266 स्वच्छता दीदी, 445 सफाईकर्मी फिर भी शहर और वार्डों में नहीं हो रहा नियमित कचरे का उठाव
संसाधनों से परिपूर्ण फिर भी अव्यस्थित सफाई व्यवस्था
अभियान चलाकर कार्रवाई, स्वच्छता में लापरवाही पर मौन
रायगढ़। 266 स्वच्छता दीदी, प्लेसमेंट और नियमित मिला कर 445 सफाईकर्मी होने के बावजूद वार्डों से नियमित कचरे का उठाव नहीं हो पा रहा है। जिससे शहरवासी परेशान हैं। कुछ वार्डों में पूछने पर पता चला कि हफ्ते में 2 से 3 दिन ही दीदीयां कचरा लेने आती हैं, सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाने हफ्ते में एक ,नाली सफाई 15 दिन में 1 दिन आना बताए है। यही कारण है कि शहर कचरा मुक्त नहीं हो पा रहा है।
दरअसल नगर निगम अधिकारियों के गैर जिम्मेदारना रवैय्या से शहर सहित वार्डो की सफाई व्यवस्था चौपट हो गई है। स्वच्छता दीदीयों को गीला-सूखा कचरा अलग करने, कचरा नहीं देने वाले लोगों का नाम रजिस्टर में एंट्री करने सहित नियमित कचरा उठाने का जिम्मा सौंपा गया था जिसमे नियमित नही आने से वार्डो में अघोषित गार्बेज केंद्र बन रहा है। नियमित रूप से लोगों के घर स्वच्छता दीदीयों के नहीं पहुंचने की शिकायत मिलने पर कुछ वार्डों में जाकर पतासाजी की गई तो चौकाने वाली बात सामने आई। कई वार्डो में रोजना कचरा लेने स्वच्छता दीदी आ रही है तो अधिकांश वार्डो के मोहल्ले में इसके विपरीत परिस्थिति है। हफ्ते के दो या तीन दिन ही आ रही हैं। इसी तरह झाड़ू लगाने वाली महिला सफाई कर्मचारियों द्वारा केवल हफ्ते में एक दिन वह भी मुआयना करके बेरंग लौट जाते है इसकी वजह केवल लोगो द्वारा अपने-अपने
घरों के बाहर झाड़ू लगा लेते है। नालियो से कचरा निकालने वाले कर्मचारियों द्वारा वार्डो में मोहल्ले में 15 दिन में एक दिन तय किया गया है। इसकी बयानगी वार्ड के मोहल्ले वासी स्वयं कर रहे है। इस तरह से सफाई व्यवस्था चौपट है। जबकि नए नियुक्त आयुक्त ने शहर सहित मोहल्ले से गार्बेज फ्री बनाने का संकल्प लेकर कार्य योजना बना रहे है ऐसे में इस सफाई व्यवस्था सफाई कर्मचारी से लेकर सुपरवाइजरो की लापरवाही पर किस स्तर में लगाम लगा पाते है यह देखने योग्य होगा।
संसाधनों से परिपूर्ण फिर भी अव्यस्थित सफाई व्यवस्था
शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी सिर्फ स्वच्छता दीदीयों, जमादारों , झाड़ू लगाने वाले की है, इसके अलावा कचरा उठाने के लिए जेसीबी, ट्रैक्टर, ठेला जैसे सारे संसाधन निगम के पास उपलब्ध हैं। निगम के पास पर्याप्त सफाई कर्मचारी भी हैं। शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। साफ-सफाई में भी आपसी रंजिश लेकर भेदभाव किया जा रहा है। चहेते वाडों को छोड़ शहर सरकार बाकी वार्डो पर ज्यादा फोकस किया जाता हैं।
अभियान चलाकर कार्रवाई, स्वच्छता में लापरवाही पर मौन
स्वच्छता दीदीयों से लेकर, झाड़ू लगाने वाले, जमादारों पर हर स्तर में मॉनिटरिंग होती है। इसमें वार्डो के लिए सुपरवाइजर नियुक्त है। इसके ऊपर सफाई दरोगा है। ये कुछ वार्डो की संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाकर कार्य स्वच्छता कर्मचारियों से लेते हैं। जबकि इनकी मानिटरिंग केवल कागजों तक है, यही वजह है कि जगह -जगह कचरा डंप हो रहा है। नालियां बजबजाती नजर आती है। इस पर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर मौन साधा जाता है। वहीं शहर वासियों पर खामियां मिलते ही जुर्माना वसूला जाता है।
सफाई कर्मचारी पर एक नजर
385 स्वच्छता कर्मी प्लेसमेंट
60 नियमित स्वच्छता कर्मी
266 स्वच्छता दीदी
वर्जन
सफाई व्यवस्था को लेकर किसी तरह की कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। नए आयुक्त से इस दिशा में चर्चा कर स्वच्छता अभियान पर जोर दिया जाएगा।
रत्थु जयसवाल, स्वच्छता प्रभारी एमआइसी नगर निगम