शहर सरकार ने छोड़ दी संजय कॉम्प्लेक्स के उद्धार की उम्मीद, राज्य शासन से दोबारा नहीं मांगा फंड

शहर के डेली मार्केट में अतिक्रमण और अव्यवस्था का आलम, नगरीय निकाय चुनाव में दिख सकता है असर
जनकर्म न्यूज
रायगढ़। शहर सरकार ने संजय कॉम्प्लेक्स के उद्धार की उम्मीद छोड़ दी है। अब तक एमआईसी की बैठक में भी इस मुद्दे पर न तो कोई सहमति बनी है और न ही राज्य शासन से दोबारा फंड की मांग की गई है। शहर के सबसे बड़े डेली में मार्केट में आज भी अतिक्रमण हावी है और यहां अव्यवस्था का आलम है। शहर सरकार द्वारा शहरवासियों में पहले उम्मीद जगाने के बाद उस काम को पूरा नहीं करने से इसका असर नगरीय निकाय चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।
दरअसल कुछ साल पहले जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब तत्कालीन शासन से संजय कॉम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार के लिए नगर निगम को जुलाई 2021 में 14 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली थी। इसके बाद कॉम्प्लेक्स का कैसा निर्माण होगा इसका फाइनल नक्शा भी बन कर तैयार हो गया। नए संजय कॉम्प्लेक्स में पसरा, पार्किंग, फायर एंड सेफ्टी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सहित सर्वसुविधा युक्त मार्केट बनना था।
क्योंकि दशकों बाद तो संजय कॉम्लेक्स का जीर्णोद्धार होने जा रहा था। इसके निर्माण के लिए कोरबा के जेपी कंस्ट्रक्शन को ठेका मिला। इसके बाद शासन ने संजय कॉम्प्लेक्स के निर्माण की मंजूरी भी दे दी, लेकिन राशि स्वीकृत होने के कई साल भी शहर सरकार यहां एक ईंट तक नहीं रखवा पाई, इसके कई कारण हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने और एक समय के अंतराल में राशि का उपयोग नहीं होने से उक्त राशि वापस शासन के खाते में चली गई। इसके बाद दोबारा शहर सरकार ने संजय कॉम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार को लेकर कभी रूचि ही नहीं दिखाई। न तो एमआईसी की बैठक में इस मुद्दे को लेकर चर्चा या सहमति बनी और न ही शासन से कभी दोबारा फंड की मांग की गई। जिससे आज भी संजय कॉम्पलेक्स जस की तस अवस्था में है। इसको लेकर शहरवासियों में एक तरह की नाराजगी भी देखी जा रही है। क्योंकि शुरुआत में जब राशि स्वीकृत हुई थी तब शहर सरकार ने ही शहरवासियों में एक उम्मीद जगाई थी। इसके बाद लोगों की इस उम्मीद पर पानी फिर गया। जानकारों की मानें तो कुछ माह में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है।
इस तरह नहीं शुरू हो सका काम
संजय कॉम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार के पूर्व सबसे पहले श्याम मंडल ने इसका विरोध किया। श्याम मंडल द्वारा इस जमीन पर अपना हक बताकर कमिश्नर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। क्योंकि जारी नक्शा के अनुसार श्याम बगीची को नए संजय कॉम्प्लेक्स में पार्किंग स्थल बनाया गया था। किसी तरह यह मामला सुलझा तो शहर सरकार व निगम प्रशासन के सामने संजय कॉम्प्लेक्स के व्यापारियों को अन्यत्र शिफ्ट करने की चुनौती आ गई। निगम प्रशासन द्वारा व्यापारियों को इतवारी बाजार में शिफ्ट करने की मंशा से मंडी बोर्ड से सहमति मांगी गई, लेकिन मंडी बोर्ड ने साफ इंकार कर दिया। कई बार अधिकारियों द्वारा पत्राचार कर अनुमति मांगी गई, लेकिन मंडी बोर्ड ने अनुमति ही नहीं दी। इसी बीच इतवारी बाजार के व्यापारियों ने भी मोर्चा खोल दिया। इस काम को शहर सरकार भी नहीं करा पाई और नतीजा आज सबके सामने है।
वर्सन
संजय कॉम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार के लिए शासन से 14 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है और वर्क ऑर्डर भी जारी हो चुका है, लेकिन यहां के व्यवसायियों को शिफ्ट करने के लिए कृषि मंडी बोर्ड द्वारा हमें इतवारी बाजार को नहीं दिया गया। इसलिए काम रूका हुआ है। इसकी राशि वापस नहीं गई है। इसमें नए सिरे से दोबारा टेंडर कराएंगे।
- जानकी काटजू,
महापौर, नगर निगम
संजय कॉम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार के लिए तत्कालीन शासन द्वारा 14 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी और इसका टेंडर भी हुआ था, लेकिन समयावधि में शहर सरकार द्वारा काम शुरू नहीं कराने से उक्त राशि स्वत: शासन के पास चली गई। अब इसके लिए शासन से फिर से राशि की मांग करनी होगी और फिर से प्राक्लन तैयार करना होगा, लेकिन अब तक शहर सरकार द्वारा ऐसी कोई रणनीति तैयार नहीं की गई है।
- सुभाष पांडेय, वरिष्ठ भाजपा पार्षद




