चुनाव से पहले गली-कूचों में घूमने वाले जनप्रतिनिधि जीत के बाद घरों में दुबके, वार्ड बनते जा रहे कचरा डंपिंग यार्ड
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हर को कचरे का ढेर बनाने में लोगों के अलावा वार्ड पार्षद भी जिम्मेदार, महापौर और कमिश्नर भी शहर को स्वच्छ बनाने में नाकाम
*जनकर्म न्यूज/ रायगढ़।* चुनाव से पहले गली-कूचों में घूम-घूम कर लोगों को तरह-तरह के विकास के दावे करने वाले जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद अपने घरों में दुबक गए हैं। वार्ड में इनकी सक्रियता नजर ही नहीं आ रही है। ऐसा हम नहीं बल्कि अधिकांश वार्डों के लोग कह रहे हैं। जिसके कारण वार्ड कचरा डंपिंग यार्ड बनते जा रहे हैं। शहर को कचरों का ढेर बनाने में शहरवासियों का हाथ तो है ही, लेकिन इसके जिम्मेदार संबंधित वार्ड के पार्षद भी हैं। क्योंकि अपने वार्ड के लोगों को जागरूक करने का काम भी पार्षदों का है। अगर वार्ड पार्षद अपने वार्ड में बने कचरा डंपिंग यार्ड को हटा नहीं पा रहे तो वहां की नियमित सफाई तो करा ही सकते हैं, लेकिन पार्षदों को इतनी फुर्सत ही कहां कि वो कचरों में अपना दीमाक खपाएं। कुछ वार्डों के लोगों ने कहा कि माह-माह भर तक कचरा सडक़ किनारे, बीच मोहल्लों व चौक-चौराहों पर पसरा रहता है। धीरे-धीरे यहां कचरों का अंबार लग जाता है। संड़ांध और गंदगी से बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है, लेकिन कचरे का नियमित उठाव नहीं होता। वो अपनी फरियाद लेकर पार्षद के पास जाते तो हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन देकर रवाना कर दिया जाता है। वर्तमान में शहर में डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, डायरिया जैसी गंभीर बीमारियां फैल रही है और इस तरह कचरों के बीच लोगों का रहना बीमारियों को न्यौता देने जैसा है। जिस तरह वार्ड पार्षद अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हैं उसी तरह शहर सरकार और निगम प्रशासन भी अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ रही है। शहर को कचरे से मुक्त कर स्वच्छ बनाने में महापौर व निगम कमिश्नर भी अब तक नाकाम नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि हर साल हमारा रायगढ़ स्वच्छता रैंकिंग की दौड़ में लगातार नीचे गिर रहा है।
सीधी बात
महेश कंकरवाल, बीजेपी पार्षद वार्ड 19
सवाल :क्या आप निगम की सफाई व्यवस्था से खुश हैं, आपके हिसाब से क्या होना चाहिए?
* जवाब : नगर निगम सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करता है, लेकिन इसका कोई फायदा लोगों को नहीं मिलता। निगम को ऐसी कोई टेक्निॉलाजी लानी चाहिए कि कचरा डंपिंग यार्ड ही न हो सीधे कचरों को ट्रैक्टर में डाल कर ले जाया जा सके।
सपना सिदार, कांग्रेस पार्षद वार्ड 25
सवाल : क्या आप निगम की सफाई व्यवस्था से खुश हैं, आपके हिसाब से क्या होना चाहिए?
जवाब : मैं एक सामान्य सी पार्षद हूं अपने वार्ड के बारे में ही बोल सकती हूं। मेरे वार्ड में कहीं कोई कचरा डंपिंग यार्ड नहीं है। अगर मैं उस जिम्मेदार पोस्ट में रहती तो शहर को रायपुर की तर्ज पर स्वच्छ बनाने का पूरा प्रयास करती।
जगतपुर, वार्ड क्रमांक 4 : पार्षद, जानकी काटजू
यह तस्वीर वार्ड क्रमांक 4 जगतपुर की है। यहां स्थानीय लोगों द्वारा महापौर के घर जाने वाले रास्ते में एक खाली प्लाट को कचरा डंपिंग यार्ड बना दिया गया है। लोगों ने कहा कि यहां कभी सफाई नहीं होती। महापौर को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
*गांधी गंज, वार्ड क्रमांक 18 : पूनम सोलंकी*
यह तस्वीर वार्ड क्रमांक 18 गांधी गंज की है। नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी के वार्ड में स्थित यह कचरा डंपिंग यार्ड यहां से गुजरने वाले लोगों को चिढ़ाता है। इनके वार्ड में स्टेशन मार्ग, पोस्ट ऑफिस के पीछे भी अघोषित कचरा डंपिंग यार्ड मौजूद है।
मालीडीपा, वार्ड क्रमांक 48 : सुनीता महेश शुक्ला
यह नजारा मालीडीपा मुख्य मार्ग का है। इस स्थान में पहले कुछ घर के लोग ही कचरा फेंकते थे, लेकिन अब यहां पूरा डंपिंग यार्ड बन गया है। यहां निगम के सफाईकर्मी भी नियमित रूप से नहीं आते हैं, जिससे कचरे का उठाव भी नहीं होता।
चांदमारी मार्ग, वार्ड 8 : पार्षद, रूकमणी साहू
यह कचरा डंपिंग यार्ड चांदमारी-इंदिरा नगर मार्ग में स्थित है, जोकि वार्ड क्रमांक 8 में आता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां एक माह में एक बार कचरे का उठाव होता है। जबकि यह काम नियमित होना चाहिए।
इंडस्ट्रीयल एरिया, वार्ड 25 : पार्षद, सपना सिदार
यह तस्वीर बंगाली कॉलोनी इंडस्ट्रीयल एरिया की है। यहां स्थानीय के अलावा दूसरे मोहल्ले के लोग भी कचरा फेंकने आते हैं। कुछ लोगों द्वारा निगम के सफाई कर्मचारियों को कचरा उठाने के लिए कहने पर रुपए की मांग करते हैं।
मोदीनगर, वार्ड 24 : पार्षद, प्रतीक विश्वाल
यह तस्वीर मोदी नगर के प्रवेश मार्ग की है। यहां से लेकर 500 मीटर तक के क्षेत्र को लोगों ने कचरा डंपिंग यार्ड बना दिया है। इन कचरों में बारिश का पानी भी जाम है। जिससे यहां बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है।
इतवारी बाजार, वार्ड 19 : पार्षद, महेश कंकरवाल
यह नजारा इतवारी बाजार का है। बाजार में फैले कचरों के ढेर और सड़ांध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। लोगों ने कहा कि एक तो साप्ताहिक बाजार की गंदगी से वो पहले ही त्रस्त हैं उपर से घरों का कचरा भी यहीं फेंका जा रहा है।