आरक्षण से डोल गया भाजपा कांग्रेस पार्षदों का साम्राज्य, सुभाष सीनू, संजय और अशोक के लिए मुश्किल हुई राह
नगर निगम चुनाव के लिए वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी
जनकर्म न्यूज
रायगढ़। गुरूवार को निगम चुनाव के लिए लॉटरी निकालकर वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। आरक्षण की इस प्रक्रिया में भाजपा कांग्रेस दोनों दलों के कुछ पार्षदों व भावी पार्षदों का साम्राज्य डोल गया है। कांग्रेस से जहां संजय देवांगन इसकी चपेट में आए हैं तो वहीं भाजपाई खेमे में वरिष्ठ पार्षद सुभाष पांडेय से लेकर सीनू राव और अशोक यादव को भी झटका लगा है। अब पार्षद की कुर्सी के लिए इन नेताओं को दूसरे वार्ड और विकल्प तैयार करने पड़ेंगे।
नगर निगम चुनाव के लिए मैदान तैयार हो गया है। गुरूवार को 48 वार्डों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की गई। कलेक्ट्रेट के सृजन कक्ष में कलेक्टर कार्तिकेया गोयल व निगम आयुक्त ब्रिजेश सिंह क्षत्रिय व उपायुक्त सुतीक्ष्ण यादव के साथ ही अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में लॉटरी पद्धति से वार्डों का आरक्षण किया गया। 48 वार्डों के आरक्षण को इस बार देखा जाए तो ओबीसी का एक वार्ड कम हो गया है। हालाकि जनकर्म ने सबसे पहले अपने 12 दिसंबर के अंक में इसकी जानकारी दे दी थी और गुरूवार को हुआ भी ऐसा ही, वार्डों की आरक्षण प्रक्रिया में इस बार सामान्य के लिए 23 की जगह 24 वार्ड हो गए हैं। वहीं एससी के 8 वार्ड, ओबीसी के 11 वार्ड व एसटी वर्ग के लिए 5 वार्ड आरक्षित किए गए हैं। शहर के 48 वार्डों में से महिलाओं के लिए 16 वार्ड आरक्षित हैं। ऐसे में आने वाले समय में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में नए व पुराने चेहरे अपने किस्मत आजमाएंगे।
कुछ वार्डों में होगी वर्चस्व की लड़ाई
भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही दिग्गज पार्षदों के लिये इस बार आरक्षण कहीं खुशी कहीं गम वाला ही रहा। वार्ड नं.21 बेलादुला वार्ड और वार्ड 48 सामान्य मुक्त हुआ है। कयास लगाये जा रहे हैं कि वार्ड 21 और 48 में वर्चस्व की जंग इस बार देखने को मिल सकती है। वहीं वार्ड 22 जो कौशलेश मिश्रा के प्रभुत्व वाली सीट है इस बार वह ओबीसी महिला आरक्षित हुई है। वार्ड 24 भी इस बार सामान्य मुक्त है। वार्ड 23 ओबीसी मुक्त के लिये आरक्षित है। आसपास की इन सीटों के आरक्षण से इस बार निगम चुनाव दिलचस्प हो जायेगा।
सुभाष पांडेय बिठाएंगे मोहरा
भाजपा के वरिष्ठ पार्षद व पूर्व सभापति सुभाष पांडेय वार्ड 16 से पार्षद हैं। सुभाष कई महीनों से वार्ड 14 में भी सक्रियता दिखा रहे हैं। आरक्षण में 16 नंबर ओबीसी को चला गया। वहीं वार्ड 14 भी ओबीसी महिला के खाते में चला गया है। ऐसे में सुभाष अपने किसी करीबी को वार्ड 16 से बीजेपी का उम्मीदवार बनाएंगे। सुभाष के पास वार्ड 15 का भी विकल्प है लेकिन यहां पर भाजपा से ही कई नए व पुराने दावेदार सक्रिय हैं।
सीनू राव अब वार्ड 15 के भरोसे
सीनू राव कई सालों से निगम में पार्षद हैं। भाजपा के लिए सदन में आवाज उठाने वाले सीनू के लिए भी आरक्षण की प्रक्रिया परेशानी लेकर आई है। आरक्षण में सीनू राव का वार्ड 39 अब ओबीसी महिला को आरक्षित हो गया है। वहीं वार्ड 40 भी ओबीसी है। ऐसे में सीनू के पास वार्ड 15 का ही ऑप्शन बचा हुआ है लेकिन यहां पर भाजपा उम्मीदवारों में टिकट के लिए जूतमपैजार वाली स्थिति बन गई है। इसलिए सीनू अब डेंजर जोन में हैं।
संजय देवांगन अब देखेंगे संगठन
वार्ड क्रमांक 6 ढिमरापुर इस बार सामान्य महिला के खाते में चला गया है। यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद व एमआईसी सदस्य संजय देवांगन पार्षद हैं लेकिन अब महिला सीट हो जाने से संजय देवांगन के पास आप्शन नहीं है। उन्होंने बताया कि मैं पार्टी संगठन का सिपाही हूं और चुनाव नहीं लडूंगा तो अब पूरा समय संगठन में देकर पार्टी को मजबूत करने में दूंगा।
अशोक यादव का वार्ड भी महिला
आरक्षण में वार्ड क्रमांक 2 के पार्षद अशोक यादव भी प्रभावित हुए हैं। वार्ड क्रमांक 2 धांगरडीपा इस बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। ऐसे में अशोक यादव खुद तो चुनाव नहीं लड़ सकेंगे लेकिन अपने परिवार से किसी महिला को वे पार्षद चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाकर पार्टी से टिकट मांग सकते हैं।
सेफ जोन में नेता प्रतिपक्ष पूनम
नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी के वार्ड 18 से इस बार उनके पति दीबेश सोलंकी चुनाव लडऩे का मन बना रहे थे लेकिन दीबेश का यह इलाका अब ओबीसी को चला गया है। हालाकि अच्छी बात यह है कि उनकी पत्नी पूनम पटेल सोलंकी ओबीसी वर्ग से आती है। आरक्षण के संवैधानिक नियमों के अनुसार पत्नी ओबीसी से चुनाव लड़ सकती है। मतलब पूनम सोलंकी सेफ जोन में है। चुनाव जीता तो वे सभापति के रेस में भी पहले नंबर पर होंगी।