कोरे सपने की तर्ज पर सालो से फाइलों में कैद रही मल्टीलेवल बस स्टैंड के लिए 39 करोड़ सदन से स्वीकृत
सफर करने वाले यात्रियों को मिलेगी आधुनिक सुविधा, प्रदेश के अधिकांश जिले में है आधुनिक बस स्टैंड टर्मिनल
रायगढ़। वर्षो से इच्छा शक्ति कमी से दर्जनों विकास कार्यों की फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया । इसमें बहुप्रतीक्षित हाईटेक बस स्टैंड भी शामिल था, रामपुर में स्थल चयन करने के बाद भी कोई सार्थक पहल नही हुई। शहरवासियों के लिए कोरे सपने की तरह साबित हो रहा था। आलम यह है कि अब इसमें वित्त मंत्री ओपी चौधरी के पहल पर नगर निगम शहर सरकार ने बजट में इसके लिए राशि स्वीकृत की है। ऐसे में अब विकास के गति को बसों का पहिया आवाजाही में बढाएगा।
डेढ़ दशक पहले शहरवासियों को अमली भौना में तत्कालीन भाजपा शहर सरकार ने हाईटेक बस स्टैंड अंबिकापुर की तर्ज पर बनाए जाने का मसौदा बनाया था लेकिन विभिन्न अड़चनों की वजह से यह योजना अधर पर लटक गया। इसके पश्चात निर्दलीय महापौर मधुबाई के कार्यकाल में पुनः इसे निगम के सदन व परिषद में वर्ष 2017 में लाया गया लेकिन बस स्टैंड के प्रस्ताव को नए स्थल के रूप में रामपुर रखा गया, जहां दो स्थल को चयन किया गया जिसमें सवा एकड़ भूमि बस स्टैंड व 1 एकड़ भूमि बस टर्मिनल गैरेज के रूप में प्रस्ताव बनाएं। इसके लिए अनुमानित 10 करोड़ की राशि व्यय होना बताया गया। वही तत्कालीन दौर में बस स्टैंड बनाए जाने की मंशा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस शहर सरकार जानकी काटजू ने भी प्रयास की और चयनित स्थल का निरीक्षण व अन्य विभागों से अनापत्ती प्रणाम पत्र मंगाया गया किन्तु मजबूत इच्छा शक्ति के अभाव में यह भी पूरा नही हो पाया।
ऐसे में शहरवासियों को सुगम व अन्य जिले की तर्ज पर व्यवस्थित बस स्टैंड कोरे सपने की तरह हो गया। जबकि 10 साल बाद शहर की सत्ता में पुर्ण बहुमत से कांग्रेस पार्टी काबिज हुई थी, राज्य में भी कांग्रेस पार्टी की सरकार है इस तरह डबल इंजन की सरकार चल रही थी।
वर्त्तमान में भाजपा शहर सरकार जीवर्धन चौहान ने वित्त मंत्री के मंशा अनुरूप विकास कार्यों बढ़ाने लगे है। इसी मद्देनजर 39 करोड़ की राशि बस स्टैंड के लिए सदन से स्वीकृत किया गया है। बहरहाल अधोसंरचना के साथ शहर सरकार स्थानीय विधायक वित्त मंत्री ओपी चौधरी के विकास माडल को पूर्ण करने में आतुर नजर आ रही हैं। वही यह भी। देखना लाजमी होगा कि शहर सरकार मल्टीलेवल बस स्टैंड पूर्ण होता है या इस बार भी सपने की तर्ज पर रहेगा।
अमलीभौना में रखा गया था पहले प्रस्ताव
तत्कालीन नगर निगम प्रशासन द्वारा डेढ़ दशक पहले अमलीभौना में 5 एकड़ भूमि पर बृहद व्यवस्थित रूप से हाईटेक बस स्टैंड बनाने की योजना बनाई थी लेकिन विडंबना है कि तत्कालीन दो शहर सरकार की कार्यकाल गुजर जाने के बाद भी बस स्टैंड आकर नही ले पाया जबकि इस वर्ष सरकार में रामपुर में बस स्टैंड का प्रस्ताव रखा गया यह भी उदासीनता से प्रस्ताव फाइलों में कैद हो गया।
प्रदेश के अधिकांश जिले में है आधुनिक बस स्टैंड टर्मिनल
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रदेश के हर जिले में अमूमन विकास की गंगा बहा है हर जिले में आधुनिकता से परिपूर्ण बस स्टैंड भी बनाया गया है हाल के साल में रायपुर बिलासपुर में भी इसका उद्घाटन हो चुका है। इससे पहले अंबिकापुर में भी बस स्टैंड वृहद स्तर में बनाया गया है। परंतु रायगढ़ जिला औद्योगिक नगरी होने के बावजूद भी अभी तक आधुनिकता व विकास की दौड़ में शामिल नहीं हो पाया है ।