ठंड बढ़ते ही निगम की अलाव व्यवस्था की लौ बुझी,राहगीर और श्रमवीर ठिठुरने को मजबूर
पारा गिरते ही निगम प्रशासन की उदासीनता आने लगी नजर, जिम्मेदारों की चुप्पी से लोगो मे रोष
रायगढ़। मौसम का मिजाज उत्तरी हवाओ से बदला हुआ है। ठंड में काफी इजाफा हुआ है। तापमान भी 6 डिग्री गिर गया और इससे शीत लहर चल रही है। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना जताई गई है। इन सभी के बीच विडंबना यह की चौक चौराहें में निगम प्रशासन द्वारा राहगीरों को सड़क पर रहने वाले एवं श्रम वीरों को ठंड से बचाने प्रमुख चौक चौराहे पर अलाव जलवाए थे चूकि अब लकड़ी की व्यवस्था नही होने पर इसकी लौ बुझ चुकी है ।
निगम प्रशासन द्वारा शहर के प्रमुख चौक चौराहे, सार्वजनिक स्थलों, बस स्टैंड रेलवे स्टेशन पर राहगीरों रिक्शा, ऑटो, वाहन चालक, सड़क पर रहने वाले लोगों, श्रमवीर और शहर से आने जाने वाले राहगीरों को ठंड से बचाने के लिए पखवाड़े भर पहले से प्रमुख चौक चौराहा पर अलाव जलाए थे। मेडिकल कॉलेज के अंदर, मेडिकल कॉलेज रोड ऑटो स्टैंड के पास, चक्रधर नगर चौक के पास, जिला चिकित्सालय के अंदर, रामनिवास टॉकीज चौक के पास, रेलवे स्टेशन के पास, रेलवे स्टेशन ऑटो स्टैंड के पास, डॉ रूपेंद्र पटेल हॉस्पिटल के अंदर, केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड के पास, केवड़ाबाड़ी ऑटो स्टैंड के पास अलाव जलाने की व्यवस्था की गई थी। ताकि राहगीर एवं जरूरतमंद लोग आग ताप कर राहत पा रहे हैं। परंतु अब इसकी लौ बुझ चुकी है इसका सीधा असर इन सार्वजनिक स्थानों में रहने व जरूरत मंद लोग ठिठुरने को मजबूर है। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों द्वारा भी नगर निगम तथा शहर सरकार के कार्यप्रणाली पर नारजागी जाहिर कर रहे है।
रोजगार के लिए रात में रहते है श्रम वीर
शहर में कई ऐसे स्थान है जहां रोजना बड़ी संख्या रात्रि में यात्री आवागमन करते है। जिनमे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन प्रमुख स्थान है इसके अलावा रात्रि में मजदुरी तथा वाहनो से समान अनलोडिंग का कार्य भी श्रम वीर करते है जबकि शहर के अमुमन बड़े अस्पताल एवं सरकारी अस्पताल में मरीजों का आवजाही रहता है। यहाँ आटो और मजदूर रोजगार के लिए उपलब्ध रहते है चूकि प्रशासन की ओर ओर कोई पहल नही होने से वे कड़ाके की ठंड से जद्दोजहद करने को मजबूर है।