*अनहोनी की आशंका से बच्चे एक ग्रामीण के घर की परछी में भविष्य गढऩे को मजबूर*
*बेलडीपा के अति जर्जर प्राथमिक शाला की शासन-प्रशासन भी नहीं ले रहा सुध*
*रायगढ़।* ग्राम पंचायत घरघोड़ी के आश्रित ग्राम बेलडीपा का प्राथमिक शाला अति जर्जर अवस्था में है। ऐसे में यहां के बच्चे किसी अनहोनी की आशंका से गांव के एक ग्रामीण के घर की परछी में अपना भविष्य गढऩे को मजबूर हो गए हैं। इसके बाद भी शासन-प्रशासन इस स्कूल की सुध नहीं ले रहा है। जिससे शिक्षा ग्रहण करने के शुरुआती पड़ाव में ही बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है।
ग्रामीणों की मानें तो प्राथमिक शाला की हालत बेहद खराब है। यहां कक्षा पहली से 5वीं तक के 27 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इस स्कूल के छत का प्लास्टर आए दिन गिरते ही रहता है। जिसके कारण छात्रों में भय का माहौल बना हुआ है। यह स्थिति सालों से है, लेकिन शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर उन्हें इस स्कूल में बैठने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए उन्हें मजबूरन गांव के ही रामसाय सिदार के घर की परछी में पढ़ाया जा रहा है। जहां बच्चों के बैठने के लिए न तो पर्याप्त जगह है और न ही कोई ब्लैक बोर्ड है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका असर पड़ रहा है।
*पढ़ाई से भटक जाता है ध्यान*
ग्रामीणों की मानें तो बच्चे स्कूल के अंदर पढ़ाई करते हैं तो उनका मन लगा रहता है और स्कूल में स्कूल जैसा ही माहौल मिलता है। वहीं गांव में खुले स्थान पर पढ़ाई करने से बच्चों का पढ़ाई भी मन नहीं लग रहा है। गांव के किसी परिचित, दोस्तों को देख बच्चों का ध्यान पढ़ाई से भटक जाता है और वो मौज मस्ती करने में लग जाते हैं। ऐसे में बच्चों के भविष्य को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
*बाल-बाली बची थी बच्चों की जान*
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ माह पूर्व जब बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे उसी समय छत का प्लास्टर कुछ बच्चों के बगल में ही गिरा। हालांकि इस घटना में उन्हें चोट नहीं आई, लेकिन बाल-बाल उनकी जान बची। इसके बाद से ही बच्चों को ग्रामीण के घर की परछी में पढ़ाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि 7 जुलाई को बरनाकुंडा में आयोजित जन समस्या निवारण शिविर में कलेक्टर पहुंचे हुए थे। जहां स्थानीय लोगों ने उन्हें स्कूल की जर्जर अवस्था और बच्चों के एक ग्रामीण की परछी में पढऩे के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद भी प्रशासन स्कूल मरम्मत को लेकर कोई ध्यान नहीं देना पढ़ रहा है। जिससे बारिश में बच्चों को स्कूल से बाहर पढऩे में भी काफी परेशानी हो रही है।