मां की करनी की सजा भुगत रहे हैं दुधमुंहे सहित 4 मासूम बच्चे, कट रहा जेल में बचपन
60 बंदियों की क्षमता वाले जेल में 57 महिलाएं विभिन्न प्रकरण में जेल की चार दीवारों में कैद
महिलाओं व उनके बच्चों की हो रही है सम्पूर्ण देखभाल : एसपी कुर्रे

जनकर्म न्यूज
रायगढ़। जिले में बदलते भगौलिक हालत से अपराध का गढ़ बन रहा है। इस बदलते समाजिक परिवेश में महिलाएं तेजी से अपराध की दलदल में समा रही है। जिससे उनकी गिरफ्तारी कर जेल दाखिल की कानूनी औपचारिकता पूरी की जाती है, कई महिलाएं ऐसी है, जिनके दुधमुंहे बच्चे, नवजात व मासूम बच्चों को भी जेल की चारदीवारी के अंदर अपना बचपन गुजारना पड़ता है। जिला जेल में इनदिनों 4 मासूम ऐसे है, जो मां की अपराधिक करनी की सजा भूगतने को मजबूर हैं।
रायगढ़ जिला जेल में इन दिनों 57 निरुद्ध महिला बंदी मौजूद है। हाल के दिनों में अपराधिक वारदातों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसमें महिलाएं भी घर का चूल्हा चौका छोड़ अपराध के रास्ते पर चल पड़ी है। जिसकी वजह से एक से विगत कुछ साल में महिला बंदियों की संख्या में करीब बढ़ातेरी दर्ज की गई है। जानकारों की माने तो इसके लिए महिलाओ में धैर्य की कमी व शराब का सेवन, मुख्य वजह है। जिसकी वजह से उत्तेजित होकर अपराधिक वारदात को अंजाम दे देती हैं। इसके अलावा कई महिला बंदी शराब के प्रकरण में जेल में बंद है। वर्तमान में 4 बंदियों में 3 ऐसे महिला बंदी है। ये महिला बंदी विभिन्न अपराध में जेल में कुछ माह से निरुद्ध है। बहरहाल समाजिक परिवेश से दूर जेल की चारदीवारी व खाकी वर्दीधारियों के बीच मां की गलतीं की सजा के तौर पर अपना बचपन बिताने को मजबूर हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बनाई है गाइडलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए गाइडलाइन बनाई है, जिसके अनुसार जेल में बंद महिला बंदियों के साथ उनके 6 साल तक के बच्चों को साथ रखने की अनुमति है। इन बच्चों की मनोदशा पर जेल के माहौल का विपरीत प्रभाव न पड़े, इसलिए कई तहर के नियम बनाए गए हैं। इन्ही नियमों एवं कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार जेल प्रशासन बच्चों की देखरेख करता है। बच्चों को खाने के लिए फल, पीने के लिए दूध, भोजन में खीर आदि पौष्टिक आहार दिया जाता है, जिससे वह शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर न हो पाएं। इसके अलावा जेल परिसर में ही प्रारंभिक शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
महिलाओं व उनके बच्चों की हो रही है सम्पूर्ण देखभाल : एसपी कुर्रे
जिला जेल अधीक्षक एसपी कुर्रे ने से चर्चा पर बताया कि वर्तमान मे बढ़ते अपराध की वजह से हाल के दिनों में महिला बंदियों की संख्या में बढ़ातेरी दर्ज की गई है। महिलाएं भी बड़ी संख्या में विभिन्न अपराध में जेल में निरुद्ध हो रही है। अभी 4 महिला बंदी है। इन महिला बंदियों के 4 मासूम बच्चे भी उनके साथ है। जिन्हें कपड़े, किताब व खिलौने, स्वास्थ्य से जुड़ी एवं हर जरूरी आवश्यक चीजो को उपलब्ध कराएं गए हैं।




