*केलो डेम के मुख्य नहर में लीकेज, किसानों को मिलने वाले पानी पर लगाई रोक*
*दो हफ्ते बाद भी नहीं हो सकी मरम्मत, किसानों को सता रही चिंता*
*रायगढ़।* केलो डेम के मुख्य नहर में लीकेज आ गई है। जिससे किसानों को सिंचाई के लिए डेम से पानी नहीं मिल पा रहा है। कुछ दिनों की बारिश के बाद एक बार फिर से आसमान साफ हो गया है। जिससे खेती-किसानी को लेकर किसानों की चिंता एक बार फिर से बढ़ गई है।
दरअसल मानसून में भी किसानों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। खेती करने के लिए किसान पानी को तरस रहे हैं। बारिश अच्छी नहीं होने पर पिछले साल की तुलना केलो डेम में जल स्तर भी कम है। इस साल बारिश अच्छी नहीं होने से किसानों को खेती की चिंता सताने लगी है। पहले खरीफ सीजन में किसानों की खेती बारिश से ही हो जाती थी, लेकिन अब उन्हें पानी के लिए निर्भर रहना पड़ता है। हाल ही में कुछ दिन लगातार बारिश होने से ऐसा लगा कि इस साल भी अच्छी खेती होगी, इसके बाद फिर से बारिश गायब हो गई। ऐसे में अब किसानों को खेती के लिए केलो डेम से ही पानी मिलने की उम्मीद है, लेकिन खास बात यह है कि उन्हें वर्तमान में पानी उपलब्ध नहीं हो पाएगा। क्योंकि केलो डेम के मुख्य नहर (केनाल) में लीकेज आ गया है। सूत्रों की मानें तो रायगढ़ डिवीजन के उर्दना के पास नहर के लाइनिंग में लिकेज आ गया है। जिससे केलो डेम द्वारा सिंचाई के लिए इस नहर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। ऐसे में किसानों को फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है। इस दिशा में अब तक प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
*पानी छोडऩे के तीसरे ही दिन लीकेज*
केलो परियोजना के तहत पुसौर, धनागर क्षेत्र में नहरों का काम हो गया है, कुछ प्रतिशत ही काम बाकी है। बारिश नहीं होने पर कुछ सप्ताह पहले धनागर, तेलीपाली, बिजना, गढ़उमरिया, तेतला, छातामुड़ा क्षेत्र के किसानों ने जल संसाधन विभाग से केलो परियोजना के तहत पानी की डिमांड की थी। तब किसानों की डिमांड को देखते हुए विभाग द्वारा केनाल के माध्यम से 22 जुलाई की दोपहर से 1 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा था ताकि किसानों को सिंचाई में किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए। इसके तीसरे ही दिन 24 जुलाई को केनाल में लीकेज आ गया। जिससे डेम का पानी व्यर्थ बह रहा था। विभाग को इसकी जानकारी देर से हुई और 30 जुलाई को डेम से केनाल में पानी छोडऩा बंद कर दिया गया।
*दो सप्ताह बाद भी नहीं हुआ सुधार*
खास बात यह है कि मुख्य नहर में लीकेज हुए करीब दो सप्ताह हो गए, लेकिन विभाग द्वारा अब तक इसमें सुधार नहीं किया गया है। कब तक नहर में रिपेयरिंग का काम पूरा होगा और कब फिर से केनाल में पानी छोड़ा जाएगा इस बारे में विभागीय अधिकारी भी स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहे हैं। इधर पानी के इंतजार में किसानों की खेती भी पिछड़ रही है और दिनों दिन उनकी चिंता भी बढ़ती जा रही है।
*वर्तमान में डेम में 19.39 एमसीएम पानी*
केलो डेम की क्षमता 61.95 एमसीएम है। वर्तमान में डेम में 19.39 एमसीएम पानी भरा है। जबकि 22 जुलाई की तारीख में 2022 में 20.85 एमसीएम व 2023 में 21.68 एमसीएम पानी भरा था। जून माह से मानसून की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इस बार बारिश ठीकठाक नहीं होने के कारण केलो डेम में जल का स्तर कम है।
*वर्सन*
किसानों की डिमांड पर डेम से पानी छोड़ा गया था, इस बीच उर्दना के पास मुख्य नहर में लीकेज की जानकारी हुई। चूंकि उसी समय लगातार बारिश भी हो रही थी तो डेम से पानी छोडऩा बंद कर दिया गया। बारिश की वजह से नहर खाली नहीं हो पा रही थी, जिससे रिपेयर का काम नहीं हो पाया। अब मौसम साफ हुआ है तो इसे ठीक कराते हैं।
*साधुराम महिलाने, एसडीओ, केलो परियोजना*