सोशल मीडिया में पूर्व पार्षद ‘अनूप’ रतेरिया ने किया एलान इस बार उनका ‘अंतिम चुनाव’
2 बार कांग्रेस की टिकट से पार्षद बनकर कर चुके है प्रतिनिधित्व, चौथी बार के लिए वार्ड 20- 21 से दावेदारी
परिस्थिति अनुकूल होने पर जनता की अपेक्षा के अनुरूप बदल सकता है निर्णय
रायगढ़।
त्रिस्तरीय चुनाव को महज कुछ माह का समय शेष है। राजनीतिक पार्टी के साथ साथ जिन पार्षदो को दुबारा, तीसरी तथा चौथी से पांचवी बार चुनाव लड़ना है वे जमीन को मजबूत करने में जुट गए है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में उस वक्त हलचल मच गया जब शहर के दिग्गज भाजपा नेता अनूप रतेरिया ने सोशल मीडिया फेसबुक में इस चुनाव को अपना अंतिम चुनाव बता दिए। चर्चाओं का दौर शहर से लेकर जिले में चलने लगा है। यह उनके कद के अनुरूप ही नजर आ रहा है।
दरअसल वार्ड परिसीमन का ऐलान होते ही पार्षद चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई। नगर निगम में शहर सरकार के तौर पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है वो भी पूरी तरह सक्रिय हो गई। विकास कार्यो को लेकर भेदभाव का आरोप तक लगा दिए। ये अलग मसला है कि 5 साल बीतने को है 48 वार्ड में क्या दिया क्या बनाया क्या जनता ने उनके राज में लाभ उठाया है। इन सभी के इतर गुना भाग जातिगत तथा जीत के लिए सक्रिय दरी से झंडा उठाने वाले नेता भी गली मोहल्ले में सक्रियता दिखा रहे है सुख दुख में पूछ- परख जनता का करने लगे है।इस दरमियान उस वक्त शहर की राजनीति में हलचल मच गया जब शहर के कद्दावर नेता अनूप रतेरिया ने दो बार कांग्रेस पार्टी से जीत के बाद भाजपा में शामिल होकर अपनी अलग छाप बनाने में सफल हो पाए है। वे फेसबुक सोशल मीडिया प्लेटफार्म में इस चुनाव अपना व्यक्तिगत चुनाव बताएं हैं। सोशल मीडिया पोस्ट से चर्चाओं का दौर आरंभ हो चुका हैं।
यहां अनूप की छवि से हर कोई वाकिफ है वे नेता के साथ सामाजिक पकड़ भी मजबूती से बनाए है। समाज सेवा के तौर पर उनके द्वारा ठंडी,गर्मी, बारिश तीनों मौसम कमोबेश लोगो की सेवा दिन रात कंबल छाता वितरण कर बनाए हैं फिलहाल राजनीति संभावना के साथ होती है हर नेताओ का हर पार्टी में दरवाजा तथा उनकी रणनीति अलग होती , यहां कोई भी स्थायित्व नही है फिर भी अनूप के पोस्ट से हलचल मच गया है।
वार्ड 20 और 21 के दावेदारों में बनेगी उहापोह की स्थिति
वार्ड नंबर 20 -21 दोनों सामान्य वर्ग है। यहां चुनाव में अमूमन 10 से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में नजर आते है। ऐसे में अनूप कठेरिया ने इस बार वार्ड नंबर 20 तथा 21 में चुनाव लड़ने की मंशा को जाहिर किए हैं इससे यह तो स्पष्ट है कि इस वार्ड में अन्य नेताओं के बीच में उहापोह की स्थिति बनेगी । हालांकि पार्टी में मजबूत पकड़ होने के चलते कुछ अलग या उनके अनुरुप हो जाए इससे इनकार नही किया जा सकता है।
एक नजर राजनीतिक कद पर
युवा दौर में अनूप रतेरिया का झुकाव मौजूदा हाल पर रहा। वे इंदिरा गांधी के दौर में उनके कार्य से प्रभावित रहे।मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समय मे सक्रिय युवा राजनीति में पदार्पण किए। रायगढ़ में ठाकुर घराना से उनका जुड़ाव रहा। दिग्विजय सिंह तथा अजीत जोगी जैसे कद्दावर नेताओं के साथ भी जुड़कर पार्टी के लिए अहम भूमिका निभाए। इन सभी के बीच वर्ष 2004 के पार्षद चुनाव में चांदनी चौक तत्कालीन वार्ड 21 से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े। यहां उन्होंने 11 प्रत्याशी को हराते हुए 89 मत दे जीत हासिल किए। कमोबेश 2009 में गृह वार्ड में 290 मत से जीत का रिकार्ड बरकरार रखें निकटतम प्रतिद्वंद्वी को हराए । वही कांग्रेस कार्यकाल उन्होंने महामंत्री का पद भी संभाला था।
अनुशासन और उपेक्षा से कांग्रेस छोड़ पूर्व विधायक रोशन के समक्ष थामे बीजेपी का दामन
अनूप रतेरिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर बताएं कि कांग्रेस में सबसे कमजोर कड़ी मुखिया तथा अनुशासन का है। यहां कोई भी हेलीकॉप्टर से लैंड कर ज़मीनी स्तर के नेताओ की राजनीति को खत्म कर सकता है। उन्होने बेबाक होकर कहां की इस परिस्थितियों वे गुजरे। पार्षद रहते हुए सम्मान के लिए लड़ना पड़ा,उपेक्षा का दंश भी झेलना पड़ा। किस्से के तौर में बताया कि जब नगर निगम में महापौर जेठूराम निर्वाचित हुए थे तब वे भी पार्षद कांग्रेस पार्टी से थे, डेढ़ साल तक वित्त प्रभार एमआईसी में थे। लेकिन राजनीतिक दबाव और बढ़ते कद को देखते हुए जेठूराम ने निर्दलीय पार्षद सलीम को प्रभार दे दिया जबकि कांग्रेस के अन्य पार्षद थे। इसके उपरांत उन्होंने 2013 में कांग्रेस को अलविदा कह दिया । पूर्व विधायक रोशन लाल अग्रवाल के समक्ष जशपुर नरेश युद्धवीर की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए।
वर्जन
इस बार मेरा पार्षद चुनाव अंतिम चुनाव है। अगर जीत गया तो जनता तथा पार्टी के रीति नीति के तहत आगे की रणनीति बनेगी। पार्षद के बजाए अन्य चुनाव में सक्रिय रहूंगा दावेदारी भी रहेगी। मेरा फोकस 20 -21 नंबर वार्ड में हैं,प्राथमिकता भी यही वार्ड है, बाकी पार्टी का निर्णय सर्वमान्य है।
अनूप रतेरिया(भुटटो) भाजपा नेता