Wednesday, October 15, 2025
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प्रदेश में मीसाबंदी केवल नियमों तक सीमित एक्ट बनाने वित्त मंत्री ओपी से की गई मांग

प्रदेश में मीसाबंदी केवल नियमों तक सीमित एक्ट बनाने वित्त मंत्री ओपी से की गई मांग

एमपी की तरह छग में भी मिले मीसाबंदियों को मिले विशेष सम्मान

जनकर्म न्यूज रायगढ़। प्रदेश में मीसाबंदी केवल नियमों तक ही सीमित हैं। ऐसे में उसे एक्ट बनाने को लेकर शहर के मीसाबंदी व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुगनचंद फरमानिया ने स्थानीय विधायक व वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मांग की है। श्री फरमानिया ने कहा कि लोकतंत्र सेनानी एक्ट बनने पर कोई सरकार उनकी पेंशन बंद नहीं कर सकता। एमपी में यह एक्ट बना हुआ है, ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी यह एक्ट बनाया जाए। श्री फरमानिया ने बताया कि जुलाई माह में उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक पत्र भेजा था। जिसमें उन्होंने मीसांबदी एक्ट बनाने के लिए निवेदन किया था। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मीसाबंदी केवल नियम है, जिसकी अहमियत बहुत कम है जबकि मध्य प्रदेश में एक्ट बना हुआ है, लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं। यही कारण है कि अपने कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक आदेश के तहत मीसाबंदियों का पेंशन देना बंद कर दिया था। यदि एक्ट बना होता तो संभवत ऐसा नहीं होता, जैसा की मध्य प्रदेश में नहीं हुआ था। उन्होंने आगे बताया कि इसी क्रम में उनकी मुलाकात वित्त मंत्री ओपी चौधरी से हुई। चर्चा के दौरान श्री फरमानिया ने मंत्री जी का ध्यान लोकतंत्र सेनानी संबंधी बने नियम की ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान नियम पर्याप्त नहीं है। इसके स्थान पर मध्य प्रदेश की तरह विधान सभा में स्वीकृत कराके एक्ट बनाना चाहिए।


अंत्येष्टी पर मिले राजकीय सम्मान व सहायता राशि
श्री फरमानिया ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 3 सितंबर को अधिसूचना पारित की गई है। जिसमें कहा गया है कि लोकतंत्र सेनानियों की अंत्येष्टी कार्यक्रम राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। वहीं अंत्येष्टी के लिए शासन से सहायता राशि 10 हजार रुपए मीसाबंदी के परिवार के मुखिया को दी जाएगी। उन्होंने राजपत्र की कॉपी वित्त मंत्री को दिखाते हुए यह योजना यहां भी लागू करने की मांग की है।


मंत्री ने दिया आश्वासन
वित्त मंत्री ओपी चौधरी जी ने श्री फरमानिया की सभी बातों को गंभीरता से सुना और समझा। इसके बाद कहा कि ये सभी चीजें उनके ध्यान में हैं। इस संबंध में विधान सभा से पारित करवा कर एक्ट बनाया जाएगा। उन्होंने श्री फरमानिया द्वारा माह जुलाई में प्रेषित पत्र की बात को स्वीकार करते हुए कहा की यह भी उनके ध्यान में है। श्री फरमानिया ने मंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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