बोईरदादर में सड़क और बाजार माहौल नही ,भगवानपुर में व्यवस्था नही ,किरोड़ीमल बना शराबियों अड्डा
कांग्रेस सरकार महत्वकांक्षी पौनी पसारी योजना में निगम प्रशासन की उदासीनता से करोड़ो की राशि का बंटाधार
रायगढ़। तत्कालीन कांग्रेस सरकार की महत्वकांक्षी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में रायगढ़ शहरी क्षेत्र में कितनी लापरवाही बरती जा रही है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पौनी पसारी योजना के तहत बनाएं गए बोईरदादर व भगवानपुर, किरोड़ीमल में देखा जा सकता है।
जिसमे बोईरदादर में सड़क ही नही है, बाजार का माहौल नही है कमोबेश यही हाल भगवानपुर का भी है जबकि किरोड़ीमल नगर पसरा शराबियों का अड्डा बन गया है।
आलम यह है इसमें निगम प्रशासन द्वारा बड़ी राशि खर्च कर शेड और चबूतरा का निर्माण कराया गया है लेकिन दुर्भाग्य है कि इसका सदुपयोग निगम प्रशासन नहीं करा सका है। इसकी वजह से यह योजना बंटाधार हो गया हम
गौरतलब हो कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की मंशा थी कि चौक चौराहे में व्यवस्थित तौर पर लोगों को फुटपाथ के बजाय दुकान मिल सके जहां वे रोजी-रोटी चला कर अपना आजीविका चला सकें। यही वजह था कि निगम ने शासन से भारी भरकम राशि लेकर सड़क किनारे फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले लोगों को पौनी पसारी योजना के तहत निर्मित शेड और चबूतरे पर शिफ्ट कर दिया जाएगा ताकि सड़क किनारे व्यवसाय से उत्पन्न होने वाली परेशानियों से निजात मिल सके लेकिन नगर निगम ने इस ओर गंभीरता से प्रयास नहीं किया। इधर भगवानपुर में पौनी पसारी योजना के तहत निर्मित शेड और चबूतरा पर गिनती के एक-दो दुकानदार अपना दुकान लगाते हैं। शेष जगह गंदगी का ढेर लगा हुआ है। बोईरदादर में सड़क ही नही है। जबकि यहां बाजार के लिए माहौल नही है। किरोड़ीमल नगर में बनाया गया पसरा शराब भट्टी के निकट होने से यहां दुकान नही लगता है, वहीं शराब पीने वाले लोगो की भीड़ रहती है। इसे आबाद करने की दिशा में नगर निगम, नगरीय निकाय प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से नगरवासियों में भी नाराजगी देखी जा रही है।
इससे यह तो स्पष्ट है निगम प्रशासन शासन की योजनाओं का क्रियान्वित करने में विफल है। वही कांग्रेस शासित नगर निगम अपने ही पार्टी तथा पूर्व सरकार की योजनाओं को लेकर तथा उसके क्रियान्वयन को लेकर कितना गंभीर है स्पष्ट नजर आ रहा है।
दुकानदारों की आज भी पहली पसंद है फुटपाथ
पौनी पसारी योजना के तहत निर्मित शेड और चबूतरा का बेहतर विकास हो सकता है क्योंकि सड़क किनारे एक दर्जन से अधिक दुकानें लगती हैं यदि उन दुकानों को वहां शिफ्ट कर दिया जाए तो एक ही परिसर में लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति हो जाएगी। सब्जी, फल आसानी से मिल जाएंगे। लंबा- चौड़ा क्षेत्र होने के कारण चौपाटी की कुछ दुकानों को भी पौनी पसारी योजना के तहत विकसित किए गए क्षेत्र में शिफ्ट किया जा सकता है। लेकिन आज भी शहर के अधिकांश चौक चौराहे, फुटपाथ में दुकान सज रहा है। निगम अमला की उदासीनता का लाभ उठा रहे है और यही वजह है कि लोग व्यवसाय सड़क में ही करना पंसद कर रहे है। इस तरह से व्यवसाय करने वाले भी शहर को व्यवस्थित करने में जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है।
डिग्री कालेज में बनाएं पसरा में आवंटन के बाद मूलभूत व्यवस्था करना भुला निगम
डिग्री कालेज के सामने बनाये गए पौनी पसारी योजना के तहत व्यवसायिक परिसर का उद्घाटन तामझाम के साथ किया गया था। उद्घाटन के कुछ दिनों बाद तक इसे खाली छोड़ दिया गया। बाद में नगर निगम के राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने आसपास दुकान लगाने वाले व्यवसायियों को बुलाकर चबूतरे का आवंटन भी कर दिया। उसके बाद कभी यह देखने का प्रयास नहीं किया गया। यहां तो दुकानदारों के दुकान से पसरा आबाद है लेकिन मूलभूत सुविधाओं का अभाव है यही वजह है कि लोग खुले में ही पेशाब करने को मजबूर है।