Tuesday, December 2, 2025
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इसी सप्ताह राज्य भर के निकायों में प्रशासको की नियुक्ति का जारी हो सकता है आदेश

इसी सप्ताह राज्य भर के निकायों में प्रशासको की नियुक्ति का जारी हो सकता है आदेश

निगम में का प्रशासक बैठना तय, चुनाव में नए मतदाता सूची का भी अड़ंगा, टल सकता है 3 माह के लिए चुनाव

महापौर- अध्यक्ष का आरक्षण का न होना और स्कुलों की परीक्षा बना रही है चुनाव प्रक्रिया में विलंब की वजह

रायगढ़। नगर निगम में एक बार फिर प्रशासक बैठना लगभग तय हो गया है। 6 जनवरी को महापौर जनाकी काटजू का कार्यकाल खत्म हो रहा है। वे 7 जनवरी 2025 को अपना इस्तीफा सौंप देगी। इसके बाद रायगढ़ समेत प्रदेश के 10 नगरीय निकायों में प्रशासक बैठ जाएंगे।
आलम यह है कि इसका असर चुनाव पर पड़ेगा और यह विलंब की भेंट चढ़ेगा। जिसमे स्कूली परीक्षा के साथ अंतिम मतदाता सूची रोड़ा बनेगा।

गौरतलब हो कि वार्डो का आरक्षण संपन्न होने के बाद आज 27 दिसंबर को नगर पंचायत पालिका नगर निगम का आरक्षण तय होना था। चुकी आनन- फानन में नगरी निकाय प्रशासन मंत्रालय द्वारा इसे रद्द करते हुए करीब 12 दिन का समय और बढ़ा दिया है। अब 7 जनवरी 2025 को आरक्षण होना है। ऐसे में अब राज्य में निकाय चुनाव में विलंब होना तय है। दरअसल राज्य में निकाय चुनाव की तैयारी में हो रही देरी के चलते राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि निकाय चुनाव 3 महीने तक टल सकते हैं। इसी वजह से निकाय के कामकाज बेहतर तरीके से चलते रहें उसके लिए चुने हुए महापौर और अध्यक्ष की जगह निकाय की बागडोर सरकार प्रशासक के हाथों में दे सकती है। इसी वजह से ऐसा माना जा रहा है कि 5 जनवरी के बाद सरकार प्रशासक की नियुक्ति का आदेश जारी कर सकती है।
बहरहाल अब आने वाले दिनों में ही पूरे वस्तु स्थिति स्पष्ट होना है ।

फेक्ट फाइल

प्रदेश में 33 जिलों में 184 निकाय हैं
राज्य में 14 नगर निगम हैं।
प्रदेश में 48 नगर पालिका है
प्रदेश में 122 नगर पंचायत है
10 निगम के कार्यकाल जनवरी में खत्म होंगे।
रायगढ़ महापौर का कार्यकाल 6 जनवरी को खत्म होगा।
प्रदेश के 15 निकायों का कार्यकाल 2 साल बचा है।

महापौर के जितने अधिकार उतने ही प्रशासक के पास भी

नगर निगम एक्ट में किसी नगरीय निकाय में महापौर नियुक्त नहीं होने पर प्रशासक नियुक्त करने का प्रावधान है. इस स्थिति में महापौर को मिलने वाले सारे अधिकार प्रशासक को मिल जाते हैं. आमतौर पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी या फिर राज्य प्रशासनिक सेवा के सीनियर अफसर को प्रशासक नियुक्त किया जाता है.महापौर नहीं चुने जाने तक नगर निगम के सारे निर्णय प्रशासक ही लेते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के दौरान भी भिलाई चरौदा निगम के चुनाव समय पर नहीं होने पर प्रशासक की नियुक्ति की गई थी।

पहले प्रशासक बने सुबोध दूसरे में आर एस विश्वकर्मा अब तीसरे में नए आईएएस

राज्य गठन के बाद रायगढ़ नगर पालिक को नगर निगम बनाया गया। पहले नगर निगम का चुनाव 2004- 05 में हुआ। जेठूराम मनहर महापौर 2009-10 बने रहे। वही पालिका के बाद निगम में वर्ष में तब्दील होने के बाद पहले प्रशासक सुबोध सिंह बने थे। इसके बाद महापौर कार्यकाल आरंभ होने से पहले आर एस विश्वकर्मा प्रशासक बने है। उन्होंने जेठूराम को शपथ दिलाए थे। जबकि अब तीसरे प्रशासक के तौर पर नए आईएएस आने की उम्मीद बन रही है संभावना 2021 बैच के आईएएस को जिम्मेदारी मिल सकती हैं।

स्कूली परीक्षा और मतदाता सूची कही ले न जाए मत तक दूर चुनाव

देखा जाए तो 1 जनवरी के बाद से पुनः मतदाता सूची तैयार करना होगा इसमे नए मतदाताओं को जोड़ना होगा। यह एक वैधानिक प्रक्रिया है। ताकि नए मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न हो सके। इसमे 15 दिन का कम से कम समय लगना है। इसी के साथ चुनाव की तैयारी और प्रचार के लिए समय के लिहाज से फरवरी तक यह संभव है। चूकि फ़रवरी में बोर्ड परीक्षा है। जिसमें न तो स्कूल खाली होंगे और न ही शिक्षक ऐसे में जानकारों के मुताबिक अगर चुनाव टला तो कम से कम मई तक के लिए टल सकता है। इस तरह का अनुमान लगाया जा रहा है।

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