Monday, December 23, 2024
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बारिश में स्कूल की छत से टपकता है पानी, बरामदे में ली जाती है सभी क्लास ।

रसोई घर में गिर रहा प्लास्टर, आंगनबाड़ी की भी स्थिति खराब

रायगढ़। गर्मी छुट्टी के बाद अगले माह 18 जून को नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने वाली है,लेकिन तमनार क्षेत्र के अंतिम छोर में बसे ग्राम पंचायत केसरचुआं का आश्रित ग्राम औराजोर का प्राथमिक शाला मरम्मत की बाट जोह रहा है। कई शैक्षणिक सत्र बीत जाने के बाद भी छत से टपकते पानी की समस्या का अब तक कोई स्थाई समाधान नहीं हो पाया है। बरसात के दिनों में स्कूल की छत से टपकते पानी की वजह से विद्यालय में अध्यनरत बच्चों की नजर ब्लैक बोर्ड से ज्यादा छत के प्लास्टर पर रहती है। जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है। बच्चों के साथ ही साथ स्कूल के शिक्षकों को भी यह डर लगा रहता है कि कहीं छत का प्लास्टर टूटकर उनके ऊपर ना गिर जाए या बरसात के दिनों में छत से टपकते पानी उनके कपड़े, कापी-पुस्तक खराब ना करदे। सिपेज की समस्या के समाधान के लिए ग्राम प्रमुख व शिक्षकों के द्वारा शिक्षा विभाग को अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक स्कूल की छत की मरम्मत नही हो पाई है।

निर्माण के कुछ वर्ष के बाद सीपेज की आने लगी है समस्या

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार शासकीय प्राथमिक शाला भवन औराजोर को निर्माण हुए 17 वर्ष ही हुआ है। लेकिन निर्माण के कुछ सालों के बाद ही छत से सीपेज की समस्या आने लगी है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि भवन का निर्माण आवश्यक मापदंडों के अनुरूप नहीं हुआ है। निर्माण के दौरान कार्यों मे लापरवाही बरती गई है।

शिकायत के बाद भी नहीं हुई छत की मरम्मत

ग्राम पंचायत केशरचुआं के सरपंच ने बताया कि स्कूल की छत से सीपेज की समस्या आने के बाद मामले की शिकायत 3 वर्ष पूर्व विकासखंड शिक्षा अधिकारी से की गई थी। लेकिन शिकायत के बाद भी आज तक छत मरम्मत नहीं हो पाई है।

बारिश के मौसम में पॉलिथीन के सहारे स्कूल

शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ हेडमास्टर टीकाराम रतिया बताते हैं की बरसात के मौसम में छत को पॉलिथीन से ढका जाता है, और कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को बरामदे में एक साथ बैठकर पढ़ने की मजबूरी होती है। छोटे से गांव औराजोर के प्राथमिक शाला में पिछले शैक्षणिक सत्र में कुल 26 विद्यार्थी अध्यनरत थे। कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों की संख्या 7 थी। जो सभी पास हो जाने के बाद अब दूसरी से चौथी तक 19 छात्र बचे हैं। नए सत्र में कक्षा पहली में भर्ती होने वाले छात्र और दूसरी से चौथी तक के बच्चों को मरम्मत के अभाव में फिर वही समस्या झेलनी पड़ सकती है।

आंगनबाड़ी और रसोईघर की स्थिति भी दयनीय

ग्रामीणों ने बताया कि औराजोर में निर्मित आंगनबाड़ी और स्कूल के रसोईघर की स्थिति भी काफी दायिनी है। रसोई घर की छत से प्लास्टर गिरने लगे हैं, तो वहीं आंगनबाड़ी की छत भी जवाब देने लगी है।

क्या कहती है विकास खंड शिक्षा अधिकारी

बरसात के दिनों में जिन-जिन स्कूलों में सीपेज की समस्या आती है, जहां मरम्मत की आवश्यकता है। उन सभी स्कूलों की जानकारी मंगाई गई है। जो जो स्कूल मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत स्वीकृत नहीं हुआ है, उन स्कूलों की जानकारी मांगी गई है। तमनार विकासखंड के 38 स्कूलों की मरम्मत के लिए जानकारी भेजी गई है। हालांकि इसमें औराजोर स्कूल का नाम शामिल नहीं है।संकुल शैक्षिक समन्वयक द्वारा जानकारी नहीं भेजी गई है। स्कूल के हेडमास्टर से जानकारी लेकर पत्र संसोधित कर राज्य शासन को प्रस्ताव भेजेंगे।

मोनिका गुप्ता, विकासखंड शिक्षा अधिकारी

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