Monday, December 1, 2025
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खून से रंग रही संस्कारधानी की धरा

खून से रंग रही संस्कारधानी की धरा, 2 माह में घटित हुईं हत्या कि 9 वारदातें
अधिकांश में अपने ही निकले कातिल, जमीन व पैसों की लालच ने बना दिया हत्यारा
रायगढ़। रायगढ़ जिले को संस्कारधानी कहा जाता है, यहां संस्कार, कला व संगीत की धुन सुनाई देती है। किंतु बीते 2 माह में इस संस्कारधानी की धरा को जमीन व पैसों क ी लालच में अपने ने अपनों के ही खून से रंग दिया। बीते सितंबर व अक्टूबर माह में हत्या की 9 वारदातें हुई हैं, जिसमें सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में यह पाया गया कि यह सभी वारदातों की पटकथा आपसी रंजिश, जमीन विवाद, चरित्र शंका व पैसों के लेन-देन से शुरू हुई और अंत में अपने ही हत्यारे बन बैठे।
जिले में आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। विशेष तौर पर जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड में स्थित ग्रामीण अंचलों में हत्या की वारदातों में इजाफा हुआ है। जिले के लैलूंगा, छाल, धरमजयगढ़, तमनार व घरघोड़ा विकासखंड से हर माह में औसतन 3 से 4 हत्या की वारदात होने की खबर आती है, हालांकि अधिकांशत: पुलिस हत्या के मामले में 24 से 48 घंंटे के भीतर ही कातिल का पता लगाने में सफल होती है। जिले में साल भर में औसतन में 60 से 70 मामले हत्या के सामने आते हैं, जिसमें से ज्यादातर इन्ही विकासखंडों से होते हैं। वर्तमान में हर मामूली विवाद पर मारपीट और उससे उत्पन्न हुई आपसी रंजिश हत्या की वारदात को जन्म दे रही हैं। बीते दो में हुई हत्याओं की बात करें तो इसमें पता चला कि अधिकांश मामले आपसी रंजिश व जमीन विवाद सहित पैसों के लेन-देन से संबंधित थे। जिसमें मृतक व आरोपी दोनों की गहरी पहचान थी, यानी दोनों ही एक दूसरे क ो काफी अच्छी तरह से जानते पहचाते थे। वहीं पुलिस विभाग के जानकारों की मानें तो ज्यादातर हत्या के वारदातों की बड़ी वजह नशा भी होती है। यानी हत्या की वारदात में नशा पेट्रोल में आग लगाने के समान काम करता है। सितंबर व अक्टूबर माह में रायगढ़ जिले में हत्या की 9 वारदातें हुई है, जिनमें जमीन विवाद, जमीन की मुआवजा राशि पाने, जमीन की बिक्री पर आपसी सहमति नहीं बनने, पुराने लेन-देन से उपजा विवाद, आपसी रंजिश, मामूली कहासुनी के बाद उपजे मारपीट से रंजिश आदि कारण सामने आए हैं।
हर माह 4-5 हत्याएं
इन दो माह के आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है कि जिले में हर माह औसतन 4 से 5 हत्याएं हुई, जिसमें किसी अपने ने ही हत्या को अंजाम दिया। हत्या की वारदातों पर नजर डालें तो पता चलता है कि सितंबर व अक्टूबर माह में सर्वाधिक घरघोड़ा थाना क्षेत्र में 4, धरमजयगढ, लैलूंगा, छाल, खरसिया व तमनार में 1-1 हत्या की वारदात हुई है।
दो साल में जिले में 150 से अधिक वारदातें
रायगढ़ जिले में जनवरी 2023 से लेकर सितंबर 2025 तक की स्थिति में करीब 150 से अधिक हत्या की वादातें घटित हो चुकी हैं। बीते विधानसभा सत्र में भी समस्त जिले में हत्या के दर्ज प्रकरण व इनमें गिरफ्तार किए गए आरोपियों की जानकारी मांगी थी। सत्र में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार रायगढ़ जिले में बीत दो सालों में इतनी हत्या के वारदात हुए हैं।


केस 01 घरघोड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कपाटडेरा भेण्ड्रा में गुरबार सिंह राठिया और उनकी पत्नी मनिता राठिया की हत्या पुरानी रंजिश और पैसों के विवाद में इनके ही भतीजे और उसके रिश्ते के मामा ने कर दी। यह घटना 21 अक्टूबर की रात की है। उस रात ओमप्रकाश राठिया और भगलु उर्फ ओमप्रकाश राठिया गुरबार सिंह के घर पहुंचे थे, जहां आपसी विवाद के बाद दोनों ने डंडे और लात-घूंसों से दंपती की हत्या कर दी। यह हत्या आरोपी भगलु उर्फ ओमप्रकाश राठिया के पिता के साथ लगभग 03-04 साल पहले गुरबार सिंह के द्वारा की गई मारपीट से उपजे विवाद तथा आरोपी ओमप्रकाश राठिया पर चले महज 6 हजार रूपए के चोरी के आरोप से उत्पन्न आपसी रंजिश की वजह से की गई थी।


केस 02 धरमजगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत डुगरूपारा निवासी कैलाश सारथी पिता रामपुकार सारथी का शव 22 अक्टूबर क ी सुबह चांदमारी डबरी में मिला। जांच में पता चला कि कैलाश उस रात सुरेश यादव उर्फ लल्ला और अजीत कुमार यादव के साथ था। इसी बीच दोनों का नराई टिकरा में कैलाश के साथ गाली-गलौज और विवाद हुआ। जिसके बाद दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को डबरी में फेंक दिया।


केस 03घरघोड़ा थाना क्षेत्र स्थित रायकेरा में बीते 2 अक्टूबर को घुराउ राम सिदार और उनकी सास सुकमेत उर्फ सुखमेत सिदार की हत्या एनटीपीसी मुआवजा राशि के बंटवारे को लेकर की गई। जांच में पता चला कि घुराउ राम सिदार और उनकी सास सुकमेत आरोपी रामप्रसाद के बीच एनटीपीसी के मुआवजा रकम को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। पहले भी कई बार इनका झगडा विवाद हो चुका था। इसी रंजिश में 2 अक्टूबर की शाम को रविशंकर सिदार और रामप्रसाद सिदार एक साथ मिले और रविशंकर ने अपने पिता घुराउ राम की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी।


केस 04तमनार थाना क्षेत्र अंतर्गत बीते 1 अक्टूबर को सुखमन निषाद पिता बेडाराम निवासी कुंजेमुरा मवेशी चराने निकला था। जांच में पता चला कि मृतक सुखमन निषाद का आरोपी दशरथ राठिया से परिचय था, दोनों साथ में नशापान भी करते थे और सब्जी की खेती में साझेदारी कर रहे थे। इसी को लेकर आपसी विवाद के बाद उसने गमछे से गला घोंटकर सुखमन निषाद की हत्या की।


केस 05 घरघोड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत बीते 24 सितंबर को बलराम सारथी अपनी पत्नी हेमलता सारथी से विवाद चल रहा था। परिजनों ने हेमलता को उसके बच्चों सहित मायके बरपाली ले आये। इसी बीच बलराम भी 21 सितंबर को ससुराल पहुंच गया। इसी बीच उसके ससुर रामस्वरूप ने अपनी बेटी से मारपीट करने की आपसी रंजिश के चलते उसकी हत्या की योजना बनाई और उसने देवनंदन राठिया और नाबालिग को साथ लेकर बलराम को घर बुलाया और डंडा व टांगी से हमला कर उसकी जान ले ली।


केस 05छाल थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ऐडुकला निवासी शारदा श्रीवास का पति धनेश्वर श्रीवास अक्सर उसके साथ मारपीट क रता था। पूछताछ में पता चला कि बीते 3 सितंबर की रात खाने में हुए विवाद पर उसने हाथ-पैर से पत्नी की जमकर पिटाई की थी। चोटों से उसकी हालत बिगड़ी और इलाज के दौरान उसकी जान चली गई।


केस 06सरसिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ठुसेकला में 11 सितंबर को बुधराम सिदार, उसकी पत्नी सहोद्रा और दोनों बच्चे अरविंद व शिवंागी की उसके पड़ोसी लकेश्वर पटैल ने अपने नाबालिग बेटे के साथ मिलकर कर हत्या दी। जांच में पता चला कि बुधराम के बाडी जमीन को खरीदना चाहता था, जिसे कई बार बुधराम से मांगा, बुधराम ने जमीन बेचने से इंकार किया था, करीब 6 माह पूर्व लकेश्वर के लडक़े ने बुधराम के घर में घुसकर चोरी किया था जिसे आपस मे सुलझा लिये थे। वहीं लकेश्वर पटैल उसके पडोसी बुधराम के चरित्र पर शंका करता था, इन सभी बातों को लेकर लकेश्वर पटैल बुधराम से रंजिश रखते हुए उसकी हत्या कर दी।


केस 07 घरघोड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कठरापाली में नत्थुराम चौहान की हत्या 1 सितंबर को उसके बेटे ने मालिकराम उसकी हत्या इसलिए कर दी क्योंकि वह अपने पिता की जमीन बेचना चाहता था, लेकिन नत्थुराम जमीन बेचने पक्ष में नहीं था। इस बात लेकर पहले भी कई बार उन दोनों के बीच विवाद हुआ और मौका पाकर उसके बेटे मालिकराम ने अपने साथी सजन अगरिया के साथ मिलकर कुल्हाड़ी से नत्थुराम की हत्या कर दी।

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