रैफिक सिग्नल एवं ट्राफिक कमिंग के उपाय किया जाना।
(4) समुचित रोड़ सेफ्टी साइनेज लगाया जाना।

काशीराम चौक

इस चौक से ग्राम गढ़उमरिया के लिए लोगो को विपरीत मार्ग में जाना पड़ता है इसके लिए साइड लेन की दरकार है ताकि लोग उक्त गांव से गंतव्य आवागमन कर सके।

चारो दिशा में वाहनो की आवाजाही से हर समय दुर्घटनाओं का भय रहता है। यहां सिग्नल को दुरुस्त किया जाना चाहिए और नियमों का पालन भी आवश्यक है।

सड़क के किनारे खड़ी वाहनो को पार्किंग जोन में खड़ी करने की दरकार है।

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