इस साल भी छात्राओं को नसीब नहीं होगा छात्रावास, ढूंढना होगा अपना ठिकाना!
डिग्री कॉलेज प्रबंधन और पीडब्ल्यूडी के बीच हैंडओवर का फंसा पेंच, खंडहर में तब्दील हो रहा भवन
रायगढ़। दूर-दराज से रायगढ़ पढऩे आने वाली छात्राओं को इस साल भी छात्रावास नसीब नहीं होगा। जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण सालों से प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। डिग्री कॉलेज प्रबंधन व पीडब्ल्यूडी विभाग के बीच फंसे हैंडओवर के पेंच के कारण समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। जिससे नवनिर्मित भवन पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है। ऐसे में इस साल भी छात्राओं को रूम रेंट पर लेकर ही काम चलाना होगा या अपना ठिकाना ढूंढना होगा।
किरोड़ीमल कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ का सबसे बड़ा व अग्रणी कॉलेज है। यहां दूर-दराज से लेकर अन्य जिलों के छात्र-छात्राएं भी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। करीब तीन साल पहले कॉलेज के पीछे 100 सीटर कन्या छात्रावास का निर्माण किया गया है। ताकि बाहर से आने वाली छात्राओं को इसका लाभ मिल सके, लेकिन छात्रावास बनने के बाद भी अधूरा है। यह छात्रावास हर वर्ग की छात्राओं के लिए है, लेकिन इसका लाभ छात्राओं को नहीं मिल रहा है। वर्तमान में नए एडमिशन का दौर भी शुरू हो गया है। ऐसे में फिर से यहां जिला सहित जिले से बाहर की छात्राएं पढऩे के लिए आएंगी, पर बाकी सालों की तरह इस साल भी छात्राओं को रहने के लिए अपना ठिकाना ढूंढना होगा। छात्रावास के अभाव में पहले से अध्ययनरत छात्राएं या तो अपने जान-परिचित या रिश्तेदारों के यहां रह रही हैं या फिर कहीं रूम किराए लेकर गुजारा कर रही हैं। मेघावी छात्राओं को रहने में परेशानी होने से उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। अगर यह छात्रावास पूरी तरह तैयार हो जाए तो 100 छात्राओं को रहने के लिए काफी सुविधा मिलेगी। इससे छात्राओं को काफी उम्मीद भी है पर शासन-प्रशासन व उच्च शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा यहां का काम लगभग पूरा कर लिया गया था, लेकिन देखरेख के अभाव में यह स्थान चोरों का प्रमुख अड्डा बन गया। एक-एक करके चोर दर्जनों खिड़कियों और दरवाजों को तोड़ कर चोरी कर ले गए। इतना ही नहीं जगह-जगह हुए विद्युत वायरिंग को भी तोडफ़ोड़ कर चोर वायर को भी ले गए हैं। वर्तमान में यहां धूल-डस्त से फर्स काले पड़ गए हैं और यहां सिर्फ दीवार ही नजर आ रहे हैं। ऐसे में जब पीडब्ल्यूडी विभाग ने डिग्री कॉलेज को यह छात्रावास हैंडओवर करना चाहा तो कॉलेज प्रबंधन ने लेने से मना कर दिया। क्योंकि आधे-अधूरे भवन को अपने अंडर लेकर फंसने के बजाय कॉलेज प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया। वहीं अब दोबारा इस भवन को सुधार करने में पीडब्ल्यूडी विभाग भी आनाकानी कर रहा है। ऐसे में इस सत्र भी छात्राओं को छात्रावास उपलब्ध नहीं हो पाया गया। अगर ऐसा ही रहा तो इस छात्रावास को बनने और हैंडओवर होने में और कई साल लग सकते हैं।
*असामाजिक तत्वों का बना अड्डा*
दरअसल इस छात्रावास के मेन गेट में ताला ही नहीं लगा है। जिससे यह छात्रावास असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है। अगर शुरू से ही यहां चौकीदार की व्यवस्था होती तो शायद यह छात्रावास अब तक शुरू हो जाता और छात्राएं रहने भी लगतीं, लेकिन शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण यह छात्रावास खंडहर में तब्दील हो गया है।
*वर्सन*
कन्या छात्रावास अभी पूरा ही नहीं हुआ है। न तो यहां पंखे लगे हैं और न ही रहने लायक कोई सुविधा है। चोर भी यहां के सामानों को चुरा कर ले गए हैं। ऐसी स्थिति में छात्राएं कैसे रहेंगी। काम पूरा होने के बाद पीडब्ल्यूडी हमें हैंडओवर देता है तो हम जरूर लेंगे, अब इसमें कितना समय लगेगा वो पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी ही बता पाएंगे।
*डॉ. प्रीति बाला बैस, प्राचार्या, डिग्री कॉलेज*
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