सोशल फोरम का लक्ष्य बड़ा , पूरी ऊर्जा के साथ काम करें कार्यकर्ता : के एस चौहान
अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर सोशल फोरम ऑन ह्यूमेन राइट्स की राष्ट्रीय बैठक संपन्न
घरघोड़ा -अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर सोशल फोरम ऑन ह्यूमेन राइट्स की राष्ट्रीय वर्चुअल बैठक आहूत की गई। जिसमें एनसीआर दिल्ली , महाराष्ट्र , उत्तर प्रदेश , ओड़िसा , राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का संचालन फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष खेम सिंह चौहान ने किया। उन्होंने दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ में मानव अधिकार पर की गई संगोष्ठी की प्रशंसा की और भविष्य में सभी प्रदेश एवं जिलों में इस तरह के आयोजन को जरूरी बताया। श्री चौहान ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से समाज में संवेदना के साथ वैचारिक सामर्थ्य बढ़ता है और लोगों में अधिकारों के लिये लड़ने का साहस पैदा होता है। फोरम की ओर से पिछले पांच वर्षों से जारी लोक जागरण की गतिविधियों पर संतोष जाहिर करते हुए श्री चौहान ने कहा कि अब संगठन के प्रयासों का असर समाज में दिखने लगा है , लोग खुले मन से फोरम की सराहना करने लगे हैं। हमारा लक्ष्य बड़ा है इसलिए हमें और ज्यादा सक्रियता से काम करना होगा , उन्होंने साइबर क्राइम को लेकर जनता को जागरूक करने करने में फोरम की भूमिका को खुलकर तारीफ की और भविष्य में लीगल सेल के स्थापना की घोषणा की। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी पदाधिकारियों से फोरम के उद्देश्य को हासिल करने के लिए जागरूकता अभियान को प्राइमरी स्तर तक ले जाने पर जोर दिया। उन्होंने राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गणेश शर्मा के स्वास्थ्य लाभ की कामना की। बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री वाहिद सिद्धकी के आमंत्रण पर छत्तीसगढ़ के कोरबा लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल एवं अतिरिक्त महा सचिव एचके पासवान ने मौजूदा परिवेश में ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से कानूनी जानकारी दी।महाराष्ट्र के महासचिव एडवोकेट सफदर सिद्दीकी जीने भी मानव अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं देश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के बारे में भी अवगत कराया। और बताया कि यह देश के लिए बहुत घातक होगा मानवाधिकार सभी के लिए एक तरह से प्राकृतिक अधिकार है जो सभी को प्राप्त होना चाहिए इसलिए हमें अपने अधिकारों के लिए नहीं बल्कि दूसरों के अधिकारों के लिए भी आवाज उठानी चाहिए मानवाधिकार बेहतर भविष्य बनाने के लिए व्यक्तियों और समुदाय को सशक्त बनाने का एक व्यावहारिक साधन भी है हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन ने कई दशक पूर्व भी आगाह कर दिया था कि देश के एक बहुत बड़ा संकट आने वाला है वह है चरित्र का संकट चरित्र का संकट से उनका आशय भ्रष्टाचार से था अंग्रेजों के जमाने में भी भ्रष्टाचार था अपना काम सुगम बनाने के लिए रकम दी जाती थी उसे सुविधा शुल्क नाम दिया गया था पहले यह तोड़ी बच्चा था धीरे धीरे भ्रष्टाचार का रूप ले लिया और आज यह स्थिति हो गई है कि यह भ्रष्टाचार लोगों के लिए नासूर बन गया जिसका कोई समाधान ही नहीं दिखाई दे रहा है इसी स्थिति में मानवाधिकार ऐसी कड़ी बनकर चाणक्य के रूप में उभरी है जिसका अंत जागरूकता एवं नई पीढ़ी को सचेत होकर किया जा सकता है मानवाधिकार का उद्देश्य इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों को लेकर जागरूकता पैदा करना है इस दिशा में मानवाधिकार की अनेक संस्थाएं काम कर रही है जिसमें एक मानवाधिकारी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खेमसिंह चौहान जी देश के सभी प्रदेशों में अपनी टीम के माध्यम से इसको मूर्त रूप देने में लगे है उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार चौहान ने कानून व्यवस्था एवं नए कानूनों के बारे में सारगर्भित उद्बोधन किया। इस अवसर पर ओड़िसा के अध्यक्ष रमेश मिश्रा , दिल्ली के अध्यक्ष आरएस तोमर , छत्तीसगढ़ अध्यक्ष गनपत चौहान , नागपुर अध्यक्ष बीआर शेगावकर , छत्तीसगढ़ से जितेंद्र केशरी , डॉ वासुदेव यादव , शैय्यद फरियाद अली , महाराष्ट्र से हिमामी सोम सहित फोरम के सदस्य व पदाधिकारी वर्चुअल शामिल हुए। आईटी सेल के डायरेक्टर वरुण चौहान ने आभार व्यक्त किया।