Monday, December 23, 2024
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स्कूल मार्ग पर नशे की दुकान, नाबालिगों पर हो रहा है गहरा नुकसान

स्कूल मार्ग पर नशे की दुकान, नाबालिगों पर हो रहा है गहरा नुकसान, खुलेआम बिक रहा था तंबाकू उत्पाद

स्कूली बच्चों को नशे के जाल में धकेल रहे पानठेले

रायगढ़। स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के आसपास पानठेले नहीं होने चाहिए, इसके अलावा ठेले व दुकानों में नाबालिगों और स्कूली बच्चों को नशे का सामान नहीं बेचने के नियम हैं। जिस पर सख्ती बरतने के दावे जिला प्रशासन और पुलिस के द्वारा किए जाते रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कहानी बयां कर रही है।
शहर सहित ग्रामीण अंचल के स्कूलों के बाहर पान ठेला का धंधा इन दिनों तेजी से फल फूल रहा है। जिसमे
साफ-साफ देखा जा सकता है कि, एक स्कूली छात्रा को पानठेला संचालक नशे का सामान बेच रहा है। स्कूल के छात्र छात्राएं स्कूल ड्रेस इन दुकानों में नजर आते है। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अक्सर इन ठेलों में नाबालिगों को नशे का सामान खरीदते देखा जा सकता है। साथ ही, हर समय इस जगह नशेड़ियों का जमघट देखा जा सकता है।
समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि इसमें नाबालिग बच्चों को नशे के जाल में फंसते हुए स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। स्कूली बच्ची को युवक के साथ नशे का सामान खरीदते हुए देखना न केवल सामाजिक चिंता का विषय है, बल्कि यह पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती है इन पर सख्ती से कार्रवाई की दरकार है।चूंकि पर पर कार्रवाई नही होना यह बताती है कि दुकानदारों को न तो कानून का भय है और न ही बच्चों के भविष्य की चिंता।
बहरहाल स्कूलों और समाज के स्तर पर नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। बच्चों और अभिभावकों को नशे के खतरे के बारे में जानकारी देना अत्यंत आवश्यक है।

आवश्यक तथ्य-

कानूनी प्रावधान: नाबालिगों को नशीले पदार्थ बेचना अपराध, पर प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं

प्रशासन की भूमिका: पुलिस और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता, इलाके में नियमित गश्त बढ़ाने की मांग

समाधान और सुझाव: दुकानदारों पर कार्रवाई, जागरूकता अभियान और पुलिस की सक्रिय निगरानी से ही संभव होगी रोकथाम

नियम और कानूनी प्रावधान

किशोर न्याय अधिनियम, 2015:
इस अधिनियम के तहत नाबालिगों को किसी भी प्रकार का नशा या मादक पदार्थ बेचना या उनकी सुविधा में शामिल होना कानूनी रूप से अपराध है। ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003:

स्कूलों के आसपास 100 मीटर के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना पूर्णतया प्रतिबंधित है। यह अधिनियम सीधे तौर पर उन दुकानदारों पर लागू होता है जो बच्चों को इन उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं।

पुलिस को निभाना होगा सक्रिय भूमिका

स्कूलों के आसपास पुलिस की गश्त बढ़ानी चाहिए और नियमित रूप से छापेमारी करनी चाहिए ताकि नाबालिग बच्चों को नशे के सामान तक पहुंचने से रोका जा सके। इसका अलावा नगर निगम प्रशासन को भी ऐसे दूकानों को चिन्हित किया जाए और वैधानिक कारवाई करें । इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग को खानापूर्ति के बजाए प्रभावी कोटपा कानूनी के तहत कार्रवाई करने की जरूरत है।

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