वित्त मंत्री के पहल पर डीएमएफ फंड से 1.20 करोड़ रूपये खर्च कर बाबा धाम कोसमनारा में होगी कई विकास कार्य
आस्था का केंद्र अमलीभौना बाबा सत्यनारायण धाम में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में होगी इजाफा
रायगढ़। देश भर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में कोसमनारा बाबा धाम धार्मिक आस्था का केंद्र है। भगवान भोले नाथ के भक्त बाबा सत्यनारायण भक्ति मे लीन है। श्रद्धालु भगवान शिव जी के अवतार के रूप में मानते है। वित्त मंत्री रायगढ़ विधायक ओ पी चौधरी के विशेष पहल पर अब शासन ने डीएमएफ फंड से 120 करोड़ की राशि विभिन्न विकास कार्यों के लिए स्वीकृति दी है।इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कई तरह की सुविधाएं प्राप्त होगी।
गौरतलब हो कि 27 साल पहले एक बालक अमलीभौना छोटे से गांव के रूप से शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर है इसे लोग जानते पहचानते थे। बाबा सत्यनारायण की तपस्या और भगवान भोलेनाथ की भक्ति मे 24 घंटे लीन रहने से लोगो मे आस्था जागृत हुई।तब से आज तक श्रद्धालुओं में यह आस्था का केंद्र बना है। हर साल करोड़ो भक्त यहां आते है। सावन सोमवार से दूर दूर से जलार्पण करने कावड़ श्रद्धालुओं की भक्ति से सरोबार रहता है। जिसमे शासन प्रशासन से लेकर राजनीतिक राजनेता, मुख्यमंत्री व अन्य दर्शनाभिलाषी हो चुके हैं। इन्हीं वस्तु स्थिति के मद्देनजर वित्त मंत्री रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी कद पहल से यहां अब कई विकास कार्यो को किया जाना प्रस्तावित है।जिसमें कुल राशि 1 करोड़ 20 लाख की लागत से 4 प्रमुख कार्य किया जाना है यह सभी कार्य श्रद्धालुओं से जुड़ा है। शासन की ओर से डीएमएफ से राशि स्वीकृति मिलने के बाद भक्तों को यहां कई तरह की मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलेगा। कोसम नारा बाबा धाम में भक्तों को मिलने वाली सुविधाओं से हर्ष का माहौल है।
बाबा धाम यह होंगे विकास कार्य
मुख्य भवन के सामने ग्रेनाइट फर्म सहित शेड भवन का निर्माण कार्य हेतु राशि में 35.00 लाख, कोसमनारा में आगंतुकों (जनता) के विश्राम एवं भोजन हेतु शेड भवन का निर्माण कार्य हेतु राणि रु 50.00 लाख, बाबाधाम, कोममनारा में शौचालय परिसर भवन का निर्माण कार्य हेतु राशि रु 25.00 लाख, पार्किंग क्षेत्र हेतु स्टैम्प्ड कंक्रीट का निर्माण कार्य हेतु राशि रु 10.00 लाख कुल 04 कार्य हेतु राशि रु 120.00 लाख यानी एक करोड़ 20 लाख रूपये की राशि से विकास कार्य होगी।
27 सालों से तपस्या में लीन,यही वजह है श्रद्धालु मानते है साक्षात भगवान भोले नाथ
सत्यनारायण बाबा देवरी डूमरपाली नामक गांव के मूल निवासी हैं, जिनका जन्म 12 जुलाई 1984 में हुआ था। इनके पिता का नाम दयानिधि और उनके माता का नाम हंसमती है। बाबा का नाम जन्म से हलधर रखा था। उनके दादा उन्हें सत्यम कहकर पुकारते थे। 16 फरवरी 1998 को हलधर घर से स्कूल के लिए निकले और अपने गांव से लगभग 18 किलोमीटर दूर कोसमनारा गांव में तप करने बैठ गए। इस दौरान बाबा एक पत्थर को शिवलिंग मानकर अपनी जीभ काटकर शिव तपस्या में लीन हो गए। यहीं से उनके बाबा सत्यनारायण बनने की कहानी शुरू हुई।
बताया जाता है कि सत्यनारायण बाबा 27 सालों से तपस्या में लीन हैं। एक ही जगह पर 12 महीने बाबा बैठे हैं। बाबा को देखने के लिए हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है। शिवलिंग के पास बाबा की अनुमति से धुनी प्रज्जावलित की गई है। उस जगह पर तब से लेकर आज तक अखंड धुनी जल रही है उस दिन से लेकर आज तक बाबा उसी स्थान पर बैठकर तप कर रहे हैं। बाबा पहले जमीन में भक्तों के आग्रह पर बाबा चबूतरा पर बैठकर तपस्या में लीन रहते हैं। वहीं, यह है कि श्रद्धालु उन्हें साक्षात भगवान मानते हैं।




