Tuesday, September 9, 2025
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पैसेंजर से भी धीमी गति से चल रही बिलासपुर एक्सप्रेस

पैसेंजर से भी धीमी गति से चल रही बिलासपुर एक्सप्रेस, अन्य सुपर फास्ट व एक्सप्रेस का भी यही हाल


रायगढ़ से बिलासपुर पहुंचने में लग रहे 5 घंटे, मालगाडिय़ों को मिल रही प्राथमिकता
रायगढ़। रेलवे स्टेशन रायगढ़ को चौथी लाइन से जोडऩे व कोतरलिया में नॉनइंटरलॉकिंग कार्य की वजह से रेलवे ने 26 यात्री ट्रेनों को रद्द किया है। इसके अलावा अन्य जो ट्रेनें इस दौरान चल रही हैं उनकी चाल भी डगमगाई हुई है। आलम यह है कि सुपर फास्ट व एक्सप्रेस ट्रेनों की गति पैसेंजर से भी गई बीती हो चुकी है। ऐसी स्थिति में जिन यात्रियों को बिलासपुर या रायपुर से कनेक्टिंग ट्रेनों में आगे तक सफर करना है, वे बड़ी मुसीबत में पड़ गए हैं। क्योंकि रायगढ़ से बिलासपुर तक एक सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेन को पहुंचने में ही करीब 5 घंटे तक वक्त लग रहा है।
वर्तमान में रेलवे प्रबंधन नॉनइंटरलॉकिंग कार्य की वजह से 31 अगस्त से 15 सितंबर तक अलग-अलग तिथियों में 13 जोड़ी यानी 26 यात्री ट्रेनों को रद्द कर चुका है। हालांकि इस दौरान साउथ बिहार, उत्कल, अहमदाबाद, हावड़ा पोरबंदर, मुंबई मेल व बिलासपुर एक्सप्रेस आदि गाडिय़ों का परिचालन हो रहा है। किंतु इन सभी ट्रेनों की हाल क छुए के समान हो गई है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कहने को तो ये सभी एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें हैं जिनकी गति करीब 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की होती है, लेकिन वर्तमान में इनकी चाल पैसेंजर से भी धीमी हो गई है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण टाटा से बिलासपुर तक चलने वाली बिलासपुर एक्सप्रेस को जिसे रायगढ़ से बिलासपुर पहुंचने में करीब 5 घंटे लग गए, जबकि रायगढ़ से बिलासपुर की दूरी ट्रेन माध्यम से 133 किलोमीटर है। अमूमन रायगढ़ से बिलासपुर जाने के लिए एक सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेन को ढ़ाई से तीन घंटे लगते हैं। वैसे तो रेलवे प्रबंधन यात्री ट्रेनों के सही समय परिचालन को लेकर कई तरह के दावे करता है, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत ठीक विपरित ही नजर आती है। आलम यह है कि इन एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों के सही समय पर रेलवे स्टेशन पहुंचने की बात करें तो बीते करीब साल भर में एक बार भी ऐसा नहीं हुआ है जब उक्त ट्रेनें सही समय पर पहुंची हो। वहीं बीते कुछ महिनों से लगातार उक्त ट्रेनें अपने निर्धारित समय से तीन से लेकर 8 घंटे तक विलंब से आ रही हैं, लेकिन इस संबंध में रेलवे प्रबंधन अब तक सिर्फ दावे ही कर रहा है।

इस तरह चल रही एक्सप्रेस व सुपर फास्ट
गाड़ी संख्या 18113 बिलासपुर एक्सप्रेस का रायगढ़ रेलवे स्टेशन में पहुंचने का निर्धारित समय सुबह 3.31 बजे है, लेकिन सोमवार को यह ट्रेन सुबह 5 बजे पहुंची। वहीं इसे रायगढ़ से खरसिया पहुंचने में ही करीब एक घंटा लग गया। इसी प्रकार खरसिया से सक्ती पहुंचने में आधा घंटे से अधिक समय लग गया। यह ट्रेन बिलासपुर सुबह 6.30 बजे पहुंचनी चाहिए, लेकिन इसे बिलासपुर पहुुंचते पहुंचते ही 10 बज गए। इसी प्रकार हावड़ा-अहमदाबाद सुपरफास्ट का रायगढ़ पहुंचने का निर्धारित समय सुबह 8.35 है, जबकि यह ट्रेन करीब सवा तीन घंटे बाद 11.15 बजे आई। वहीं इस ट्रेन को रायगढ़ से खरसिया यानी करीब 32 किलोमीटर की दूरी तय करने में ही एक घंटा लग गया। ऐसा करते हुए यह ट्रेन बिलासपुर दोपहर 2.30 बजे पहुंची।

4-5 घंटे विलंब चल रही टे्रनें

अन्य ट्रेनों की बात करें तो हावड़ा से पुणे जाने वाली आजाद हिन्द एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से करीब साढ़े तीन घंटे, उत्कल एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे, साउथ बिहार एक्सप्रेस तीन घंटे विलंब से पहुंची। मुख्य बात यह है कि यह ट्रेनों प्रतिदिन विलंब से पहुंच रही हैं। इन ट्रेनों के विलंब होने की वजह से ऐसे यात्रियों को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है जिन्हें बिलासपुर, उस्लापुर या रायपुर से दूसरी ट्रेन पकडऩी है। कई बार तो इन ट्रेनों के विलंब होने के कारण कनेक्टिंग ट्रेन छूट जाती है।

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