Monday, December 1, 2025
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हमारा कोयला, हमारी जमीन, हमारा पानी, हमारी हवा… फिर भी बिजली महंगी क्यों? – आम आदमी पार्टी

हमारा कोयला, हमारी जमीन, हमारा पानी, हमारी हवा… फिर भी बिजली महंगी क्यों? – आम आदमी पार्टी

बिजली दर बढ़ाने का फैसला जनविरोधी, असंवेदनशील और आर्थिक रूप से बोझ बढ़ाने वाला है।

रायगढ़। छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी को लेकर आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार पर सीधा सवाल दागा है – “जब कोयला हमारा है, पानी हमारा है, हवा हमारी है, तो फिर हमारे लिए बिजली महंगी क्यों?” आम आदमी पार्टी रायगढ़ के नेता गोपाल बापोड़िया, रुसेन कुमार, और राजेंद्र एक्का ने इस बढ़ोतरी को जनविरोधी और आर्थिक अन्याय बताया है। उन्होंने कहा कि बिजली जैसी आवश्यक सेवा को महंगा करना आम जनता, विशेषकर गरीब, किसान और छोटे व्यापारियों के जीवन पर सीधा आघात है।

नए टैरिफ के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 20 पैसे और गैर-घरेलू उपभोक्ताओं को 25 पैसे अधिक देने होंगे। आम आदमी पार्टी ने कहा कि बिजली आज जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और रोजमर्रा की ज़रूरतें जुड़ी हुई हैं। ऐसे में दरों में बढ़ोतरी राज्य के 65 लाख उपभोक्ताओं और ग्रामीण जनता को सड़क पर लाने जैसा है।

आप नेता गोपाल बापोड़िया ने कहा, बिजली जीवन की बुनियादी ज़रूरत है। सरकार इसे महंगा कर जनता को सज़ा दे रही है। आम आदमी पार्टी नेताओं ने चेतावनी दी है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय किसानों के लिए काल बन सकता है। पहले ही महंगाई, डीज़ल की कीमतें और खाद-बीज की लागत ने किसानों की कमर तोड़ रखी है। अब सिंचाई के लिए जरूरी बिजली महंगी होने से उनकी परेशानियाँ और बढ़ेंगी।

छत्तीसगढ़ से बिजली खरीद कर अन्य राज्यों की सरकारें यहाँ से कम दरों पर बिजली बेच रही हैं। छत्तीसगढ़ ऐसा क्या हो गया कि यहाँ सरकार को बिजली महंगी करनी पड़ रही है। एक तरफ तो महतारी वंदन के नाम पर महिलाओं को उपहार स्वरूप 1000 रुपयों की सहायता राशि दी जा रही है दूसरी ओर बिजली दरों में बढ़ोत्तरी करके वसूलने का छुपा षडयंत्र कर रही है। जनता को सजग होने की जरूरत है।

आप नेता रुसेन कुमार ने कहा,सरकार ने 4550 करोड़ रुपये घाटे का हवाला देकर बिजली दरें बढ़ाई हैं। किसानों की खेती और मेहनत को घाटे की भरपाई का ज़रिया बनाना क्रूर मज़ाक है। लाइन लॉस, चोरी और प्रबंधन की विफलता के कारण हुए घाटे का बोझ आम उपभोक्ताओं पर डालना पूरी तरह अनुचित है। सरकार का फैसला जनविरोधी, असंवेदनशील और आर्थिक रूप से बोझ बढ़ाने वाला है।

आप नेता राजेंद्र एक्का ने कहा कि जो घाटा कंपनी की लापरवाही से हुआ, उसका भुगतान जनता क्यों करे?” राज्य की संपदा पर पहला अधिकार जनता का है, न कि घाटे की भरपाई की योजनाएँ बनाने वाली कंपनियों का।

आम आदमी पार्टी ने माँग की है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को बिजली पर विशेष सब्सिडी दी जाए। राज्य विद्युत वितरण कंपनी की कार्यप्रणाली और घाटे की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।

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