*बड़पारा शराब दुकान से सडक़ तक शराबखोरी और गुंडागर्दी से शहर का माहौल खराब*
*सालों से स्थानीय रहवासी शराब दुकान को अन्यत्र शिफ्ट करने कर रहे मांग, शासन-प्रशासन के कानों में नहीं रेंग रहा जूं*
*रायगढ़।* बड़पारा शराब दुकान से ओवरब्रिज के नीचे सडक़ तक खुलेआम शराबखोरी और गुंडागर्दी से शहर का माहौल पूरी तरह खराब हो रहा है। सालों से स्थानीय रहवासी यहां स्थित देशी-विदेशी शराब दुकान को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है। जिससे आबकारी विभाग शहर के भीतर मनमर्जी शराब दुकान चला रहा है।
बड़पारा शराब दुकान सुबह खुलते ही यहां मदिरा प्रेमियों की भीड़ लग जाती है। आपराधिक प्रवृत्ति के लोग शराब दुकान से लेकर ओवरब्रिज के नीचे तक किसी भी दुकान की परछी, गैलरी में शराब सेवन करते नजर आते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध करने पर शराबी मारपीट पर उतर आते हैं। भाजपा-कांग्रेस की सरकार भी इस शराब दुकान को यहां से नहीं हटा पाई है। जिससे यहां के रहवासी सालों से परेशान हैं। उनके द्वारा दर्जनों बार इस शराब दुकान को यहां से हटा कर अन्य शिफ्ट करने की मांग की गई, लेकिन किसी भी महापौर, विधायक, सांसद, मंत्री ने ध्यान नहीं दिया। जिससे यहां के लोग भय के साए में रहते हैं। यहां कई दुकानें भी संचालित होती है, जहां आने वाले लोगों में भी शराबियों के चलने एक भय बना रहता है। जिससे यहां की दुकानदारी भी काफी हद तक मार खा रही है। लोग सारंगढ़ बस स्टैंड से मालधक्का व स्टेशन जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग करते थे। धीरे-धीरे शराबियों ने इस मार्ग को ही अपना अड्डा बना लिया। इसी तरह शराबियों का जमावड़ा मालधक्का तक भी रहता है। स्टेशन जाने वाले लोगों को इनके बीच से गुजरने में काफी परेशानी होती है। इसके बाद भी इस दुकान को यहां से हटाने में कोई भी नेता या अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
*आबकारी विभाग के अधिकारी भी बन रहे अंजान*
इस शराब दुकान से लोगों को होने वाली परेशानियों से आबकारी विभाग के अधिकारी भी पूरी तरह वाकिफ हैं, क्योंकि यह समस्या सालों से बनी हुई है। इसके बाद भी अधिकारी इस दुकान को अन्यत्र शिफ्ट करने में गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। आबकारी विभाग के कई अधिकारी बदले, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की। जिससे तो लगता है कि आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर जिला प्रशासन के अधिकारियों का भी कोई लगाम नहीं है। आबकारी विभाग जनहित को नजरअंदाज कर मनमर्जी शराब दुकान चला रहा है, जिससे लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश भी नजर आ रहा है।
*कोतवाली पुलिस भी नहीं दिखाती सख्ती*
शराब के नशे में रोजाना यहां मारपीट, लूटपाट जैसी वारदातें हो रही है। पिछले साल ही इसी स्थान पर चाकूबाजी की भी घटना घटित हुई थी। इसके बाद भी शराब के नशे में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वालों पर कोतवाली पुलिस कोई सख्ती नहीं बरतती है। जबकि पुलिस चाहे तो यहां अभियान चला कर शराब पीने वालों पर कार्रवाई कर सकती है। क्योंकि यहां न तो अहाता है और न ही यह खुला स्थान कोई लाइसेंसी बार है। इस तरह पुलिस की कार्यशैली भी लोगों को समझ नहीं आ रही है। शराबियों की वजह से महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। यहां स्थित होटल, भोजनालय में भी लोग परिवार के साथ जाने से कतराते हैं। लोगों की मानें तो यहां कभी पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी नहीं आती है।