जिला अस्पताल के पैथालाजी विभाग के पास ट्रांसफार्मर में शाट सर्किट से हुआ धमाका और लगी आग
पुराने वायरिंग में नए उपकरण कही मरीजों की जान पर बन न जाए अस्पताल प्रबंधन की मनमानियों से आफत
बैगेर अनुमति के अस्पताल में लग रहे है अंधाधुंध बिजली और एयरकंडीशनर से बढ़ा लोड शेड
रायगढ़। सरकारी भवनों में पुराने वायरिंग में अंधाधुंध मनमानी तौर पर बिजली उपकरणों को लगाया जा रहा है।जिसमें गर्मी से बचने के लिए भारी भरकम एयरकंडीशनर स्वास्थ्य कर्मियों के सुविधा के लिए शामिल है। जिसमें नियमो के विपरीत
बैगेर अभियंता के एनओसी से बिजली उपकरण लगाने से लोड बढ़ने पर पखवाड़े भर में दूसरी बार जिला अस्पताल जैसे संवेदनशील सरकारी भवन में आगजनी की घटना सामने आई है। जिसमे ट्रांसफार्मर में आग लगने से हड़कंप मच गया।
शहर के मध्य सबसे बड़ा किरोड़ीमल जिला चिकित्सालय मौजूद है यहां प्रतिदिन 200 से अधिक की ओपीडी है मरीजों का सुबह 9:00 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक यानी पहली पाली में गर्मी का माहौल बना रहता है। अस्पताल में दैनिक दिनचर्या का कार्य हो रहा था तभी दोपहर 2 से ढाई बजे के आसपास पैथोलॉजी लैब के बगल में मौजूद ट्रांसफार्मर में धमाके के साथ आग लग गई आग का रूप विकराल होते हुए ट्रांसफार्मर के नीचे मौजूद पेड़ पौधे को भी अपनी चपेट में लेते हुए और भयावाह हो गया। धमाके की आवाज से मौके स्वास्थ्य कर्मचारियों की भीड़ तथा मरीजों के उपस्थित होने लगी। लोगो मे डर का माहौल बन गया दरअसल ट्रांसफार्मर का तार जल रहा था इसके उनके टूटने का खतरा भी बढ़ा था। इन प्रस्तुतियों को देखते हुए आनन-फानन में अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा बिजली विभाग तथा दमकल कर्मियों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दिए जहां कुछ मिनट के उपरांत बिजली विभाग के कर्मचारियों की मौके पर लाइन विच्छेद किया गया।

करीब आधे घंटे बाद नगर सेवा की दमकल वाहन नहीं और पेड़ पौधे में लगी आग को बुझे तब कहीं जाकर अस्पताल कर्मियों में राहत की सांस देखने को मिला। इधर आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। खुले में लगे कई ट्रांसफार्मर सार्वजनिक जगहों पर दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं। यहां जो भी बताया ना आज भी होगा कि पखवाड़े पर पहले अस्पताल के इसी पैथोलॉजी लैब में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई थी जिससे लाखों रुपए का नुकसान भी हुआ था।
नियमों को दरकिनार कर मानकों के विपरीत बैगेर एनओसी लगाए जा रहे है उपकरण

जिला अस्पताल में मनमानी तौर पर बिजली उपकरणों से लेकर गर्मी से राहत पाने के लिए एयर कंडीशनर लगाया जा रहा है । ऐसा नहीं कि यह एयर कंडीशनर मरीज के लिए उनकी सेवा के लिए है उक्त अस्पताल के कर्मचारियों के लिए है जिनके पर्सनल आपातकाल कक्ष, एवं दवा भंडार में बीते दिन लगाए जा रहे हैं। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि सरकारी दफ्तरों से लेकर बड़े भवनों में बिजली से कार्य के बाद संबंधित विद्युत अभियंताओं से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी लेना होता है ताकि उक्त उपकरण सही तथा व्यवस्थित और सुचारू रूप से चल सके। लगाएं गए उपकरण भार क्षमता के मानक में हो। चूंकि इसे दरकिनार किया जा रहा है।
मौसम खुलते ही गर्मी बढ़ते ही बिजली खपत भी बढ़ा
खुलने के बाद गर्मी के असर से ट्रांसफार्मर में लोड शेड बढ़ने लगा है। इसका असर जिला अस्पताल के लिए लगाए गए ट्रांसफार्मर में आग लगने के रूप में नजर आया है। पखवाड़े भर में दूसरी बार आग से अस्पताल में मौजूद मरीज एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
संवेदनशील सरकारी भवन, हादसा कही मरीजो की जान पर न बन जाए
देखा जाए तो जिला अस्पताल वर्षो पुराने भवन में संचालित हो रहा है अस्पताल के भवन पुराने होने के बिजली वायरिंग भी पुरानी हो चुकी है। वही आधुनिक उपकरण के साथ एयर कंडीशनर व तमाम बिजली से चलने वाले उपकरणों को लगाना मानो एक तरफ से हादसे को आमंत्रित करना है। इससे वायरिंग में शॉर्ट सर्किट की घटनाएं भी होने का खतरा बना रहता है इससे इनकार भी नही किया जा सकता है। इस बीच अगर कोई हादसा हो जाता है तो इसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी यह भी बड़ा सवाल बना हुआ है।