उद्योग बेलगाम: 200 एकड़ खेत फ्लाईऐश से बर्बाद
एनजीटी में हुई शिकायत तो पर्यावरण व कृषि विभाग ने तैयार की नुकसान की रिपोर्ट
जनकर्म न्यूज
रायगढ़। जिले में उद्योग बेलगाम हो गए हैं। एनजीटी में हुई शिकायत के बाद फ्लाईऐश से खेतों को हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाई गई तो उसमें यही जानकारी सामने आई है। कृषि व पर्यावरण विभाग तैयार इस रिपोर्ट में उद्योगों द्वारा डाली गई फ्लाईऐश से करीब 200 एकड़ फसल और उसका उत्पादन प्रभावित होने की सरकारी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी गई है।
उद्योग नगरी में स्टील व पॉवर कंपनियों की अधिकता के कारण उनसे निकलने वाले फ्लाईऐश का मनमाने तरीके से डिस्पोजल किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों में तो फ्लाईऐश को बंद पड़ी माइंस,सीमेंट फैक्ट्रियों व ब्रिक्स प्लांट से लेकर अन्य में उपयोग दिखाया जाता है लेकिन इसके अलावा भी वन व राजस्व भूमि में अवैध डंपिंग की जाती है। वहीं ग्रामीण अंचल में सडक़ किनारे मिले खेतों में भी फ्लाईऐश डंप कर दी जाती है। ऐसे अनेक मामले हैं। जिसमें फ्लाईऐश डंप किए जाने से किसानों की फसलों को नुकसान होता है। फ्लाईऐश के इस तरह से अवैध निष्पादन के कारण खेतों व फसलों को नुकसान पहुंचने की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता बजरंग अग्रवाल ने एनजीटी में की थी। जिस पर एनजीटी ने संज्ञान लिया और कृषि व पर्यावरण विभाग से इसकी रिपोर्ट मांगी थी। जिसके बाद जो सरकारी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी गई है। उसमें रायगढ़ जिले के 16 गांवों का 79.5 हेक्टेयर या करीब 197 एकड़ रकबा प्रभावित माना गया है। इसमें विभाग ने भी उत्पादन में 30 से 40 प्रतिशत की कमी का अनुमान जताया है।
गैस चेम्बर व कालिख से प्रदूषण
उद्योग नगरी में विकास के नाम पर कंपनियों व माइंस की बाढ़ आई तो इसके बदले में तेजी से कटते पेड़ों ने भी पर्यावरण को छलनी किया। आज हालत यह है कि प्रदूषण की कालिख से हर कोई परेशान है। खेतों की फसल के अलावा घर का आंगन और छत भी पैदल चलने लायक नहीं बच गई है। प्रदूषण व कालिख की इस मार के कारण अस्थमा और फेफड़ों की दूसरी बीमारी के मरीज बढ़ रहे हैं। प्रदूषण व कोल साइडिंग के कारण किरोड़ीमलनगर से राबर्टसन रेलवे स्टेशन का इलाका तो गैस चेम्बर बनने लगा है।