दिन भर बैठे, रात हुई तो वही सो गए और सूरज की पहली किरण के साथ ही जाग गए यह कोई फिल्मों की कहानी नहीं रायगढ़ कलेक्टर ऑफिस के सामने की सड़क की हकीकत है जो कि अभी भी अपने आंखों से जाकर देखी जा सकती है पढिए पूरी स्टोरी….



रायगढ़। रायगढ़ में किसी जनसुनवाई के लिए ऐसा विरोध वर्षों तक याद किया जाएगा जिसमें की अदानी की अंबुजा सीमेंट प्लांट के लिए होने वाली जनसुनवाई के विरोध में सैकड़ो ग्रामीण बच्चे बुजुर्ग सहित रात भर जिला कलेक्ट्रेट रायगढ़ के सामने ही केलो नदी के सर्द ठंडी हवा के झोंकों के मध्य बैठे और अपने हक के लिए बैठे तो ऐसे बैठे की जब मांग पूरी नहीं हुई तो रात को वही सो गए और सुबह हुई तो फिर पूरी ऊर्जा के साथ अपने जल जंगल और जमीन को बचाने के लिए अपना धरना जारी रखा हुआ है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है हम अपने जल, जंगल, जमीन और पर्यावरण को किसी भी कीमत पर बरबाद होने नहीं देंगे यह अधिकार हमें संविधान ने पेसा कानून देकर प्रदान किया है। और हम जब तक नहीं उठाएंगे जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी।


मेसर्स अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड कंपनी का पर्यावरण सहमति के लिए 11 नवंबर को भूमिगत कोयला खदान पुरुंगा के लिए जनसुनवाई प्रस्तावित है जिसका विरोध अब वृहद हो चुका है,आलम यह है कि प्रस्तावित ग्रामीणों के अलावा अब पूरे धरमजयगढ़ ब्लॉक सहित जिला तक के लोग कंपनी के विरोध में ग्रामीणों के साथ खड़े है। जिन्होंने रायगढ़ जिला मुख्यायल में सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष आकर जमकर धरना प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं है। समस्त ग्रामवासी दोपहर धरने पर बैठे और रात हुई तो उन्हें कोई आश्वासन या चर्चा न होने पर वही रात को सड़कों पर ही सो गए और सुबह पुनः पूरी ऊर्जा के साथ उठकर आंदोलन को जारी कर रखा है। उनके इस आंदोलन में पूर्व मंत्री खरसिया विधायक उमेश पटेल तथा स्थानीय धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया भी आंदोलन को समर्थन देने रायगढ़ आए। विधायक लाल जी तो रात भर ग्रामीणों के साथ मोर्चे पर डटे रहे है और शासन प्रशासन की रीति नीति पर जमकर निशाना साध रहे हैं।






