Monday, October 13, 2025
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केजीएच में डेंगू मरीजों की हो रही दुर्गति, अति जर्जर भवन में प्रबंधन ने बना दिया वार्ड

केजीएच में डेंगू मरीजों की हो रही दुर्गति, अति जर्जर भवन में प्रबंधन ने बना दिया वार्डबारिश में टपक रही छतें, वार्ड का रास्ता ही पानी से हो रहा तरबतर*रायगढ़।* केजीएच में डेंगू मरीजों की दुर्गति हो रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन बंद पड़े अति जर्जर भवन (गायनिक वार्ड) में ही डेंगू वार्ड बना दिया है। बारिश से यहां की छतें टपक रही हैं और पानी से वार्ड जाने का पूरा रास्ता ही तरबतर हो जा रहा है। इतना ही नहीं वार्ड में भी कई जगह सिपेज होने के कारण प्लास्टर गिरने का खतरा भी मंडरा रहा है।
डेंगू को लेकर सरकारी तंत्र पूरी तरह फेलियर नजर आ रहा है। पहले कुछेक मरीज थे और अस्पताल में उनके लिए व्यवस्था नहीं थी तो वो घर पर ही अपना इलाज करा रहे थे, लेकिन अब दिनोंदिन मरीजों की संख्या बढऩे से अस्पताल में भी उनके लिए व्यवस्था की गई है। केजीएच प्रबंधन द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर डेंगू वार्ड तो बना दिया गया है, लेकिन यहां इलाज कराने आए मरीजों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल यहां का गायनिक वार्ड अति जर्जर अवस्था में है। यहां कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती है। इस भवन को पीडब्ल्यूडी ने डिस्मेंटल योग्य भी घोषित कर दिया है। इसके बाद भी इसमें वार्ड संचालित होने से पिछले साल हादसा भी हुआ था। जहां छत का प्लास्टर गिरने से एक महिला घायल हो गई थी। इन सारी चीजों को देखते हुए इस वार्ड को बंद कर पूरे गायनिक विभाग को ही एमसीएच में शिफ्ट कर दिया गया है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस अति जर्जर वार्ड को डेंगू वार्ड बनाने से तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। प्रबंधन की मानें तो गायनिक वार्ड में ही महिला-पुरूष डेंगू मरीजों के लिए 12-12 बेड का वार्ड बनाया गया है। अब तक यहां आधा दर्जन से अधिक मरीज भर्ती हो चुके हैं और वर्तमान में एक महिला मरीज भर्ती है। इस वार्ड में जाने के लिए मरीजों को फर्स पर फैले बारिश के पानी और टपकती छतों से गुजरना पड़ता है। वहीं वार्ड में भी तेज बारिश के कारण किसी अनहोनी की आशंका से मरीज डरे सहमे रहते हैं। एक तो मरीज पहले से ही डेंगू को झेल रहा है उपर से यहां आकर चिंता में उसकी और तबीयत बिगड़ जाती है। इस तरह यहां मरीजों की दुर्गति हो रही है।*रोजाना डेंगू जांच कराने आ रहे 40 से 50 संदिग्ध*
इन दिनों मेडिकल कॉलेज में डेंगू लक्षण के मरीजों की काफी भीड़ लग रही है। डेंगू जांच कराने के लिए रोजाना यहां 40 से 50 संदिग्ध आ रहे हैं। उसमें से 3 से 4 लोग डेंगू पॉजिटिव मिल रहे हैं, जबकि 2 से 3 लोगों को भर्ती करना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज के तीसरे फ्लोर के एम-4 वार्ड में डेंगू मरीजों के लिए 25 बेड का डेंगू वार्ड कराया गया है। वर्तमान में यहां आधा दर्जन से अधिक मरीज भर्ती हैं। इस तरह डेंगू को लेकर पूरे शहर में हाहाकार मचा हुआ है।*पुरानी बीमारी से ग्रसित मरीज देरी से हो रहे ठीक*
इस संबंध में मेडिकल कॉलेज डॉ. जितेन्द्र नायक ने बताया कि सामान्य मरीज जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं है और ऐसे लोगों को डेंगू हो रहा है तो वो तीन से चार दिन में दवा लेने से ठीक हो जा रहे हैं। जबकि जिन्हें पहले से ही बीपी, सुगर, हार्ट, लिवर की बीमारी है या जो ड्रिंकर हैं उन्हें ठीक होने में 7 से 8 दिन लग रहे हैं। डेंगू के लिए कोई स्पेशल दवा तो नहीं है, लेकिन मरीजों के जरूरतों के अनुसार उन्हें रूटीन की दवाएं दी जा रही हैं।*डेंगू मरीजों की संख्या हुई 270*
डेंगू मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार तक डेंगू मरीजों की संख्या 246 थी, वहीं शनिवार को इसकी संख्या बढ़ कर 270 पहुंच गई। इस तरह एक ही दिन में 24 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। डॉक्टर्स के अनुसार इस साल अभी तक किसी भी डेंगू मरीजों की मौत नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है तो किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता। पिछले साल भी शासन-प्रशासन इसी तरह डेंगू को हल्के में ले रहा था और देखते ही देखते शहर के तीन नवजवानों की मौत हो गई।*वर्सन*
अपने अस्पताल के गायनिक वार्ड में ही डेंगू वार्ड बनाया गया है। जहां महिला-पुरूषों के लिए 12-12 बेड की सुविधा है। वर्तमान में यहां एक ही मरीज भर्ती है।
*उषा किरण भगत, सीएस, जिला अस्पताल*

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