Tuesday, October 14, 2025
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उद्योग नगरी के विकास से तमनार की सडक़ें हुई जर्जर, छात्रों समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

*उद्योग नगरी के विकास से तमनार की सडक़ें हुई जर्जर, छात्रों समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने किया चक्काजाम*

*हुंकराडीपा-मिलुपारा की दलदल सडक़ में चलना भी मुश्किल*

*जनकर्म न्यूज*
*रायगढ़।* उद्योग नगरी के विकास के साथ तमनार इलाके की सडक़ें भी जर्जर हो चुकी हैं। प्रशासन द्वारा लगातार अनदेखी और हुंकराडीपा-मिलुपारा की फिसलन भरी दलदल सडक़ पर चलकर कराह रहे लोगों का गुस्सा शुक्रवार को फिर फूट पड़ा। दर्जनों की संख्या में गारे के ग्रामीण विरोध करते हुए सडक़ पर उतर गए। ग्रामीणों के प्रदर्शन में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए। वहीं धरना स्थल पर स्थानीय विधायक विद्यावती सिदार भी ग्रामीणों का समर्थन करने पहुंची।
हुंकराडीपा-मिलुपारा की फिसलन भरी सडक़ अब चलने लायक नहीं रह गई है। सडक़ों पर घुटने भर के कीचड़ भर गए हैं। स्कूली बच्चों को स्कूल आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। उनका यूनिफार्म भी कीचड़ से सराबोर हो जा रहा है। क्षेत्र के ग्रामीण भी अब इस मार्ग से गुजरना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार की सुबह स्थानीय ग्रामीण दर्जनों की संख्या में गारे गांव में सडक़ जाम कर धरने पर बैठ गए। उनके द्वारा इस मार्ग में गुजरने वाली भारी वाहनों को भी प्रतिबंधित करा दिया गया। गारे गांव की कीचड़ से लबालब मुख्य सडक़ का विरोध जताने के लिए ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूली बच्चे भी पालकों के साथ धरना स्थल पर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए। ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार भी धरना स्थल पहुंची और ग्रामीणों के साथ मिलकर विरोध जताया। ज्ञात हो कि उक्त सडक़ की समस्या को लेकर गारे के पड़ोसी गांव खम्हरिया के ग्रामीणों के द्वारा भी दो बार चक्काजाम किया जा चुका है, लेकिन उन्हें भी सडक़ मरम्मत का लिखित आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म करा दिया गया, पर उसका समाधान आज तक नहीं निकाला गया है।
*एसडीएम पर फूटा आक्रोश : राजेश त्रिपाठी*
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने कहा कि जर्जर सडक़ को लेकर लोग इतने आक्रोशित हैं कि शाम तक हजार की संख्या में आसपास के ग्रामीण धरना स्थल पहुंच गए थे। जब कंपनी व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच कर उन्हें समझाने लगे तो लोगों का एसडीएम के उपर गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने कहा कि जब उनके बस की बात नहीं सडक़ बनवाना तो मुख्यमंत्री से बात कराएं। इस तरह ग्रामीणों ने जब तक सडक़ नहीं बनेगी तब तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही और रात तक डटे रहे।
*धरना स्थल पहुंचे थे प्रशासनिक व उद्योगों के अधिकारी*
ग्रामीणों द्वारा वाहनों की आवाजाही बंद कर प्रदर्शन करने की जानकारी मिलने पर देर शाम एसडीएम व तहसीलदार सहित शारडा एनर्जी व जिंदल के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। उनके द्वारा जल्द ही सडक़ की मरम्मत कराने का आश्वासन दिया गया, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि हर बार सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है, जब तक सडक़ चलने लायक नहीं हो जाता वो प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे। खबर लिखे जाने तक ग्रामीण धरना स्थल पर डटे हुए थे।
*अडानी जिंदल हिंडाल्को कंपनियां भी जिम्मेदार*
तमनार क्षेत्र के अधिकतर माइंस हिंडालको, सारडा एनर्जी, अदानी, अंबुजा सहित अन्य कोल माइंस मिलुपारा के आसपास स्थित हैं। जहां कोयला खदान से कोयला निकाल कर भारी वाहनों से परिवहन किया जा रहा है। इधर कोल माइंस का विस्तार होने से गाडिय़ों की संख्या भी बढऩे लगी है जिससे सडक़ पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। भारी वाहन और ओवरलोड गाडिय़ों की वजह से इस सडक़ की दुर्गति हुई है। इसके बाद भी स्थानीय खदान प्रबंधन, उद्योग प्रबंधन व प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है।
*आए दिन हो रही दुर्घटनाएं*
दैनिक रोजमर्रा की जिंदगी में आवश्यक वस्तुओं को लेने के लिए वनांचल क्षेत्र के लोगों को तमनार जाने की जरूरत पड़ती है। साथ ही लैलूंगा क्षेत्र के रहवासी भी मिलुपारा तमनार की सडक़ का उपयोग करते हैं। हजारों की संख्या में मिलुपारा, उरबा, पेलमा, हिंझर, कोडकेल, सेमीजोर, लालपुर के लोग उक्त सडक़ से तमनार की ओर आते हैं, लेकिन वर्तमान समय में सडक़ की स्थिति काफी दयनीय है। कीचड़ की वजह से सडक़ में फिसल कर आए दिन कई छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसके बाद भी प्रशासन और कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद लिए हैं, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।

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