भाजपा शासन लाई थी शहर विस्तार की योजना अब मिलेंगी नई उड़ान, फैलाव से विकास की अवधारणा
रायगढ़।
शहर से 10 किमी दूर स्थित कोड़ातराई में तत्कालीन भाजपा प्रदेश का दूसरा रायगढ़ बनाने की परिकल्पना रखा था लेकिन यह समय के साथ दूर की गोटी बनते ही उदासीनता की मार झेलते हुए इसे भुला दिया गया चूंकि अब भाजपा सरकार पुनः सत्ता में बहुमत के साथ आते ही नया रायगढ़ की अवधारणा साकार होने की नई किरण जग गई है।
गौरतलब हो कि तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने नए रायगढ़ की परिकल्पना की नींव की बयानगी का सपना दिखाया था। नए रायगढ़ कोड़ातराई में बनाने के लिए शहर वासी भी काफी उत्साहित थे। दरअसल शहर में आबादी के लिहाज से इसकी दरकार भी थी। नए रायगढ़ में कोड़ातराई का चयन होने की बयानगी से शहर वासियो ने भी सरकार के सपने में शामिल होकर व्यपार और आवास रहवास को पूर्ण करने के लिए लालयित हो गए। इस विकास के लिए यहां नया नेशनल एयरपोर्ट नया रायगढ़ बनाना था। कुछ किसानों के द्वारा जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई भी की गई लेकिन विरोध और आपत्ति के चलते ग्रामीणों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा दिए जिससे यह प्रकरण याचिका के तौर पर दायर की गई थी। इसके बाद एयरपोर्ट नया रायगढ़ प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गया था।वहीं तत्कालीन कांग्रेस सरकार भुपेश बघेल द्वारा इस पर सार्थक निर्णय व कोर्ट में याचिका पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचती रही। फिलहाल नया रायगढ़ और एयरपोर्ट का काम अटक गया है चूंकि भाजपा सरकार ने इसे लाया था नए प्रोजेक्ट के रूप में अब दोबारा सरकार मद विष्णु देव के मुख्यमंत्री बनते ही इसकी परिकल्पना पर नए उम्मीद के पंख लग गए है। इसकी वजह भी केवल यह है कि वर्तमान सीएम छत्तीसगढ़ शासन विष्णु देव 4 बार के सांसद रायगढ़ संसदीय क्षेत्र से है। जिसके चलते उन्हें रायगढ़ की आबोहवा और जनता की मांग भलीभांति मालूम है। बहरहाल अब देखना यह होगा कि एयरपोर्ट व नए रायगढ़ को लेकर नई विष्णु देव साय की सरकार किस दिशा के पहल करती है तथा क्या कार्ययोजना बनाती है यह भी देखने योग्य है।
600 एकड़ कृषि भूमि में बनना है एयरपोर्ट
कोंड़ातराई में प्रदेश का दूसरा नेशनल एयरपोर्ट बनाया जाना था। यह तत्कालीन समय मे नियत थी। सरकार की अवधारणा विकास तथा औद्योगिक जिले के लिए महत्वपूर्णता को देखते हुए इसकी परिकल्पना को रखा गया था, साथ ही यहां नया रायगढ़ भी बसाया जाना था। इसके लिए करीब 600 एकड़ कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जाना था। इसमें कोंड़ातराई, औरदा, बेलपाली और जकेला गांव के लगभग 500 परिवार प्रभावित होंगे। एयरपोर्ट और नया रायगढ़ के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू की तो प्रभावित क्षेत्र के किसानों ने इसका विरोध करते हुए आंदोलन किया। अधिग्रहण पुनर्वास नीति का विरोध करते हुए कुछ किसानों ने हाईकोर्ट की शरण ली। तब से यह कोर्ट मे विचाराधीन है अब फिर से सरकार आचार संहिता समाप्त होते ही कुछ पहल कर सकती है।
नया रायगढ़ और एयरपोर्ट क्यों जरूरी
पावरहब और इंडस्ट्रीयल जिला होने के बाद भी राज्य की राजधानी और देश के बड़े शहरों से रायगढ़ की कनेक्टिविटि नहीं है। रायगढ़ में नेशनल एयरपोर्ट बनाया जाता है तो केवल यातायात के लिहाज से बेहतरी होगी बल्कि यहां निवेश को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार बढ़ेगा। तत्कालीन दौर मे 270 करोड़ होंगे खर्च प्रदेश के दूसरे नेशनल एयरपोर्ट के लिए 270 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का प्रस्ताव था। इस राशि काे दो चरणों में खर्च किया जाना था। पहले चरणों में 150 तो दूसरे में 120 करोड़ रुपए। इस राशि से शासन द्वारा एयरपोर्ट के लिए हवाई यात्रा से संबंधित विभिन्न प्रयोजनों रनवे, लाइटिंग व्यवस्था, टर्मिनल भवन तकनीकी कक्ष के निर्माण, अहाते का निर्माण, पार्किंग व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट, फायर स्टेशन, वीआईपी एवं यात्री कक्ष, विद्युत उपकेन्द्र आदि का निर्माण कार्य कराया जाएगा। वही रायगढ़ का फैलाव सीमित है सड़के रोज जाम लग रही है और विकास की गति धीमी है। इस लिहाज से नया रायगढ़ तथा एयरपोर्ट दोनो की दरकार है।