Monday, December 23, 2024
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सरस्वती शिशु मंदिर अंबिकापुर के छात्र उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को 30 वे सेवा प्रमुख का लिया चार्ज

जनरल द्विवेदी इससे पहले सेना के उप प्रमुख के रूप में कर चुके है कार्य

अम्बिकापुर। सरस्वती शिशु मंदिर अंबिकापुर के पूर्व छात्र जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को 30 वें सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया उनके सेवा प्रमुख बनने से छत्तीसगढ़ का प्रत्येक नागरिक अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।देश को जनरल उपेंद्र द्विवेदी के तौर पर सेना का तीसवां प्रमुख मिला 30 जून को उन्होंने अपना पदभार ग्रहण किया। रविवार को सेना प्रमुख का पदभार लेने के बाद सोमवार को थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सबसे पहले नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद थलसेना प्रमुख को बतौर सेना प्रमुख साउथ ब्लॉक लॉन में गार्ड ऑफ आनर दिया गया।
चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर व्यापक ऑपरेशनल अनुभव रखने वाले जनरल द्विवेदी इससे पहले सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत थे।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था। उन्हें 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था। उन्हें करीब 40 साल का अनुभव है। अपनी लंबी और विशिष्ट सेवा के दौरान उन्होंने कई कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल में काम किया है। लेफ्टिनेंट उपेंद्र द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स, ब्रिगेड 26 सेक्टर असम राइफल्स, आईजी, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान शामिल हैं।
डिप्टी चीफ के रूप में, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारतीय सेना में ऑटोमेशन और बेहतरीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया। उन्होंने उत्तरी कमान में सभी रैंकों की तकनीकी सीमा को बढ़ाने की दिशा में काम किया और बड़े डेटा एनालिटिक्स, एआई, क्वांटम और ब्लॉकचेन-आधारित जैसी अहम और उभरती हुई टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाया।

अपने शानदार सैन्य करियर के अलावा, उपेंद्र द्विवेदी ने डिफेंस और मैनेजमेंट स्टडीज में एम.फिल. की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने स्ट्रैटेजिक स्टडीज और मिलिट्री साइंस में दो मास्टर डिग्री भी हासिल की हैं।

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