डीजे संचालकों ने खोला मोर्चा, कहा रोजी-रोटी पर मंडरा रहा खतरा
मिनी स्टेडियम में एकजुट होकर पहुंचे कलेक्टोरेट, सीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
जनकर्म न्यूज
रायगढ़। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ सोमवार को रायगढ़ डीजे साउण्ड यूनियन ने मोर्चा खोल दिया है। सुबह मिनी स्टेडियम में एकत्रित होकर डीजे संचालक नारेबाजी करते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे और सीएम के नाम कलेक्टर के ज्ञापन सौंपा। डीजे संचालकों ने कहा कि हाईकोर्ट ने डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है। जिससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के बीच रोजी-रोटी का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में उन्होंने इस आदेश को शिथिल करने की मांग की है।
दरअसल हाईकोर्ट ने कानफोडू डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है। इस आदेश के जारी होते ही डीजे संचालकों में हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है। आगामी दुर्गा पूजन एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर लगाए गए प्रशासनिक प्रतिबंध को शिथिल करने की मांग को लेकर सोमवार को यूनियन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा है। यूनियन के सदस्यों का कहना था कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन-प्रशासन के द्वारा डीजे व धुमाल पर पूर्णत प्रतिबंध लगा दिया गया है। शासन का कहना है कि वाहन में साउण्ड सिस्टम नही बांधना है, लेकिन बिना वाहन के साउण्ड रनिंग जुलूस, झांकी या अन्य किसी रोड शो में रनिंग डीजे चला पाना संभव नहीं है। 55 डीबी में साउण्ड और धुमाल को बजाना कहा गया है जो कि कभी भी संभव नहीं है। क्योंकि एक बार का हार्न 90 डीबी से ज्यादा बजता है तो 55 डीबी में किसी भी साउण्ड सिस्टम को चलाना संभव नही है। साउण्ड सिस्टम डीजे और धुमाल वालों के उपर प्रशासन द्वारा अपराधिक धाराएं लगाने को कहा गया है जबकि देखा जाए तो डीजे संचालकों को त्योहारों और कई खुशियों के मौकों पर कार्य मिलता है। वहीं आजकल कार्रवाई के रूप में साउण्ड और धुमाल वालों के सामानों को जब्त व राजसात करने और जुर्माना देने की धमकी दी जा रही है।
डीजे संचालकों की यह है 5 सूत्रीय मांग
८मालवाहक वाहन में साउण्ड सिस्टम लगाने की छूट प्रदान की जाए।
८किसी भी डीजे साउण्ड एवं धुमाल वालों के खिलाफ अपराधिक धाराओं का प्रयोग न किया जाए।
८किसी भी व्यापारी की साउण्ड सिस्टम को जप्त व राजसात न किया जाए, क्योंकि बहुत से लोग कर्ज एवं बैंक लोन की मदद से इस व्यापार को करते हैं और यह गैर कानूनी सामग्री नही है।
८55 डीबी साउंड का 70 साल पुराना नियम में जल्द से जल्द संशोधन किया जाए।
८साउण्ड बजने की वजह से जिसने भी किसी की मृत्यु होनें की अफवाह फैलाने की साजिश की है उसके खिलाफ जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई की जाए।





