Wednesday, August 27, 2025
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7 माह में 333 सडक़ हादसे, 228 ने गंवाई जान, 388 हुए घायल

7 माह में 333 सडक़ हादसे, 228 ने गंवाई जान, 388 हुए घायल नशे में वाहन चलाना और तेज गति बन रहे कारण, 7 माह के भीतर सर्वाधिक सडक़ दुर्घटना खरसिया और लैलूंगा में


रायगढ़। जनवरी से जुलाई यानी बीते 7 माह में जिले में 333 सडक़ हादसे हुए। जिसमें 228 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इन हादसों में 388 लोग घायल हो चुके हैं। जिले मेें होने वाले सडक़ हादसों की मुख्य वजह से तेज गति और शराब के नशे में वाहन चलाने को माना जा रहा है। इन 7 माह के भीतर सर्वाधिक सडक़ दुर्घटना खरसिया और लैलूंगा में देखने को मिले हैं।
जिन जगहों पर अत्यधिक सडक़ दुर्घटनाएं होती हैं, उसे यातायात पुलिस ने चिन्हांकित कर रखा है। जानकारी के अनुसार जिले में 14 ब्लैक स्पॉट का चिन्हांकन किया गया है। जोरापाली चौक, उर्दना तिराहा और छातामुड़ा चौक इसमें से प्रमुख ब्लैक स्पॉट क्षेत्र है। वहीं एनएच 49 में जिन जगहों पर ज्यादातर हादसे होते हैं, उनका चिन्हांकन भी किया गया है। यातायात विभाग के अनुसार ज्यादातर हादसों में यह देखा गया है कि यातायात नियमों का पालन क रने में कोताही बरतने वाले, तेज गति से वाहन चलाने वाले तथा शराब का सेवन कर वाहन चलाने वाले हादसे के शिकार होते हैं। मुख्य बात यह है कि तेज रफ्तार व शराब का सेवन कर वाहन चलाने वालेे स्वयं हादसे के शिकार होते हैं और उनकी वजह से जो राहगीर उनक ी चपेट में आते हैं वे भी घायल हो जाते हैं। यातायात पुलिस सडक़ हादसों पर लगाम लगाने के लिए लापरवाही बरतने वाले मोटरसाइकिल सवार व कार चालकों पर लगातार कार्रवाई कर रही हैं। किंतु मुख्य बात यह है कि लगातार चालानी कार्रवाई के बाद भी सडक़ दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। हालांकि ब्लैक स्पॉट के चिन्हांकन व उसमें सुधार के बाद उनमें से कुछ जगहों पर सडक़ हादसों में कमी देखने को मिली है। किंतु बीते सालों की अपेक्षा इन सात महिनों के सडक़ हादसों के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि बीते सालों में सडक़ हादसों में जितनी मौतें साल भर में हुए, उतनी मौतें वर्ष 2025 में महज 7 माह में ही हो गई। वहीं इन सात माह में घायलों की संख्या भी बीते वर्ष की तुलना में अधिक है।


लैलूंगा में 32 व खरसिया में 26 की मौत
जानकारी के अनुसार लैलंूगा विकासखंड में इन 7 माह में सर्वाधिक 32 और खरसिया में 26 लोगों की मौत सडक़ हादसे में हुई है। ज्यादातर हादसे दो बाइक के आमने-सामने टकराने, पेड़ से टकराने या फिर मोड़ में अनियंत्रित होकर गिरने जैसे मामले हैं। वहीं इन सडक़ हादसों में या तो बाइक सवार तेेज गति में होता है या फिर शराब के नशे में बाइक चला रहा होता है। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना की सडक़ों में बने अंधे मोड व टेढ़े मेढ़े मार्गों पर तेज गति से मोटरसाइकिल चलाना भी हादसों को न्यौता देता है और जानलेवा साबित होता है।


एक माह में औसतन 47 हादसे
बीते सात माह में हुए हादसों पर नजर डालें तो पता चलता है कि एक माह में औसतन 47 सडक़ हादसे जिले में कहीं न कहीं होते हैं। जिसमें औसतन 32 लोगों की मौत होती है और 55 लोग घायल हो जाते हैं। वहंी बीते तीन सालों के सडक़ हादसों पर नजर डाले तो वर्ष 2022 में 623 हादसों में 305 मौत, 483 लोग घायल हुए, जबकि वर्ष 2023 में 666 हादसे हुए, जिसमें 362 लोगों की मौत और 562 लोग घायल हुए। इसी प्रकार वर्ष 2024 में करीब 500 से अधिक हादसों में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।


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