शहर की दो प्रमुख जानलेवा सडक़ों में कभी भी हो सकती है अनहोनी घटना, शासन-प्रशासन मौन..!
रामपुर-उर्दना मार्ग में जान हथेली में लेकर चलते हैं लोग, कयाघाट मार्ग का भी यही हाल

जनकर्म न्यूज
रायगढ़। शहर की दो प्रमुख व जानलेवा हो चुकी सडक़ों का कई सालों से उद्धार नहीं हो पा रहा है। इन मार्गों से गुजरने वाले लोग रोजाना हादसे के शिकार हो रहे हैं। रामपुर-उर्दना मार्ग में लोग जान हथेली में लेकर चलते हैं। क्योंकि थोड़ी सी चूक का खामियाजा उन्हें जान देकर चुकाना पड़ सकता है। ऐसा ही हाल कयाघाट मार्ग का है। इन सडक़ों की दुर्दशा किसी से नहीं छिपी है। इसके बाद भी शहर सरकार अपने कार्यकाल में अब तक न तो इन सडक़ों का जीर्णोद्धार करा पाई और न ही वहीं वार्ड पार्षद स्थानीय जनप्रतिनिधि होने का फर्ज निभा पाए।
चुनाव के समय में लोगों को वार्ड में विकास का दावा कर जनप्रतिनिधि मीठी-मीठी बातें तो करते हैं, लेकिन जब वो पद पर काबिज हो जाते हैं तो उनके दावे खोखले नजर आते हैं। शहर के रामपुर से उर्दना मार्ग में ट्रेचिंग ग्राउंड के पास मुख्य सडक़ डबरी में तब्दील हो गया है। इसी तरह कयाघाट पुल के उपर बस्ती घुसने वाली सडक़ की स्थिति भी दयनीय ही है। ये दोनोंं सडक़ें अति व्यस्ततम की श्रेणी में आते हैं। सडक़ की दुर्दशा को लेकर कई सालों तक स्थानीय लोगों ने वार्ड पार्षदों के पास गुहार लगाई, निगम के भी चक्कर काटे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण सडक़ों की दशा साल-दर साल और बिगड़ती चली गई। स्थानीय लोगों की मानें तो इन सडक़ों पर बारिश में रोजाना हादसे हो रहे हैं। कीचड़ में फिसलन के कारण वाहन के पहिए स्लीप हो रहे हैं जिससे लोग चोटिल हो रहे हैं। आम जनता की परेशानी ने जनप्रतिनिधियों का कोई वास्ता नहीं है।
भारी वाहनों की रेलमपेल और डबरीनुमा सडक़
रामपुर-उर्दना रोड काफी व्यस्ततम मार्ग है। शहर में भीड़-भाड़ से बचने के लिए लोग इसी रास्ते का ज्यादातर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कुछ ही दूरी पर डबरीनुमा गड्ढा उनका इंतजार करता है। भारी वाहनों की रेलमपेल से ऐसे ही इस सडक़ की हालत काफी जर्जर है उसमें भी बड़े गड्ढे में पानी भर जाने से लोगों को अंदाजा ही नहीं रहता कि आगे क्या होने वाला है। रामपुर ट्रेचिंग ग्राउंड के पास इस खस्ताहाल सडक़ की स्थिति कोई आज की नहीं है। कई सालों से क्षेत्र के लोग, शहरवासी व राहगीर इस दंश को झेलते आ रहे हैं। यहां कई बार बड़ी अनहोनी घटना भी घटित हुई है और लोगों ने जान भी गंवाई है, लेकिन ताज्जुब की बात है कि सडक़ की मरम्मत को लेकर वार्ड पार्षद, शहर सरकार, निगम प्रशासन व जिला प्रशसन ने कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
एसटीपी निर्माण के बाद दोबारा नहीं बनी सडक़
न्यू मरीन ड्राइव से कयाघाट पुल पार करते ही उंचाई पर सडक़ पूरी तरह कट गई है। लगातार बारिश में कभी भी यहां सडक़ बह सकती है। इस सडक़ की दशा तब से खराब है जब एसटीपी निर्माण के लिए इसे खोदा गया था। इसके बाद इसे मिट्टी डाल कर समतल तो कर दिया गया, लेकिन बारिश में मिट्टी बह जा रही है। जिससे न्यू मरीन ड्राइव से कयाघाट की ओर जाने वाले लोग उंचाई के साथ-साथ गड्ढे और फिसलन से दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। तो वहीं कयाघाट बस्ती तरफ से आने वाले लोग वाहन पर पूरी तरह कंट्रोल नहीं कर पाने से गिर कर घायल हो रहे हैं। वार्ड पार्षद जो कभी एमआईसी सदस्य हुआ करते थे, वो भी निष्क्रिय साबित हो रहे हैं।
रामपुर-उर्दना रोड की हालत काफी दयनीय है। मैनें कई बार इस सडक़ के निर्माण के लिए प्रयास किया है, लेकिन वहां एक व्यक्ति अपनी निजी जमीन होने का दावा कर आपत्ति कर रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग सडक़ बनाना चाह रही है, लेकिन वहीं पेंच फंस रहा है। मेरे जानकारी के अनुसार मामला हाईकोर्ट में भी चल रहा है।
- रूकमणि साहू, पार्षद, वार्ड क्रमांक 8 **




