सिर्फ 1 बड़े दमकल वाहन के सहारे शहर के 3 लाख की आबादी, आगजनी के कहर को रोकने नही है पर्याप्त संसाधन
साल भर आगजनी की घटनाओ से जूझता है शहर, गर्मी में कहर के रूप में बरपता है शाट सर्किट से आगजनी
रायगढ़:- साल भर आगजनी की घटनाओं से शहर वासियों को जूझना पड़ रहा है। शहर के तंगहाल गलियों के रिहायशी व बहुमंजिला इमारत में आग लगने की घटना अनवरत चल रही है। आलम यह है कि शहर के 70 हजार से अधिक परिवार और करीब तीन लाख की आबादी के बीच एक दमकल वाहन के भरोसे है। यही वजह है की विभाग को आग को काबू पाने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ है। जिसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में घटित बिजली विभाग के गोदाम आगजनी कांड बया कर रहा है
यह आधी अधूरी व्यवस्था के बीच शहर के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
अप्रैल माह का दौर चल रहा है, सूरज के तपन के आगोश में शहर है । गर्मी के चलते शाट सर्किट की घटना जिले भर में आगजनी के रूप में तेजी से शुरू हो जाती हैं। चूंकि यह घटना साल भर हो रही है। आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए दमकल विभाग के पास कर्मचारियों की तैनाती के हिसाब से पर्याप्त न तो संसाधन उपलब्ध है और न ही शहर की आबादी के लिहाज से दमकल वाहन की व्यवस्था है। वाहनो की कमी से व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने में बाधा बन रही है। देखा जाए तो शहर की आबादी भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। तीन लाख की आबादी है, वहीं मुख्य मार्ग के रास्ते संकरे हो चुके है । जबकि समय के साथ सड़क व्यवस्थित होती है। कभी एक छोटी सी चिंगारी ने शहर व ग्रामीणों के आशियाने राख कर दिए तो कभी शार्ट -सर्किट ने लोगों की कमाई का जरिया ही खत्म कर दिया। दाने-दाने को मोहताज लोग इस आस में खुद को दिलासा दे रहे हैं कि शायद ऊंचे ओहदे पर बैठे लोगों का दिल उनकी दशा देखकर पसीज जाए। हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है। हर साल ही गर्मी का मौसम शुरू होते ही अग्निकांड का सिलसिला शुरू हो जाता है। वर्त्तमान में भी यही हाल बरबस बना हुआ है। बस नही शुरू होती है तो सरकार की कारगर पहल। यही वजह है कि नगर सेना व लोगो को उद्योगों के आसरे जीना पड़ रहा है तो विभागीय अधिकारियों को आग को काबू पाने के लिए उनका मुंह ताकना पड़ रहा है।
गाड़ियों में पानी लेने के लिए पंप की व्यवस्था नहीं
नगर सेना का दमकल विभाग सर्किट हाउस के पास बनाया गया है यहां सभी साजो सामान दमकल के गाड़ी के लिए है । हालांकि वर्तमान समय में गाड़ियों में पानी लेने के लिए केंद्र में ही पंप की व्यवस्था है। वहीं चांदमारी गार्डन के पास है किंतु रात में कोई व्यवस्था नही रहती है। इसके साथ ही शहर में कही नहीं प्वाइंट हैं। जहां से पानी की सुविधा उपलब्ध किया जा सके। यह वजह कई बार भयावह स्थिति को उत्तपन्न करता है जब तक वाहन पानी भरकर आता है तब तक आग उग्र रूप अख्तियार कर लेता है।
हाल ही में घटित चर्चित आगजनी की घटना
केस 1:- मुरारी द कीचन जलकर राख
ढिमरापुर मुरारी द किचन में रात के समय से आगजनी की घटना घटित हो गई थी। आधी रात को दर्जनों दमकल वाहन निजी उद्योग अलग अलग कंपनियों से आई और आग को बुझाई। इधर जब तक आग बुझाया गया तब तक दुकान जलकर राख हो गया। मजेदार बात यह है कि आगजनी के बाद दुकान नए कलेवर में बन कर तैयार हो गई है। चूंकि अब तक आग से बचाव के लिए कोई वाहन उपलब्ध दमकल विभाग को नही हो पाया है।
केस 2 :- समोसा दुकान में आगजनी से आधादर्जन झुलसे एक की हुई मौत
जनवरी माह में मुरारी द किचन में आग लगने के बाद उक्त दुकान से चंद कदमो की दूरी पर जय समोसा कार्नर में 21 जनवरी को आग लग गई। यह दुकान भी जलकर राख में बदल गया और आधा दर्जन कर्मचारी तथा होटल में नास्ता कर रहे दो युवक भी बुरी तरह से झुलस गए थे। जबकि मार्च माह में झुलसी हुई एक महिला की जान गई है।
केस 3 :- मोबाईल दुकान में लगी आग
वर्ष 2025 के फरवरी माह में केवड़ा बाड़ी बस स्टैंड के आगे प्रीमियम शराब दुकान के बगल में आग लग गई यह आग मोबाइल दुकान में लगी। मुख्य मार्ग में आग लगने के चलते राहगीरों ने तत्काल इसकी सूचना दिए। और आग को दमकल विभाग ने बुझाया हालांकि इसमें भी काफी आर्थिक क्षति हुई हैं।
केस 4 :- ट्रांसफार्मर गोदाम की आग ने शहरवासियों को किया उद्देलित
शहर के कोतरारोड स्थित बिजली विभाग में दो साल बाद फिर से आगजनी की कांड हो गई। इसमें लाखो रुपये का ट्रांसफार्मर तो जला है इसके अलावा सबसे चर्चित रही इसकी आग की लपटें है। जिससे बगल में मौजूद कालोनी के घर को भी अपनी चपेट में ले लिया। वही इसका आगजनी पर शहर वासी व्यवस्था पर नाराजगी भी जाहिर किए, लोग उद्देलित कर दिया था। जिसके चलते प्रभारी ईई को शासन ने तबादला तक कर दिया।
व्यवसाई नही रखते है आग से बचाव के उपकरण
रायगढ़ जिले का औद्योगिक जिले के रूप में पहचान मिली है यहां छोटे बड़े हजारों दुकान गोदाम माल संचालित हो रहे हैं अधिकांश दुकान गोदाम में आग से बचाव के लिए व्यवसायियों द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं की जाती है कई बार इसकी रिपोर्ट जांच पड़ताल में भी सामने आ चुकी है यही वजह है कि जब आगजनी की घटना शार्ट-सर्किट व अन्य वजह से होती है तो बड़ी आर्थिक क्षति की स्थिति सामने आती है।
फैक्ट फाइल
फायर मैन 12
फायर चालक 09
फायमैन ग्रेड- 2 – 3
अग्नि शमन अधिकारी 1
नगर सैनिक- 3
हमारे पास एक वाहन है, अन्य वाहनों के लिए पत्राचार किया गया हैं। शासन स्तर से स्वीकृत होते ही दमकल वाहन उपलब्ध हो जाएगी। छोटे दमकल वाहन की ज्यादा जरूरत है।
बीएल कुजूर, नगर सेना कमान्डेंट