जेएसडब्ल्यू कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों ने शुरू किया आंदोलन, वादाखिलाफी का आरोप
रायगढ़। जिले के नहरपाली में जे.एस.डब्ल्यू. कंपनी के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। कंपनी की जनविरोधी नीतियों, प्रदूषण, रोजगार में भेदभाव और सीएसआर फंड के दुरुपयोग के विरोध में ग्रामीणों ने 12 अगस्त से जे.एस.डब्ल्यू. गेट के सामने अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन, काम रोको और चक्का जाम का ऐलान किया है। प्रभावित क्षेत्रवासी, जिनमें सिंघनपुर, नहरपाली, कुरूभांठा, सलिहाभांठा, लोढ़ाझर, बिलासपुर, रक्सापाली, तिलाईपाली और भूपदेवपुर के ग्रामीण शामिल हैं, अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर एकजुट होकर महाआंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। ये ग्रामीण जन पूर्व में भी आंदोलन किए थे जिसमें कुछ माह की मोहलत के साथ आश्वासन दिया गया था जो पूरा नही हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि जे.एस.डब्ल्यू. कंपनी ने भू-अर्जन से प्रभावित लोगों को रोजगार देने, प्रदूषण नियंत्रण और सीएसआर फंड का उपयोग गांवों के विकास के लिए करने जैसे वादों को नजरअंदाज किया है। इसके अलावा, कंपनी पर सड़कों के अतिक्रमण और मजदूरों के उत्पीड़न का भी गंभीर आरोप है। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें तत्काल पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस महाआंदोलन में भारी संख्या में ग्रामीणों के शामिल होने की उम्मीद है। स्थानीय प्रशासन और कंपनी प्रबंधन से इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की मांग की जा रही है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
पूर्व में भी हो चुका है आंदोलन
जुन माह के प्रथम दिनों में प्रभावित ग्राम के ग्रामीणों ने अपने इसी सात सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन का आगाज कर दिए थे। जिसमे दो दिन तक धरना प्रदर्शन स्थल में तनावपूर्ण हालात थे। पुलिस प्रशासनिक दलबल भी तैनात थी, छावनी की तरह माहौल था , ऐसे में आंदोलन को आश्वासन देकर स्थगित कराया गया। और तय समय की मांग की गई। चुकि अब तक इस दिशा में प्रबंधन ने कोई दिलचस्पी ग्रामीणों की मांग पर नही दिखाए है यही वजह है कि फिर से आंदोलन आरंभ हो गया ।
कंपनी का मालिकाना बदला पर नही बदली प्रभावितो की जिंदगी
नहरपाली समेत दर्जनों गांव से जमीन लेकर मोनेट पावर ने उद्योग स्थापित किया था। यह उद्योग जेएसडब्ल्यू समूह के पास हस्तांतरित हो चुका है। कंपनी बदल गई लेकिन उद्योग प्रभावित की दिशा और दशा दोनों दशको पुराने ढर्रे के ही हैं। इसे लेकर उद्योग के खिलाफ आक्रोश अब भड़क गया है।जिसे लेकर आंदोलन आगाज किया जा रहा है।ग्रामीणों ने बताया कि जब से यह कंपनी यहां लगी है तब से ही इस कंपनी से स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। यहां के लोग प्रदूषण तो खेल रहे हैं लेकिन बदले में न उन्हें कोई रोजगार मिला न ही स्थानीय स्तर पर विकास में इस कंपनी का कोई योगदान रहा।