जर्जर हो चुके जेल कॉम्प्लेक्स को बनाएंया ढहाएं, दो सालों में तय नहीं कर पाई शहर सरकारकंस्लटेंट कंपनी ने बताया था मरम्मत लायक नहीं रह गई बिल्डिंगरायगढ़। दो साल पहले तत्कालीन नगम कमिश्नर के कहने पर प्राइवेट कंसल्टेंट कंपनी द्वारा जेल कॉम्प्लेक्स का मुआयना कर इसे डिस्मेंटल योग्य बता दिया गया है। इस बात को दो साल बीत गए हैं, लेकिन आज पर्यंत तक इस कॉम्प्लेक्स को नए सिरे से बनाएं या फिर ढहाएं यह शहर सरकार तय नहीं कर पाई है। इधर अति जर्जर अवस्था में पहुंच गया यह कॉम्प्लेक्स कभी भी भरभरा कर गिर सकता है, लेकिन पापी पेट के कारण मजबूरन दुकानदार जान जोखिम में डाल कर दुकान संचालित कर रहे हैं।दअरसल जेल कॉम्प्लेक्स की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। निर्माण के कुछ साल बाद से ही इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठने लग गए हैं। वर्तमान में यहां दुकानों के छत गिरने लगे हैं। प्रथम तल में पूरा छज्जा गिर जाने से खुला आसमान नजर आ रहा है और यहां चलने तक की जगह नहीं है। निगम प्रशासन ने सुविधा के नाम पर दुकानदारों के लिए कोई व्यवस्था भी नहीं की है। दुकानदारों के लिए यहां पानी पीने तक की व्यवस्था नहीं है और कॉम्प्लेक्स में शौचालय भी नहीं बनाया गया है। कई दुकानदार तो ऐसे हैं, जिन्होंने यहां की अव्यवस्था को देखते हुए आवंटन के बाद से ही दुकान नहीं खोली है। इधर दुकानों का किराया नहीं मिलने से निगम सख्ती बरतता है पर बात कॉम्प्लेक्स की जीर्णोद्धार की आती है निगम प्रशासन व शहर सरकार अपने हाथ पीछे खींच लेते हैं। 24 जून 2022 को तत्कालीन कमिश्नर ने इस कॉम्प्लेक्स के जीर्णोद्धार को लेकर भिलाई की राजहंश कंसलटेंट्स एंड टेक्नोक्रेट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को प्राक्कलन बनाने कहा था। तब कंपनी के वरिष्ठ अभियंता ने मौके का निरीक्षण कर मौजूदा स्थिति को देखते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की। जिसमें कहा गया कि बीम में दरारें हैं तथा नीचे की सरिया देखी जा सकती हैं जो जंग खा चुकी हैं। भवन के कई स्थानों पर स्लैब पूरी तरह से खराब हो चुके हैं क्योंकि इसकी सरिया दिखाई दे रही हैं। स्लैब का निचला हिस्सा एवं प्लास्टर पूरी तरह से उखड़ चुका है। वर्षा जल का रिसाव हो रहा है। सीढ़ी के एक हिस्से पर लंबी दरार दिख रही है। इमारत के विभिन्न स्थानों पर स्तंभ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। छत पर फर्श समय के साथ फीका पड़ गया है, जिससे बारिश का पानी धीरे-धीरे इमारत के अंदर रिस रहा है। रखरखाव की कमी के कारण, इमारत की दीवारों में भी रिसाव नजर आ रहा है। इसलिए यह इमारत के अंदर काम करने वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है। ऐसे में इस कॉम्प्लेक्स का मरम्मत करना संभव नहीं है। जिससे इस कॉम्प्लेक्स को को ध्वस्त करने की सलाह दी जाती है।
दुकानदारों के जान-माल की शहर सरकार को नहीं कोई चिंता
कंपनी द्वारा यह रिपोर्ट निगम को 5 जुलाई 2022 को सौंपा गया था। इस बात को दो साल से भी अधिक समय बीत गया, लेकिन आज पर्यंत तक शहर सरकार यह तय नहीं कर पाई है कि आखिर इस कॉम्प्लेक्स के साथ करना क्या है। जिससे शहर सरकार की निष्क्रियता खुलकर सामने आ रही है। क्योंकि उन्हें कॉम्प्लेक्स किराए पर लेकर चलाने वालों और यहां आने वालों के जान-माल की कोई फिक्र नहीं है। यही कारण है कि इस गंभीर मुद्दे पर अब तक निर्णय नहीं लिया जा सका है।
किराए पर भी नहीं ले रहा कोई
दुकानदारों ने बताया कि इस मार्ग में चलने वाले वाहनों की वजह से दुकानों में धूल की परत जमी रहती है। जिससे दुकानदारों सहित यहां आने वाले ग्राहकों को सांस लेने में भी परेशानी होती है। निगम द्वारा यहां कभी पानी का छिड़काव नहीं कराया जाता। वहीं कॉम्प्लेक्स में कचरों का ढेर पड़ा रहता है, लेकिन कभी भी निगम से कोई सफाई कर्मचारी यहां साफ-सफाई करने नहीं पहुंचता। कई दुकानदारों ने अपनी दुकान को किराए पर देने के लिए शटर के बाहर पॉम्प्लेट चस्पा करवाया, लेकिन किसी ने आज तक उनसे संपर्क नहीं किया। क्योंकि जर्जर अवस्था और अव्यवस्था के कारण कोई यहां दुकान लेना ही नहीं चाहता।