Tuesday, October 14, 2025
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कोरोना से बंद रक्षा बंधन पर्व पर रोड़ा बरकरार, जेल प्रबंधन राखी के लिए कर रही है आदेश का इंतजार

कोरोना से बंद रक्षा बंधन पर्व पर रोड़ा बरकरार, जेल प्रबंधन राखी के लिए कर रही है आदेश का इंतजार

811 बमहिला पुरूष बंदी शासन से रियायत की उम्मीदों में लगाएं है टकटकी

रायगढ़। भाई बहनों के अटूट प्रेम प्रतिज्ञा रक्षाबंधन के पर्व पर कोरोना का कहर था जिसके चलते जेल में राखी पर्व प्रतिबंधित है, आलम यह है कि वर्तमान परिदृश्य में सब कुछ सही है ऐसे में इस बार जेल में बंद बंदियों में राखी को लेकर उत्साह है जबकि जेल प्रबंधन शासन के आदेश का इंतजार कर रही है।
कोरोना से पहले हर साल रक्षाबंधन के पर्व पर बंदी भाईयों के हाथों में बहने रेशम की डोरी बांधती है, इसके लिए बहनें रक्षासूत के साथ मिठाइयां लेकर जेल परिसर आते थे,और भाइयों से मुलाकात कर रक्षाबंधन का पर्व भव्यता के साथ मनाया जाता था। जेल में बंद अपने कैदी बंदियों के लिए बहने राखी की थाल सजा कर पहुंचती थी।
जबकि लगातार 4 साल रायगढ़ जिला जेल में यह पर्व खटाई में चला गया। जिसके चलते विभिन्न अपराध के सिलसिले में बंद 811 बंदी इस बार भी कोरोना के बजाए अन्य कारणों से बहनों से राखी नही बंधवा पाएंगे। हालांकि इस दौर में सब कुछ सही है। कोई भी संक्रमण का फैलाव नही है ऐसे में जेल में बंद कैदी – बंदियों के लिए इस बार का रक्षाबंधन पर्व फीका साबित नही होगा, बहने भाईयों के कलाई में राखी बांध सकती है। इसकी उम्मीद भी जेल प्रबंधन कर रहा है और इसी सकारात्मक सोच के साथ बंदी भी उम्मीद बांधे हुए है। बहरहाल राखी में छूट मिलने की टकटकी जेल प्रबंधन से लेकर बंद निरुद्ध बंदी लगाएं रखें है।

4 साल से बंद है रक्षाबंधन पर्व मनाने की परंपरा

कोरोनाकॉल के बाद से पिछले 4 सालों से जेल में रक्षाबंधन मनाने की परंपरा को बंद कर दिया गया है। इस बार बहनों को उम्मीद है कि 4 साल बाद वे अपने कैदी व बंदी भाइयों की हाथों में राखी बांध सकेंगी और जेल मुख्यालय से लगी रोक को हटा दिया जाएगा।

डाक, स्वयं आकर भेज सकती हैं राखियां, नारियल की है इजाजत

जेल पहुंचकर इस बार भी बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी नहीं बांध पाएगी। लेकिन, बहनें डाक के जरिए जरुर अपनी राखियां जेल तक पहुंचा सकती हैं। जिसे उनके भाइयों तक जेल प्रबंधन रक्षाबंधन में पहुंचा देगा। वहीं मिठाई व अन्य खाद्य सामग्री को स्वीकार नहीं किया जाएगा। लिफाफे पर बंदी का नाम, पता व भेजने वाले का पूरा विवरण लिखना होगा।जबकि नारिलय को दिया जा सकता हैं

फैक्ट फाइल

पुरूष-756
महिला 55
मां के साथ रहने वाले बच्चे – 04
कुल- 811

वर्जन

जेल अधीक्षक बोले- मुख्यालय से आदेश का इंतजार

जेल अधीक्षक एसपी कुर्रे का कहना है कि जेल मुख्यालय से इस बार रक्षाबंधन पर्व पर बंदियों को उनकी बहनें राखी बांधने का आदेश नही आया है, आदेश आते ही उसी तर्ज पर व्यवस्था की जाएगी। बहनों की भावनाओं का सम्मान करते हुए पिछले साल की तरह जेल में राखी भिजवाने की व्यवस्था है। डॉक के माध्यम से नाम पता लिखकर राखी पोस्ट कर सकती हैं।
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