दो साल पहले गांव से दूर सुनसान इलाके में बना दिया कॉलेज भवन

अब तक पहुंच मार्ग भी नहीं कीचड़ और गड्ढों में गिरते-पड़ते पुसौर कॉलेज पहुंचते हैं छात्र
जनकर्म न्यूज रायगढ़। दो साल पहले शासन ने पुसौर-सरिया मुख्य मार्ग से लगे गांव के आखिर छोर व सुनसान इलाके में विष्णु चरण गुप्ता शासकीय कॉलेज का चकाचक भवन तो बना दिया, लेकिन यहां तक पहुंचने वाले बदहाल पहुंच मार्ग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिससे बारिश के दिनों में बच्चे कीचड़ से सरोबोर और आम दिनों में गड्ढों में गिरते-पड़ते कॉलेज पहुंचते हैं। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल इस कॉलेज की शुरआत वर्ष 2014 में हुई थी। तब यह कॉलेज पुसौर-सरिया मुख्य मार्ग में स्थित बोरोडीपा चौक में जनपद पंचायत के आगे हाई स्कूल में किराए में लगता था। खुद का कॉलेज भवन नहीं होने से छात्रों को काफी परेशानी होती थी। ऐसे में शासन ने कॉलेज के लिए बोरोडीपा चौक से ही एक पतली गली से गुजरे गांव के अंतिम छोर में सुनसान इलाके में 7 एकड़ की जमीन खोजी और वहां शानदार कॉलेज भवन बना दिया। 8 साल बाद वर्ष 2022 में उक्त कॉलेज को हाई स्कूल से यहां शिफ्ट कर दिया गया। खास बात यह है कि मुख्य मार्ग से कॉलेज की दूरी करीब डेढ़ किमी है। यहं तक पहुंचने के लिए कोई सड़क ही नहीं है। मिट्टी के टीले, मेड़ और गड्ढों में दुपहिया, साइकिल तक का गुजरना कठिनाइयों से भरा रहता है। वहीं कॉलेज स्टाफ की चारपहिया वाहन का इस मार्ग में आना बेहद मुश्किल है। आम दिनों में ही कॉलेज के छात्र, खासकर युवतियां इन गड्ढों में गिर कर घायल होती हैं। वहीं बारिश के दिनों में तो यह मार्ग पूरा कीचड़ से सराबोर हो जाता है। जिससे फिसलन के कारण बच्चे गिरते-पड़ते कॉलेज तक पहुंचते हैं। यहां के छात्रों को इस सड़क के जीर्णोद्धार के लिए वित्त मंत्री व रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी से उम्मीद है।
कुर्सी टेबल को तरस रहे छात्र
इस साल यहां बीए, बीएएसी व बीकॉम के करीब 600 छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन यहां सिर्फ 400 कुर्सी-टेबल हैं। वह भी दान में मिले हैं। इसकी कहानी यह है कि जब कॉलेज को यहां शिफ्ट किया गया तब यहां के पूर्व प्रिंसपल ने सरिया और बरमकेला के कॉलेज से 100-100 टेबल-कुर्सी मंगा ली। फिर भी करीब 200 छात्रों के बैठने के लिए व्यस्था नहीं होने पर कांफ्रेंस हॉल के 100 प्लास्टिक कुर्सी का इस्तेमाल क्लास में किया जाता है। वहीं छात्र आपस में मिल कर टेबल एडजस्ट करते हैं। शासन से 300 कुर्सी टेबल की मांग की गई है, लेकिन अब तक वह भी नहीं मिला है।
प्रोफेसर पर लाइब्रेरी व स्पोर्टस का भी जिम्मा
इस कॉलेज में सेटअप के अनुसार 10 प्रोफेसर व एक प्रिंसिपल तो हैं, लेकिन कई विभागों के पोस्ट ही नहीं हैं। जैसे यहां लाइब्रेरियन, बुक लिफ्टर नहीं हैं। इसके अलावा यहां स्पोर्ट्स ऑफिसर भी नहीं है। जिससे यहां के हिन्दी के प्रोफेसर ही अपने काम के अलावा लाइब्रेरियन का काम देखते हैं। वहीं बॉटनी के प्रोफेसर स्पोर्टस ऑफिसर के तरह बच्चों को खेल का अभ्यास कराते हैं। वहीं यहां कम्प्यूटर ऑपरेटर का भी पोस्ट नहीं है। वहीं सिर्फ एक ही प्यून है, जिससे यहां काफी परेशानी होती है। ऐसे में यहां एक और प्यून और फरांस की दरकार है। इसके लिए शासन से पोस्ट की मांग करने की बात कही जा रही।
फिजिक्स और मैथ्स विषय के लिए कर रहे हैं प्रयास
कोविड-19 से पहले शासन से इस कॉलेज में फिजिक्स और मैथ्स का नया विषय शुरू करने के लिए आदेश आया था। उस वक्त्त यह कॉलेज बिलासपुर यूनिवर्सिटी में था और हाई स्कूल में लग रहा था। तब तत्कालीन वीसी ने यहां आकर देखा तो कॉलेज के पास इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं था और वो खुद किराए के भवन में संचालित हो रहा था तब उन्होंने मौखिक रूप से इन विषयों को यहां चालू कराने से मना कर दिया। वहीं अब नए भवन के बाद भी फिजिक्स और मैथ्स की क्लासेस का इंतजार है।




