रायगढ़ में डेंगू से महिला की मौत को नहीं मान रहा स्वास्थ्य विभाग, छिपा रहा नाकामी
अब तक शहर में डेंगू के 388 मरीज मिले, 92 मरीज हैं एक्टिव
रायगढ़। मंगलवार की रात डेंगू से एक महिला की मौत की खबर ने पूरे शहर में कोहराम मचा दिया है। इधर स्वास्थ्य विभाग डेंगू से महिला की मौत को नहीं मान ही नहीं रहा है। पिछले साल भी तीन नवजवानों की डेंगू से मौत को स्वास्थ्य विभाग नकारता रहा। इस विभाग अपनी नाकामी छिपा रहा है। अब तक शहर में डेंगू के 388 मरीजों की पुष्टि हुई हैं। वहीं वर्तमान में 92 मरीज एक्टिव हैं।
दरअसल स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम प्रशासन डेंगू को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है। सिर्फ बैठकों में रणनीति तैयार कर धरातल पर सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है। अप्रैल से अब तक की स्थिति में डेंगू के 388 मरीज मिले हैं, जोकि पिछले साल की तुलना काफी ज्यादा हैं। अगर जिम्मेदार अधिकारी डेंगू को लेकर गंभीर हैं तो फिर साल दर साल इसका आंकड़ा बढ़ता ही क्यों जा रहा है यह सबसे बड़ा सवाल है। इंदिरा नगर की एक महिला की डेंगू से मौत हो गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे मानने को तैयार ही नहीं है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो शहर के जिन-जिन निजी हॉस्पिटल में महिला ने जांच कराया है उसमें कहीं पर भी यह नहीं लिखा है कि महिला डेंगू पॉजिटिव थी। बात रही महिला के रायपुर बालाजी हॉस्पिटल में एडमिट होने की तो वहां से फाइल मंगाया गया है, इसके बाद ही पुष्टि होगी कि आखिर महिला की मौत डेंगू से हुई है या नहीं। खास बात यह है कि पिछले साल भी शहर के तीन नवजवानों की मौत डेंगू से हुई थी। उस वक्त भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनकी मौत की वजह डेंगू नहीं मान रहे थे। इस तरह अपनी नाकामी छिपाने के लिए विभागीय अधिकारी मौत के कारण को ही बदलने में लगे हुए हैं। ताकि खुद की किरकिरी न हो और शासन-प्रशासन उन पर हावी न हो सके।
महिला की मौत डेंगू से हुई है इसकी अब तक पुष्टि नहीं : सीएमएचओ
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. वीके चंद्रवंशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि महिला की मौत डेंगू से हुई है या नहीं इसकी अब तक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं प्लेटलेट्स सिर्फ डेंगू में ही कम नहीं होता और भी कई बीमारियों में प्लेटलेट्स की कमी पड़ती है। महिला शहर के जिन निजी हॉस्पिटल में इलाज कराने पहुंची थी वहां किसी भी डॉक्टर द्वारा महिला को डेंगू होना नहीं लिखा गया है। क्योंकि प्राइवेट सेक्टर में एलायजा टेस्ट होता ही नहीं है। जब तक मेडिकल कॉलेज में एलायजा पॉजिटिव न आए तब तक डेंगू की पुष्टि नहीं होती। मृत महिला का मेकाहारा में कोई टेस्ट नहीं हुआ है। बात रही रायपुर के बालाजी हॉस्पिटल में भर्ती होकर इलाज कराने की तो वहां से फाइल मंगाया गया है। इसके बाद ही बता सकते हैं कि महिला कौन सी बीमारी से ग्रसित थी।