Monday, December 23, 2024
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जलभराव से मुक्त करने निगम प्रशासन ने नही बनाई अब तक रणनीति बारिश बढ़ाएगा शहर वासियों की मुसीबत

हर साल बरसात के पानी से नाली नाले के उफान पर होने से शहर के कई इलाके बनते है अघोषित तालाब

निगम अधिकारियों का दल कचरा सेंटर निरीक्षण और विभागीय कार्यों के लिए दफ्तर तक सीमित

रायगढ़ (जनकर्म न्यूज़)। हर साल बारिश का पानीशहर में जलभराव की स्थिति निर्मित हाहाकर मचा देता है। इस स्थिति को देखते हुए नगर निगम प्रशासन द्वारा बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए मानसून से पहले कार्य योजना बनाते आई है लेकिन इस वर्ष यह व्यवस्था नदारद है आलम यह है कि अमुमन करीब 1 माह या पखवाड़े भर बाद मानसून की दस्तक होगी जिससे शहर में बड़े नाले में सफाई के अभाव में जल भराव के हालत उपजने की आशंका है चूंकि समय कम व बड़े चिन्हित नाले सफाई नही होने से यह स्थिति शहर को अघोषित तालाब में नजर आ सकता है।

गौरतलब हो कि तत्कालीन विधायक स्व रोशन लाल द्वारा शहर में सफाई व नाले की सफाई के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाकर जिला प्रशासन तथा नगर निगम के साथ संयुक्त प्रयास से व्यापक कार्ययोजना बनाकर युद्ध स्तर में सफाई कार्य को अमलीजामा पहनाया जाता था। वर्तमान में सरकार द्वारा शहर लजे 48 वार्ड में मैन पावर गैंग,शासन से मिली नई छोटी पोकलेन, डोजर,एवं जेसीबी, पोकलेन लगाकर छोटे बड़े नालों की वार्ड वार सफाई कराया जाता है। इसके अलावा सफाई व्यवस्था में लगे अधिकारी कर्मचारी तथा वार्ड पार्षद की मांग के अनुरूप सफाई मशीन व उपकरण की व्यवस्था की जाती है।
निगम प्रशासन द्वारा हर वर्ष इस कार्य के लिए भारी भरकम राशि सफाई के नाम पर खर्च करती है लेकिन इसका सार्थक नतीजा नही निकलता है। जिसमें मई माह में कई वार्ड में नाला सफाई का श्री गणेश हो जाता था। परंतु वर्तमान में माह को बीते 15 दिन का समय हो गया है। इसके बावजूद भी इस दिशा में शहर सरकार तथा निगम प्रशासन कोई दिलचस्पी नही दिखा रहा है। जबकि नाले की सफाई नही होने से कई इलाके में नाला उफान में आकर बाढ़ तथा तालाब बन जाता है।
अब देखना यह होगा कि सफाई व्यवस्था कब से आरंभ होता है, सफाई व्यवस्था किस कदर हो पाती है। वहीं, शहर सरकार व निगम प्रशासन की यह सफाई कार्य बारिश के पानी को झेल पाती है या नही।

नालियों से अतिक्रमण हटाना आवश्यक

नगर निगम क्षेत्र मे मुख्य मार्ग से लेकर गली मोहल्ले में बहने वाली छोटी बड़ी नाली नालियों पर अतिक्रमण कारियों द्वारा कब्जा किया गया है। जिसमें कुछ लोगों द्वारा घर बनाकर रह जाता है तो कुछ नालियों को स्लैब डालकर घर बना कर रहे हैं। इससे नाले नालियों का कार सिमट चुका है। इस स्थिति में नगर निगम के अधिकारी कर्मचारी सफाई दरोगा भली भांति अवगत है। यह अतिक्रमण हर वर्ष नाले नालियो का पानी उफान मारते हुए लोगों के घरों में घुसा और बाढ़ जैसे हालात को उत्पन्न करता है इसे नाले नालियों से अतिक्रमण को हटाना अति आवश्यक है। लेकिन निगम प्रशासन इस ओर ध्यान देना मुनासिब नही समझती है।

शहर के इन 12 बड़े नालों की सफाई अतिआवश्यक

बारिश का पानी जाम होकर कई नाला जल भराव के हालात में रहता है। जिसमें भगवानपुर नाला, ईशा नगर नाला, दीनदयाल नाला, आशीर्वाद नगर नाला, इंदिरानगर नाला, जोगीडीपा नाला, चांदनी चौक नाला, रामभाठा नाला, बापूनगर नाला, मोदीनगर नाला, पैठु डबरी,मौदहापारा नाला, चिरंजीव दास, गोगा मंदिर नाला व शहर स्थित बड़े नालों की सफाई बेहद जरूरी है। इनके आसपास के इलाकों में बारिश के दिनों में जलभराव का संकट सबसे ज्यादा होता है। जहां हर वर्ष बारिश के पानी से मौहल्ला तालाब बन जाता है।

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