*डेंगू ने तोड़ा 7 साल का रिकार्ड, अब तक 300*
*00 शहर में डेंगू के 86 मरीज एक्टिव, दहशत में शहरवासी*
*रायगढ़।* डेंगू ने बीते 7 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। वहीं इस साल के 4 माह का पॉजिटिव केस पिछले सालभर के पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों के करीब पहुंच गया है। जिससे पूरे शहर में हाहाकार मचा हुआ है। वर्तमान में शहर में डेंगू के 86 मरीज एक्टिव हैं, जिससे शहरवासी दहशत में नजर आ रहे हैं। वहीं शासन-प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी डेंगू का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।
दरअसल रायगढ़ में साल 2016 से डेंगू मच्छरों का आतंक शुरू हुआ है। उसी समय शहर सहित जिले में डेंगू मरीजों की पहचान हुई है। तब से लेकर 2022 तक के पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों को देखें तो वो इस सार के 4 माह से काफी कम हैं। इस साल 4 माह में ही पॉजिटिव मरीजों की संख्या 300 हो गई है जोकि पिछले के करीब पहुंच गई है। पिछले साल शहर सहित जिले में 320 केस थे। जबकि यह साल अभी पूरा हुआ नहीं है और लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिससे शहरवासी दहशत में नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो शहर में वर्तमान में 86 एक्टिव मरीज हैं, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं 300 में से 214 मरीज डेंगू से जंग जीत कर अब सामान्य जीवन यापन कर रहे हैं। वर्तमान में केजीएच में 1 व मेडिकल कॉलेज में 3 मरीज भर्ती हैं। अभी तक किसी मरीजों में ऐसी कोई गंभीर स्थिति देखने को नहीं मिली जिन्हें बाहर रिफर करना पड़े। इस तरह शासन-प्रशासन डेंगू से लगातार लड़ रहा है। बढ़ते डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की काफी किरकिरी हो रही है। कलेक्टर द्वारा भी अधिकारियों को फटकार लगाई जा रही है। जिससे अब अधिकारी आंकड़ा छिपाने में लगे हुए हैं।
*इस तरह बढ़ रहे डेंगू के मरीज*
साल के शुरुआती तीन माह अप्रैल, मई, जून व 4 जुलाई तक शहर में डेंगू के 58 केस सामने आए थे। इसके बाद 5 से 18 जुलाई तक 14 दिन में शहर से फिर 32 लोगों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं 19 से 31 जुलाई तक 13 दिन में 140 लोगों को डेंगू मच्छर ने शिकार बनाया। 1 से 6 अगस्त तक 70 नए मरीजों की पहचान हुई। इस तरह कुल 300 लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए।
*निगम का दावा हजारों घरों में सर्वे, लोगों ने कहा दर्शन ही नहीं*
निगम का दावा है कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा शहर के साढ़े 12 हजार घरों में सर्वे किया जा चुका है। जहां लोगों को जागरूक कर घरों में जाम पानी को खाली कराया जा रहा है। जबकि कई वार्डों के लोगों ने बताया कि अब तक उनके वार्ड में इस टीम के दर्शन तक नहीं हुए हैं। ऐसे में यह टीम किन वार्डों में और किन-किन घरों में जा रही है इसका पता भी किसी को नहीं चल रहा है। कुछ दिनों पूर्व ही निगम में हुए डेंगू की बैठक में वार्ड क्रमांक 25 की पार्षद सपना सिदार ने भी कहा था कि आज तक उनके वार्ड में कोई भी टीम सर्वे के लिए नहीं पहुंचा है। इस तरह निगम के दावों की भी पोल खुल रही है।
*डेंगू से पहली मौत की खबर से सकते में आए जिलेवासी*
इस साल डेंगू से पहली मौत की खबर मिलते ही जिलेवासी सकते में आ गए हैं। वहीं शहर सरकार और जिला प्रशासन पर देर से जागने का आरोप लगा रहे हैं। पुसौर विकासखण्ड के पडिग़ांव निवासी पुष्पराज पटेल (44) मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले उनकी तबीयत बिगडऩे पर उनका डेंगू टेस्ट किया गया था। जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ऐसे में 5 अगस्त की रात उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान मंगलवार को उनकी मौत हो गई। जिससे पूरे जिलेवासी भयभीत नजर आ रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले साल भी इसी तरह एक के बाद एक डेंगू मरीजों की मौतें हो रही थी, जिसमें शहरवासियों ने शहर के नवजवान युवाओं को खोया था। कहीं इस बार भी ऐसी स्थिति निर्मित न हो जाए इसलि लोगों के बीच हडक़ंप मचा हुआ है।