एकॉर्डियन की सुरीली धुनों से सजी शाम, तपसीर मोहम्मद एंड टीम की रही शानदार प्रस्तुति
चक्रधर समारोह में पहुंचे विदेशी कलाकारों ने किया रोचक मंच संचालन
रायगढ़। चक्रधर समारोह की चौथी शाम एकॉर्डियन की सुरीली धुनों से ये शाम सजी। रायपुर से पहुंचे तपसीर मोहम्मद और उनकी टीम ने कई प्रसिद्ध गीतों की इंस्ट्रूमेंटल प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की खासियत रही की इसमें 8 वर्ष की नन्ही कलाकार से लेकर 77 साल के लीजेंड कलाकार तपसीर मोहम्मद ने साथ मिलकर ऐसा कार्यक्रम पेश किया कि श्रोताओं की वाहवाही उन्हें पूरे कार्यक्रम के दौरान मिलती रही। जीना यहां मरना यहां इसके सिवा जाना कहां, आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे, अजी ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा… एन इवनिंग इन पेरिस, गुलाबी आंखे जो तेरी देखीं जैसे गीतों पर शानदार प्रस्तुति दी।
अफ्रीकी कलाकार ने कहा छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा
चक्रधर समारोह के मंच पर एक अनोखा नजारा दिखा। जब एकॉर्डियन वादन की एंकरिंग करने मंच पर अफ्रीकी कलाकार पहुंचे। जिसे देखकर दर्शक भी कौतूहल से भर उठे। साउथ अफ्रीका से पहुंचे जी रेक्स और क्रोनी हॉनिड दर्शकों को कार्यक्रम का ब्यौरा देते रहे। जिसका सुनने वालों ने खूब लुत्फ उठाया। अपने बीच विदेशी कलाकारों को पाकर श्रोताओं में खासा उत्साह देखने को मिला।
नित्या खत्री की कथक बांधा समा
कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में नीत्या खत्री की कथक प्रस्तुति ने भाव-भंगिमाओं और मुद्राओं ने पूरे कार्यक्रम में समा बांध दिया। नित्या खत्री रायगढ़ घराने के भूपेन्द्र बरेठ कत्थक नृत्य से शिक्षा प्राप्त कर रही है। कथक शब्द का उद्भव कथा शब्द से हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ है कथा कहना। यह नृत्य मुख्य रूप से उत्तरी भारत में किया जाता है। कथक नृत्य शैली में विशेष रूप से रायगढ़ घराना, लखनऊ घराना, जयपुर घराना प्रसिद्ध है। कथक नृत्य की प्रस्तुति से पहले उन्होंने कहा कि मैं आज जो भी हूं अपने गुरू की वजह से। उन्होंने इस मंच पर प्रस्तुति प्रदान के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया।
