Tuesday, December 24, 2024
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रायगढ़-भूपदेवपुर मार्ग में स्लैग और फ्लाईऐश की भरमार, उद्योगों ने जंगल को कर दिया नष्ट

रायगढ़-भूपदेवपुर मार्ग में स्लैग और फ्लाईऐश की भरमार, उद्योगों ने जंगल को कर दिया नष्ट
पर्यावरण विभाग जान कर भी बना हैअंजान, उद्योगों के हौसले हैं बुलंदरायगढ़। रायगढ़-भूपदेवपुर मार्ग में जगह-जगह स्लैग और फ्लाईऐश की भरमार देखने को मिलती है। स्थानीय उद्योगों ने सडक़ किनारे दोनों ओर के जंगल में स्लैग व फ्लाई ऐश को डंप कर पूरे जंगल को ही बर्बाद कर दिया है। इस बात की जानकारी पर्यावरण विभाग को भी है, लेकिन विभागीय अधिकारी अंजान बने हुए हैं। जिससे उद्योगों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं।
जिले में बढ़ते उद्योगों से एक तो वैसे ही फिजा में जहर घुल रहा है। इसके बाद भी उद्योग जल-जंगल, जमीन व वातावरण को प्रदूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उद्योगों द्वारा अपने आसपास के क्षेत्रों को बर्बाद तो किया ही जा रहा है साथ ही खाली जमीन, जंगलों और जल स्त्रोतों तक को उद्योग खा जाने पर तुले हुए हैं। रायगढ़ से भूपदेवपुर मार्ग में सडक़ किनारे फ्लाईऐश, स्लैग के ढेर आसानी से देखने को मिल जाते हैं। उद्योगों द्वारा परसदा के पास एक बड़े भू-भाग में स्लैग डंप कर जंगल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है। जोकि मुख्य मार्ग से ही भयावह नजर आता है। इतना ही नहीं इस बड़े भू-भाग में एक डबरी भी है जोकि स्लैग से आधी पट चुकी है। अब कौन सा उद्योग यहां अपने डस्ट को पाट रहा है इसकी जानकारी लेना भी जिम्मेदार अधिकारी उचित नहीं समझ रहे हैं, कार्रवाई तो दूर की बात है। ऐसा नहीं है कि इस मार्ग में पर्यावरण विभाग के अधिकारियों का आना-जाना नहीं होता, लेकिन वो अपनी आंख मूंद लेते हैं। जबकि नियमत: उद्योग प्रबंधनों को अपने उद्योगों से निकलने वाले फ्लाईऐश, स्लैग को खुद ही निष्पादन करना है। इसके लिए फ्लाईऐश डाइक जरूरी है। उद्योगों के स्थापना से पूर्व ही संबंधित विभागों को इसकी जांच करनी होती है, लेकिन उद्योगों से सांठगांठ कर वातावरण को प्रदूषित करने वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। यही कारण है कि जिले में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है और एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ रही है।
चिराईपानी में फ्लाईऐश से होता है स्वागत
इसी मार्ग में चिराईपानी गांव भी आता है। यहां प्रवेश द्वार से पहले ही फ्लाईऐश के ढेर लोगों का स्वागत करते हैं। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो गांव के भीतर भी कई स्थानों पर फ्लाईऐश डंप है। उद्योगों द्वारा रात के अंधेरे में यह सब काली करतूतों को अंजाम दिया जाता है। इसकी शिकायत भी कई बार कलेक्टर से की जा चुकी है, लेकिन आज तक कोई हल नहीं निकला है।

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