15 दिनों की मरम्मत की त्रासदी झेलने के बाद नहीं सुधर सकी ट्रेनों की दुर्गति
अब भी ट्रेनों की लेट लतीफा जारी, यात्रियों की परेशानी का नहीं हो पा रहा समाधान
रायगढ़। बीते 31 अगस्त से 15 सितंबर तक रायगढ़ रेलवे स्टेशन को चौथी लाइन से जोडऩे के लिए काम चला, किंतु इसके बाद भी ट्रेनों की गति नहंी सुधर सकी, गोंडवाना, जनशताब्दी, हावड़ा मुंबई मेल, अहमदाबाद जैसी दर्जनों ट्रेनों अपने निर्धारित समय से करीब 2 से 4 घंटे तक विलंब स्टेशन पहुंच रहीं हैं। आलम यह है कि ट्रेनों को छोटे स्टेशनों में करीब एक से डेढ़ घंटे तक रोका जा रहा है।
रेलवे स्टेशन को चौथी लाइन से जोडऩे का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही रद़द की गई ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया, लेकिन इन 15 दिनों की मरम्मत की त्रासदी झेलने के बाद नियमित रूप से चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों का हाल सुधर नहीं सका। बीते दिनों जनशताब्दी एक्सप्रेस खरसिया रेलवे स्टेशन में रात करीब 9.40 बजे पहुंची, लेकिन खरसिया से रायगढ़ पहुंचते-पहुंचते इस ट्रेन को रात करीब 2 बज गए। खरसिया से लेकर रायगढ़ तक यह ट्रेन कई बार रोका गया। जिसके बाद अगले दिन सुबह भी जनशताब्दी और गोंडवाना को रायगढ़ से रवाना होने में विलंब हो गया। इसी प्रकार अन्य ट्रेनों का हाल भी कु छ ऐसा ही रहा। डाउन दिशा की ओर जाने वाली लगभग सभी गाडिय़ों की चाल इसी प्रकार रही। डाउन दिशा की ओर जाने वाली सभी गाडिय़ां अपने निर्धारित समय से एक से 2 घंटे तक विलंब से स्टेशन पहुंची। उत्कल, साउथ बिहार, टाटानगर एक्सप्रेस ट्रेनों की चाल भी बिगड़ी हुई नजर आई। उक्त ट्रेनें अपने निर्धारित समय से दो से ढ़ाई घंटे तक विलंब से पहुंची। जानकारी के अनुसार बीते 17 सितंबर को अप दिशा की ओर जाने वाली पुरी-जोधपुर एक्सप्रेस 2 घंटे, मुंबई एलटीटी करीब साढ़े 4 घंटे, बिलासपुर एक्सप्रेस 2 घंटे, मुंबई-हावड़ा मेल करीब 4 घंटे, हावड़ा-पुणे आजाद हिन्द करीब साढ़े 4 घंटे, अहमदाबाद करीब 5 घंटे विलंब से पहुंची। इसी प्रकार 18 सितंबर को भी अहमदाबाद एक्सप्रेस जो सुबह 8.35 बजे आती है, दोपहर को करीब 2 बजे पहुंची।
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